चंडीगढ़, 7 जनवरी:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को ऐलान किया कि राज्य सरकार द्वारा नौवें पातशाह श्री गुरु तेग़ बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व बड़े स्तर पर मनाया जायेगा जिसके प्रोग्राम साल भर चलेंगे। अगले साल 18 अप्रैल 2021 को 400वां प्रकाश पर्व मनाने के लिए पंजाब सरकार इस साल 12 अप्रैल को 399वां प्रकाश पर्व के अवसर पर बड़ा समागम करवा कर साल भर मनाए जाने वाले समागमों की लड़ी आरंभ करेगी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने सरकारी निवास में उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पर्यटन एवं संस्कृतिक मामले विभाग 399वें प्रकाश पर्व के अवसर पर ऐतिहासिक कस्बा बाबा बकाला में बड़ा समागम करवाकर साल भर के समागमों की शुरुआत करेगा जिनकी समाप्ति 18 अप्रैल 2021 को 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री आनन्दपुर साहिब में होगी।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि श्री गुरु तेग़ बहादुर जी द्वारा धर्म, सच्चाई और विश्वास की आज़ादी को कायम रखने के लिए दिए अतुल्य और महान बलिदान को हम सभी को याद रखना चाहिए और गुरू जी की शिक्षाओं को दुनिया के कोने -कोने तक पहुँचाना चाहिए।
जि़क्रयोग्य है कि श्री गुरु तेग़ बहादुर जी (1 अप्रैल 1621 – 11 नवंबर 1675) ने हिंदुओं/कश्मीरी पंडितों और ग़ैर मुसलमानों के ज़बरदस्ती इस्लाम धर्म में बदलने का विरोध किया और गुरू जी को 1675 में मुग़ल बादशाह के आदेशों पर दिल्ली के चाँदनी चौक में शहीद कर दिया गया था।मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपनी अध्यक्षता में कार्यकारी कमेटी बनाने की भी मंजूरी दी जो कि समागमों के व्यापक रूपों को अंतिम रूप देगी। इसके अलावा गुरू जी के उपदेशों को फैलाने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा साल भर करवाए जाने वाले प्रोग्रामों की रूप-रेखा तैयार करने और तालमेल बिठाने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में स्टीयरिंग कमेटी बनाने की भी मंजूरी दी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों बारे मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को तीन शहरों अमृतसर (गुरू जी का जन्म स्थान), बाबा बकाला (जहाँ गुरू जी अपने पैतृक घर में लम्बे समय तक रहे) और श्री आनन्दपुर साहिब (श्री गुरू तेग़ बहादुर जी द्वारा स्थापित शहर) के सर्वपक्षीय विकास के लिए स्थानीय संसद मैंबर और विधायक को साथ लेकर व्यापक प्रस्ताव बनाने के लिए कहा जिससे इस ऐतिहासिक दिवस को बड़े स्तर पर मनाने के लिए वित्तीय सहायता लेने हेतु भारत सरकार को केस भेजा जा सके।
मुख्यमंत्री ने ऊच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, खेल, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के अलावा पंजाब कला परिषद् को प्रसिद्ध सिख विद्वानों, इतिहासकारों, अकादमिक माहिरों द्वारा सैमीनार, भाषण आदि के धारावाहिक प्रोग्रामों की रूप रेखा बनाने के लिए कहा। इसके साथ ही कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पर्यटन एवं सभ्याचार मामलों के सचिव को कहा कि श्री आनन्दपुर साहिब में बाबा जीवन सिंह जी (भाई जैता जी) की यादगार को जल्द से जल्द मुकम्मल किया जाये जिससे ऐतिहासिक दिवस के मौके पर यह संगत को समर्पित किया जा सके।
यह बात याद रखने योग्य है कि महान सिख जनरल भाई जैता जी ने श्री गुरु तेग़ बहादुर जी का पवित्र शीश दिल्ली से आनन्दपुर साहिब लाया था।इस दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने बताया कि गुरू जी की चरण स्पर्श प्राप्त 99 गाँवों /कस्बों की शिनाख़्त कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने पर्यटन और सभ्याचार मामलों के सचिव को कहा कि इन स्थानों को इतिहासकारों की कमेटी से बारीकी के साथ प्रमाणित करें जिससे इन गाँवों /कस्बों के मौजूदा बुनियादी ढांचे और नागरिक सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए विकास अनुदान देने के लिए विचारा जा सके।
मीटिंग में अन्यों के अलावा पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों बारे मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, पंजाब कला परिषद् के चेयरमैन डॉ. सुरजीत पातर, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्थानीय निकाय संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विकास प्रताप, सचिव पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले हुसन लाल, सचिव सूचना एवं लोक संपर्क गुरकिरत किरपाल सिंह, सचिव ऊच्च शिक्षा राहुल भंडारी, डायरैक्टर पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले मालविन्दर सिंह जग्गी, अतिरिक्त सचिव जल सप्लाई और सेनिटेशन मुहम्मद इशफ़ाक और स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डॉ. अमरपाल सिंह उपस्थित थे।