सिनेमा बनेंगे मल्टीपलैक्स तथा उद्योग, ग्रुप हाउसिंग और अस्पतालों के लिए नियमों में दी ढील
चंडीगढ़, 7 जनवरी:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को संशोधित लोक-समर्थकी पंजाब म्युंसिपल बिल्डिंग नियम जारी किये। यह संशोधित नियम पुरानी व्यवस्थाओं की कमियों को दूर करते हुए राज्य में ढीले निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं।स्थानीय निकाय बारे मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा के अनुसार नये नियमों में रिहायशी, व्यापारिक और औद्योगिक इमारतें, होटल, मल्टीप्लेक्स और अन्य बुनियादी ढांचों के निर्माण सम्बन्धी प्रोजैक्ट शामिल हैं।
इसका उद्देश्य सभी हितधारकों के लिए राज्य में निर्माण गतिविधियों को निर्विघ्न और सुचारू ढंग से चलाना है जिससे राज्य में इस क्षेत्र को पुनर्जीवित किया जा सके।स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि स्थानीय निकाय विभाग के टाऊन प्लानिंग विंग की तरफ से इन नियमों को 31 दिसंबर 2019 को नोटीफायी किया गया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत किरपाल सिंह, स्थानीय निकाय विभाग के डायरैक्टर भूपिन्दर पाल सिंह और स्टेट टाऊन प्लानर कमल प्रीत कौर शामिल थे।
संशोधित नियमों के अनुसार सिनेमा को अब मल्टीप्लेक्स माना जायेगा जिसकी क्षमता दो से बढ़ाकर चार कर दी गई है और सीटों की संख्या 999 की गई है जो पहले कम-से-कम 250 सीटें प्रति सिनेमा निर्धारित की गई थीं। छोटी शहरी स्थानीय इकाईयों में निवेश को बढ़ाने के लिए क्लास 1 और 2 के कस्बों में छोटे प्लॉटों के आकार को अनुकूल बनाने के लिए मल्टीप्लेक्स के प्लॉट के अगले हिस्से का आकार घटा दिया गया है। इसके अलावा मालिक/बिल्डर अब 50 फुट चौड़ी सडक़ पर व्यापारिक हिस्से के साथ अपने मौजूदा सिनेमा को मल्टीप्लेक्स में बदल सकते हैं। मल्टीप्लेक्स की ज़मीनी कवरेज भी बढ़ा दी गई है।
ऊपर से नीचे की तरफ विकास को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग आकार की सडक़ों पर मल्टीप्लेक्सों की एफ.ए.आर. बढ़ा दी गई है। यह पंजाब में और मेगा प्रोजैक्टों को न्योता देगा जिससे और ज्य़ादा निवेश और रोजग़ार के और मौके पैदा होंगे।मल्टीप्लेक्सों में अदायगी के आधार पर पंजाब परचेज़ ऑफ एफ.ए.आर. के साथ-साथ निवेश के मौकों को प्रोत्साहित करने के लिए ट्रांसफरेबल डिवैल्पमैंट राइट भी पेश किया गया और एफ.ए.आर. की खरीद की ज़रूरी शर्तों को संशोधित हुए नियमों में स्पष्ट किया गया है।
