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स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा 15 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी

स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा 15 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी
  • PublishedJanuary 24, 2020

कैप्टन के नेतृत्व वाली सरकार राज्य भर में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने को यकीनी बनाने के लिए सक्रियता के साथ कार्यशील-बलबीर सिंह सिद्धू


चंडीगढ़, 23 जनवरी। सरबत सेहत बीमा योजना (एस.एस.बी.वाई.) को सुचारू ढंग से लागू करने के लिए कार्यवाही करते हुए स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट(एस.ए.एफ.यू) ने धोखाधड़ी करने वाले 15 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किये हैं। एस.एस.बी.वाई. के अंतर्गत पाई गई धोखाधड़ी /अनियमितताओं सम्बन्धी किसी भी घटना की सक्रियता के साथ निगरानी करने और नियमों का पालन करवाने और स्कीम संबंधी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करने सम्बन्धी एस.ए.एफ.यू को निर्देश दिए गए हैं। यह प्रगटावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने आज एक प्रैस बयान में किया।


मंत्री ने बताया कि एस.ए.एफ.यू टीम द्वारा पंजाब के अस्पतालों में अनियमितताओं /धोखाधडिय़ों से जुड़े सभी मामलों का उन्होंने स्वयं निरीक्षण किया है। उन्होंने बताया कि एस.ए.एफ.यू की टीम के मुताबिक राज्य के कई अस्पतालों को अब तक 15 कारण बताओ नोटिस जारी किये गए हैं, जुर्माना लगाया गया है और कुछ अस्पतालों को चेतावनी पत्र भी जारी किये गए हैं जो कथित तौर पर एस.एस.बी.वाई. की शर्तों का उल्लंघन करने में शामिल थे।

बलबीर सिंह सिद्धू ने स्पष्ट किया कि एस.ए.एफ.यू की टीम द्वारा जिन कोताहियों और अनियमितताओं के सम्बन्ध में कारण बताओ नोटिस /चेतावनी पत्र जारी किये और जुर्माने किये गए हैं उनमें गलत रैफरल मामले, अयोग्य लाभपात्रियों द्वारा दवाएँ और अस्पतालों से इलाज के लिए पैसे लेना, जनरल वॉर्ड में दाखि़ल मरीज़ों द्वारा आई.सी.यू. वॉर्डों के पैसे का दावा करना, सूचीबद्ध अस्पताल द्वारा लाभपात्रियों को नकद रहित इलाज सुविधाएं प्रदान करने से इन्कार करने और एक बार अस्पताल में भर्ती होकर एक से अधिक सर्जीकल पैकेज का दावा करने जैसे मामले शामिल हैं।

मंत्री ने आगे बताया कि एस.एस.बी.वाई के अधीन सेकेंड्री और ट्रशरी स्वास्थ्य सेवाओं की आसान पहुँच को यकीनी बनाने के लिए पंजाब सरकार ने ऐसी जालसाजिय़ांं को रोकने के लिए सभी जि़लों में डी.ए.एफ.यू (जि़ला एंटी फ्रॉड यूनिट) स्थापित किये गए हैं। डीएएफयू को हिदायत की गई थी कि अगर कोई स्वास्थ्य संस्था किसी धोखाधड़ी या अनियमितताओं के मामले से सम्बन्धित हो तो उसके विरुद्ध तुरंत कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि पूरी जांच के बाद सम्बन्धित डीएएफयू मामले को अगली कार्यवाही के लिए स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट के पास भेजता है।

बलबीर सिंह सिद्धू ने स्पष्ट किया कि सरकारी अस्पतालों के सीमित 124 स्वास्थ्य पैकजों के अलावा लाभपात्री दिल की सजऱ्री, जोड़ों की तबदीली, कैंसर के इलाज और अन्य इस स्कीम अधीन आने वाली इलाज की सेवाओं के लिए सीधे तौर पर सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पतालों में भी जा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई जिला हस्पताल 124 सीमित स्वास्थ्य पैकेज मुहैया करवाने के योग्य नहीं है तो केस बिना किसी देरी के तुरंत निजी हस्पताल के पास भेजे जाएंं।

एस.एस.बी.वाई. अधीन दी जातीं सेवाओं बारे रौशनी डालते हुए मंत्री ने बताया कि अब तक 1,22,798 मरीज़ों को 132.45 करोड़ रुपए की इलाज सेवाएं मुहैया करवाई जा चुकी हैं और लाभपात्रियों को 40,35,910 ई -कार्ड जारी किये जा चुके हैं। इनमें से लगभग 2010 दिल की सजऱ्री के इलाज में सहायता प्राप्त कर चुके हैं, 1981 कैंसर का इलाज करवा चुके हैं, 18,050 को डायिलसिस की सुविधा मिली है और 2630 बुज़ुर्गों के कंधे / घुटने बदले गए हैं।
लोगों के वित्तीय बोझ को घटाने के लिए पंजाब सरकार सभी मरीज़ों और पूरे राज्य में लगभग 662 सूचीबद्ध अस्पतालों को सेवाएं मुहैया करवाने के लिए ज़ोरदार ढंग से यत्न कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लाभपात्रियों की सुविधा के लिए जिला शिकायत निवारण समितियाँ भी स्थापित की हैं।

Written By
The Punjab Wire