सेना में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा न कि तादाद पर
भारतीय सेना के अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने शनिवार को दिल्ली में पहली मीडिया कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने आने वाले दिनों में सेना को लेकर अपनी दूरदर्शिता को साझा किया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सेना में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा न कि तादाद पर। फिर चाहे सेना के लिए उपकरण खरीदने हो या फिर जवानों की भर्ती। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य के लिए जवानों को प्रशिक्षण देकर तैयार करना होगा। पहले की तुलना में आज सेना बेहतर तैयार है।
कांफ्रेस में सेनाध्यक्ष ने कहा की प्रशिक्षण का फोकस भविष्य के युद्धों के लिए सेना को तैयार करने पर होगा जो नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा। यही वह जगह है जहां हमारे प्रशिक्षण का जोर होगा। हमारा ध्यान सेना के भीतर और सभी सेवाओं के बीच एकीकरण पर होगा। हम सबको साथ लेकर चलेंगे।
जनरल नरवणे ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का गठन और सैन्य मामलों के विभाग का निर्माण एकीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है और हम अपनी ओर से यह सुनिश्चित करेंगे कि यह सफल रहे।संविधान के प्रति निष्ठा की लेते हैं शपथसेना के रूप में हम भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं और यह हमें हर हमारे कार्यों के प्रति मार्गदर्शन करता है। संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।
चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किये जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। हमने उत्तरी सीमा पर तैयारियों का पुनर्संतुलन प्रारंभ किया है, जिसमें उन्नत हथियार प्रणाली की तैनाती शामिल है।
राजनीतिक नेतृत्व द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भारत में शामिल करने की टिप्पणी पर सेना प्रमुखने कहा, यह एक संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। यदि संसद यह चाहती है, तो उस क्षेत्र (पीओके) को भी भारत में होना चाहिए। जब हमें इस बारे में कोई आदेश मिलेंगे, तो हम उचित कार्रवाई करेंगे।
पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी सेना द्वारा दो निहत्थे नागरिकों की हत्या पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘हम इस तरह की बर्बर गतिविधियों का सहारा नहीं लेते हैं और एक बहुत ही पेशेवर ताकत के रूप में लड़ते हैं। हम सैन्य रूप से ऐसी परिस्थितियों से उचित तरीके से निपटेंगे।
जनरल नरवणे ने कहा सियाचिन को लेकर कहा, सियाचिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है जहां एक फॉर्मेशन पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों की देखभाल कर रहा है। यह रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है। यह वहीं है जहां सांठ-गांठ हो सकती है।
कश्मीर घाटी में तैनात सेना के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘जमीन पर कमांडर के जजमेंट (निर्णय) कॉल का सम्मान किया जाना चाहिए। जो भी शिकायतें दर्ज हुई थीं वह सभी निराधार साबित हुई हैं।
सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने सेना में अधिकारियों की कमी पर कहा, अधिकारियों की कमी है लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि इसके लिए आवेदन करने वाले लोगों की कमी है। हमने बल में अधिकारियों के चयन के लिए मानकों को कम नहीं किया है। छह जनवरी से 100 महिला जवानों के पहले बैच का प्रशिक्षण सैन्य पुलिस में शामिल होने के लिए शुरू हो गया है।
पाकिस्तान और चीन सीमा पर सेना को संतुलित करने की आवश्यकता पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘संतुलन की आवश्यकता है क्योंकि उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर समान ध्यान देने की आवश्यकता है।’ तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि हम पहले की तुलना में आज ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार हैं।
सेना की परिचालन प्राथमिकताओं पर सेनाध्यक्ष ने कहा, ‘जहां तक भारतीय सेना का सवाल है हमारे लिए अल्पावधि खतरा घुसपैठ को रोकने के लिए की जाने वाली कार्रवाई है। वहीं दीर्घकालिक खतरा पारंपरिक युद्ध है और इसकी हम तैयारी कर रहे हैं।’