इसके अलावा बिल्डर और ज्य़ादा फ्लैटों का निर्माण कर सकते हैं जिससे उनके निवेश की बढिय़ा रिटर्न मिलेगी। इससे न सिफऱ् शहरी पंजाब में और ज्य़ादा निवेश को उत्साह मिलेगा बल्कि शहरी स्थानीय इकाईयों की वित्तीय हालत में भी सुधार होगा और इससे ऐसे प्रोजैक्टों में अनाधिकृत निर्माण कार्यों की जांच भी हो जायेगी।शहरी पंजाब में योजनाबद्ध विकास और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, होटल, मोटल और गेस्ट हाऊस को भी सुधारे हुए नियमों में शामिल किया गया है। पुराने नियमों में होटलों के लिए प्लॉट का कम से कम आकार 1000 वर्ग मीटर था परन्तु घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों के नज़दीक किफ़ायती होटलों की ज़रूरत थी। ऐसे क्षेत्रों में सिफऱ् छोटे आकार के प्लॉट उपलब्ध हैं, इसलिए प्लॉट का आकार 1000 वर्ग गज़ से घटा कर 200 वर्ग मीटर कर दिया गया है।
इस कदम से विरासती शहरों में पर्यटन एवं औद्योगिक शहरों के लिए व्यापारिक मौकों को उत्साह मिलेगा। इसके साथ ही गेस्ट हाऊसों /बोर्डिंग और रिहायश /सेवा अपार्टमैंटों के नियमों में ढील दी गई है जिसके नतीजे के तौर पर आत्थिय क्षेत्र के साथ साथ फलोटिंग आबादी को भी लाभ मिलेगा।नये नियमों से औद्योगिक इकाईयों के साथ-साथ स्टोरेज गोदाम बनाने को उन इकाईयों की स्थापना वाले रेटों पर ही बनाने की आज्ञा भी मिलती है, इससे औद्योगिक और व्यापारिक इकाईयों के लिए छोटे पैमानों के भंडार संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में सहायता मिलेगी।
पुराने नियमों में उद्योग का न्यूनतम क्षेत्र 360 वर्ग गज़ था जो कि राज्य की आर्थिकता में बड़ा योगदान डालने वाली छोटे पैमाने की हौजऱी इकाईयों, कुटीर उद्योग और अन्य छोटी इकाईयों के लिए अनुकूल नहीं था। इस जैसी छोटी औद्योगिक इकाईयां इससे छोटे 50 वर्ग गज़ के आकार के प्लाटों में काम करती हैं। इसलिए पिछले नियमों में प्लॉट के न्यूनतम निर्धारित आकार की शर्त को हटा दिया गया है। इससे कम आय वाले बेरोजग़ार नौजवानों को छोटी औद्योगिक इकाईयों की शुरुआत करके स्व-रोजग़ार सुविधा उपलब्ध होगी।पंजाब में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए टेक्स्टाईल और कपड़ा उद्योग और सूचना प्रौद्यौगिकी उद्योगों की इमारतों की ऊँचाई को 15 मीटर से बढ़ाकर 21 मीटर कर दिया गया है।
यह सभी प्रयास औद्योगिक विकास और इसके साथ जुड़े रोजग़ार के मौकों को उत्साहित करने में महत्वपूर्ण होंगे।संशोधित नियमों के अंतर्गत अस्पतालों या नर्सिंग कालेजों, होस्टलों आदि के मैडीकल कालेजों को संस्थागत इमारतें माना जायेगा। राज्य के निवासियों को बेहतर डॉक्टरी सहूलतें प्रदान करने के लिए 10 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाली ऐसी मैडीकल-संस्थागत इमारतें क्षेत्र और एफ.ए.आर. में विस्तार किया गया है।पहले नियमों में विभिन्न ऐक्टों अधीन निर्माण कार्यों के लिए सीमित पाबन्दीशुदा क्षेत्रों का जि़क्र शामिल नहीं था परन्तु अब इसको शामिल किया गया है जिससे आम लोगों को खरीद से पहले ज़मीन की स्थिति का पता लगाने में सहायता मिल सके।
