गृह, जेल, पुलिस समेत विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारी हुए शामिल
हाई सिक्योरिटी ज़ोन, फुल बॉडी स्कैनर, सी.सी.टी.वीज़ और नये स्टाफ की भर्ती पर दिया ज़ोर
चंडीगढ़, 13 जनवरी: जेल मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज जेलों के अंदर सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता बनाने के लिए बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने, अपेक्षित स्टाफ पूरा करने और आपसी तालमेल को और बेहतर बनाने के लिए गृह, जेल और पुलिस समेत अन्य विभिन्न सम्बन्धित विभागों के सीनियर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग की।
मीटिंग के उपरांत प्रैस को विवरण देते हुए स. रंधावा ने बताया कि राज्य की जेलों में बनाए जाने वाले 21 उच्च सुरक्षा ज़ोनों में से 12 मुकम्मल हो गए हैं और जबकि बाकी 9 का काम बहुत तेज़ी से चल रहा है।
उन्होंने कहा कि यह ज़ोन अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीकों से लैस होंगे जिनमें ‘ए’ कैटेगरी के अपराधियों को रखा जायेगा। इसके साथ ही जेलों में सुरक्षा के पक्ष से सिर से पैरों तक शरीर की जांच के लिए स्कैनर (फुल बॉडी स्कैनर) लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मीटिंग के दौरान इस बात पर भी विचार-विमर्श हुआ कि जेलों की दीवारों के ऊपर से फेंकी जाने वाली वस्तुएँ /मोबाइल को रोकने के लिए ऐसी सुरक्षा व्यवस्था कायम की जाये जो जेलों की 100 प्रतिशत सुरक्षा को यकीनी बनाए। इसके अलावा सी.सी.टी.वीज़ कैमरे पहले ही स्थापित किये गए हैं और भविष्य में रंगदार कैमरे स्थापित करने का भी प्रस्ताव है।
मीटिंग में जेलों के लिए ज़रुरी स्टाफ की पूर्ति के लिए नयी भर्ती और पुलिस विभाग से डैपूटेशन पर अधिकारी लेने के लिए विचार-चर्चा हुई जिस संबंधी खुलासा करते हुए स. रंधावा ने बताया कि 305 नये वार्डरों की भर्ती की जायेगी जिस सम्बन्धी मंत्री मंडल द्वारा मंज़ूरी मिल गई थी। इसके अलावा नयी भर्ती के लिए खाली पदों का पता लगाने के लिए पदों का पुनर्गठन किया जाये। जेल मंत्री ने आगे बताया कि पुलिस विभाग से 20 इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों को डैपूटेशन पर लेकर डिप्टी सुपरडैंट ग्रेड-2, दो सीनियर ए.आई.जी./एस.पी. को डी.आई.जी. जेल और 6 एस.पी. रैंक के अफसरों को लेकर सुपरडैंट जेल के पद पर तैनात करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का फ़ैसला हुआ।
जेल मंत्री ने आगे बताया कि राज्य की छह जेलों की सुरक्षा के लिए सी.आर.पी.एफ. की तैनाती का केस केंद्र को भेजा गया था जिसमें से चार जेलें अमृतसर, बठिंडा, कपूरथला और लुधियाना में सी.आर.पी.एफ. तैनात कर दी गई है जबकि दो जेलें में अभी भी बाकी रहती हंै।
उन्होंने कहा कि इस मामले की पैरवी के लिए गृह मंत्रालय के पास पहुँच करने का फ़ैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि जेलों में कैदियों की संख्या का अनुपात सही रखने के लिए गोइन्दवाल साहिब में बन रही नयी जेल का काम 75 प्रतिशत मुकम्मल हो गया है। जेल मंत्री ने अपने अधिकारियों और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जेल के निर्माण का कार्य जल्द पूरा किया जाये।
जेल मंत्री ने आगे बताया कि मीटिंग के दौरान यह भी फ़ैसला किया गया कि जेलों के लिए नयी ऐंबूलैसें खरीदने के लिए राज्य के संसद सदस्यों के पास पहुँच की जाये जिससे यह एम.पी. लैंड फंड में से खरीदी जा सकें क्योंकि इसको संसद मैंबर के ऐच्छिक कोटे में से खरीदने का उपबंध है। उन्होंने कहा कि कुछ संसद सदस्यों के साथ उन्होंने निजी तौर पर बात की है जिन्होंने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रकट की है। इसी तरह जेल स्टाफ के लिए ज़रूरी गाड़ीयाँ खरीदने के लिए केस तैयार करके वित्त विभाग को भेजा जायेगा।
मीटिंग में अन्यों के अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री सतीश चंद्रा, प्रमुख सचिव जेल आर. वैंकट रत्नम्, डी.जी.पी. श्री दिनकर गुप्ता, ए.डी.जी.पी. (प्रशासन) गौरव यादव, ए.डी.जी.पी. (जेल) परवीन कुमार सिन्हा, आई.जी. (जेल) श्री आर.के. अरोड़ा, डी.आई.जी. (प्रशासन) श्री गुरप्रीत सिंह तूर, जल सप्लाई और सेनिटेशन के अतिरिक्त सचिव मुहम्मद इशफ़ाक, लोक निर्माण विभाग के एस.ई. सुखदेव सिंह आदि उपस्थित थे।