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कैप्टन अमरिन्दर सिंह पोस्ट मैट्रिक वज़ीफ़ा स्कीम के 2017-18 के बकाया फंड का मामला प्रधान मंत्री के समक्ष उठाएंगे

कैप्टन अमरिन्दर सिंह पोस्ट मैट्रिक वज़ीफ़ा स्कीम के 2017-18 के बकाया फंड का मामला प्रधान मंत्री के समक्ष उठाएंगे
  • PublishedJanuary 24, 2020


चंडीगढ़, 23 जनवरी: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक वज़ीफों की बकाया अदायगी जारी करने में हुई देरी का गंभीर नोटिस लेते हुए कहा कि वह इस मसले को प्रधान मंत्री के समक्ष उठाएंगे।


पोस्ट मैट्रिक वज़ीफ़ा स्कीम की प्रगति का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधान मंत्री से अपील करके साल 2017-18 के लिए केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के अंतर्गत 780 करोड़ की राशि बिना किसी देरी के जारी करने के लिए उनके दख़ल की माँग करेंगे।

मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव को इस सम्बन्ध में भारत सरकार को सौंपा जाने वाला केस जल्द से जल्द तैयार करने और इस स्कीम के अंतर्गत ज़रुरी फंड तुरंत जारी करने के लिए विधि तलाशे जाने के लिए कहा।

साल 2016-17 के लिए इस स्कीम के अंतर्गत 309 करोड़ रुपए के बकाया फंड का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग को साल 2016-17 के लिए इस सम्बन्ध में राज्य के हिस्से की 57 करोड़ की बकाया राशि तुरंत जारी करने के लिए कहा ताकि आवश्यक उपयोग प्रमाणपत्र केंद्र सरकार को सौंपे जा सकें जिससे इस समय का 309 करोड़ रुपए का बनता केंद्रीय हिस्सा जल्द जारी होने के लिए रास्ता साफ होगा। उन्होंने विभाग को 31 जनवरी, 2020 तक हर हाल में उपयोग प्रमाणपत्र सौंपने को यकीनी बनाने के हुक्म दिए।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव को कहा कि 57 करोड़ की राशि एक हफ़्ते में योग्य विद्यार्थियों को बांटना यकीनी बनाया जाये। उन्होंने यह भी हिदायत की कि एक बार सर्टिफिकेट सौंपे जाने पर सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक विभाग द्वारा 309 करोड़ रुपए की राशि जल्द जारी करवाने के लिए केंद्र सरकार के पास पैरवी की जाये।

अनुसूचित जाति के केल्याण हेतु अपनी सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मुख्य सचिव को पोस्ट मैट्रिक वज़ीफ़ा स्कीम की प्रगति की निरंतर निगरानी करने के लिए कहा जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों का करियर किसी भी कीमत पर खऱाब न हो।

यह जि़क्रयोग्य है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने 17 जून, 2018 को केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री को पत्र लिखकर अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक वज़ीफ़ा स्कीम के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों की समीक्षा करने के लिए कहा था क्योंकि नये दिशा-निर्देशों से इस स्कीम का उद्देश्य ही ख़त्म हो जायेगा और यह कदम अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को और कठिन स्थिति में धकेलने के अतिरिक्त उनकी सरकार पर अवहनीय वित्तीय बोझ डालेगा।
मीटिंग में उपस्थित शख़्िसयतों में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत,

मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, प्रमुख सचिव वित्त अनिरूद्ध तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव कृपा शंकर सरोज, तकनीकी शिक्षा के प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा, स्वास्थ्य विभाग के सचिव कुमार राहुल, उच्च शिक्षा के सचिव राहुल भंडारी, स्कूल शिक्षा के सचिव कृष्ण कुमार, पशु पालन के सचिव राज कमल चौधरी, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत किरपाल सिंह और सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक विभाग के डायरैक्टर दविन्दर सिंह भी उपस्थित थे।

Written By
The Punjab Wire