संशोधित नियमों में अब ग्रुप हाऊसिंग, ग्रुप हाऊसिंग प्लॉटों की मुरम्मत और सार्वजनिक सहूलतें और सहूलतों के नियमों को भी नियमित किया गया है। ऐसे प्रोजेक्टों में व्यापारिक प्रयोग के लिए ढील दी गई है और अब वह कुछ शर्तों अधीन फ्रंट सडक़ोंं पर व्यापारिक प्रयोग किया जा सकता है। बच्चों की सुरक्षा और सहूलतों हेतु ग्रुप हाऊसिंग प्रोजेक्टों में क्रेच और प्राथमिक स्कूल को भी मंज़ूरी दी गई है।एफ.ए.आर. के अंतर्गत साथ ली जाने वाली बालकोनी के आकार को 1.2 मीटर से बढ़ाकर 1.8 मीटर किया गया है जिससे उनको और ज्यादा उपभोक्ता अनुकूल बनाया जा सके। यह ग्रुप हाऊसिंग प्रोजेक्टों के निर्माताओं के लिए अनुकूल होगा और इससे ग्रुप हाऊसिंग निवासियों को लाभ होगा।
संशोधित नियमों में रिहायशी क्षेत्रों में डे केयर सैंटर और प्ले वे स्कूल भी उपलब्ध हैं। बेहतर जीवन व्यतीत करने वाला वातावरण प्रदान करने के मद्देनजऱ वृद्धाश्रम/दिव्यांग व्यक्तियों /मानसिक रोगी / कंमकाजी औरतें /पुरुष होस्टल /बालिग़ शिक्षा केंद्र /अनाथ आश्रम / बच्चों का केंद्र /रैन बसेरे, धार्मिक इमारतों और आंगनवाड़ी के लिए केयर सैंटर हेतु नियम पेश किये गए हैं।उन शहरों में जहाँ मास्टर प्लान को नोटीफाई नहीं किया गया है और व्यापारिक जायदादों के लिए सडक़ की चौड़ाई का कोई मापदंड नहीं था, को भी संशोधित हुए नियमों में निर्धारित किया गया है। ऐलान किए गए कोर क्षेत्र जो सदियों से मौजूद हैं को छूट दी गई है और उन क्षेत्रों के लिए सडक़ की चौड़ाई निर्धारित नहीं की गई है।इसी तरह मास्टर प्लान में व्यापारिक ऐलान किए गए क्षेत्रों को भी छूट दी गई है। छोटी दुकानों के मालिक और आवेदनकर्ता जो ऐसे क्षेत्रों में दुकान /व्यापारिक संस्थानो का निर्माण करना चाहते हैं इस सुविधा का विशेष तौर पर लाभ ले सकेंगे।पिछले नियमों में पैट्रोल पंपों के लिए सडक़ की चौड़ाई 100 फुट निर्धारित की गई थी जिसने पैट्रोल कंपनियों को शहरी पंजाब में नयी पेट्रोल पंप सुविधाएं देने से निराश किया था।
छोटी शहरी स्थानीय इकाईयाँ इससे विशेष तौर पर प्रभावित हो रही थी क्योंकि कोई भी सडक़ आम तौर पर 100 फुट चौड़ी नहीं होती। वाहनों की बढ़ रही आबादी को पूरा करने के लिए इसको अब 60 फुट तक घटा दिया गया है।बेहतर और मानक डॉक्टरी सेवाएं प्रदान करने के लिए नर्सिंग होमज़ और अस्पतालों को बहुत सी छूटें दी गई हैं जिसमें मल्टी-लैवल पार्किंग के लिए 5 प्रतिशत अतिरिक्त क्षेत्र, एफ.ए.आर मुक्त मल्टी -लैवल पोडियम पार्किंग और काफ़ी सुविधाओं के लिए अन्य क्षेत्रों की मंजूरी शामिल है। वेटिंग हॉल, रिसैपशन और फायर स्टेशन जैसे आम क्षेत्रों के लिए पार्किंग खाली रखने की आज्ञा दी गई है।पिछले नियमों में नर्सिंग होमज़ / अस्पतालों में और अलग -अलग आकार के स्ट्रेचर रैंप मौजूद थे परन्तु अब मरीज़ों की सुविधा के लिए समान आकार के रैंप को शामिल किया गया है।-