भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के विवाद में कूद गए हैं। मुरली मनोहर जोशी ने अपने ट्वीट संदेश में जेएनयू के वाइस चांसलर को हटाने की बात कही है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विवाद में कूद गए हैं। मुरली मनोहर जोशी ने अपने ट्वीट संदेश में जेएनयू के वाइस चांसलर को हटाने की बात कही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मुरली मनोहर जोशी मानव संशाधन विकास मंत्री थे।
मुरली मनोहर जोशी ने जेएनयू विवाद पर अपने ट्वीट संदेश में कहा ”इस तरह की रिपोर्ट्स हैं कि एचआरडी मंत्रालय ने दो बार जेएनयू के वाइस चांसलर को जेएनयू में फीस वृद्धि के मुद्दे को सुलझाने के लिए एक जायज वर्किंग फार्मूला लागू करने के लिए दो बार कहा था। उसे (वाइस चांसलर) को छात्रों और अध्यापकों से मिलकर बात करने की सलाह भी दी गई थी। यह खौफनाक है कि वाइस चांसलर ने सरकार के आदेश को लागू नहीं करने का हठ अपनाया। यह नजरिया निंदनीय है और मेरी राय में ऐसे वाइस चांसलर को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”
— Murli Manohar Joshi (@drmmjoshibjp) January 9, 2020
बता दें कि इससे पहले मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे ने कहा कि जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाना समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि शुल्क लागू नहीं किए जाने के छात्रों के दावे को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय शुक्रवार को फिर से जेएनयू कुलपति से बात करेगा।