अकाली विधायक दल ने परमिंदर ढ़ींडसा द्वारा पार्टी से परिवार को दी पहल पर अफसोस जताया
कहा कि विधायक दल के किसी भी सदस्य को कांग्रेस के हाथों में नही खेलना चाहिए
विधायक दल ने अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल से सलाह मशवरा करने के बाद शरनजीत सिंह ढ़िल्लों को विधायक दल के नेता के रूप में की नियुक्ति का स्वागत किया
चंडीगढ़/07जनवरीः शिरोमणी अकाली के विधायक दल ने आज अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल द्वारा उनसे परामर्श करने के बाद पूर्व मंत्री सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लों की विधायक दल के नए नेता के तौर पर नियुक्ति का स्वागत करते हुए इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि परमिंदर सिंह ढ़ींडसा ने विधायक दल के नेता के तौर पर इस्तीफा देते समय अपने सहयोगियों के साथ सलाह मशवरा नही किया तथा पार्टी से परिवार को पहल दी है।
यहां विधायक दल की मीटिंग, जिसमें सभी विधायकों ने भाग लिया के दौरान इन विचारों को व्यक्त करते हुए सदस्यों ने कहा कि बेहद अफसोस की बात है कि पार्टी द्वारा सरदार परमिंदर ढ़ींडसा को दिए इतने ज्यादा मान सम्मान के बावजूद वह विरोधी पार्टी के नेता के तौर पर अपने कर्तव्य निभाने में नाकाम रहा है। उन्होने कहा कि सरदार ढ़ींडसा की गतिविधियां अकाली दल को कमजोर करने तथा कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने में लक्षित लगती है। उन्होने कहा कि कांग्रेस राज्य में सभी मोर्चो पर बूरी तरह विफल हो चुकी है तथा महसूस करती है कि सिर्फ अकाली दल में बंटवारा डालकर ही इसका भाग्य चमक सकता है। उन्होने कहा कि अकाली विधायक दल के किसी भी सदस्य को कांग्रेस के हाथों में नही खेलना चाहिए।
इस दौरान विश्वास जताने के लिए अपने साथियों तथा अकाली दल अध्यक्ष का धन्यवाद करते हुए सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि वह कांग्रेस की जन विरोधी नीतियों को बेनकाब करने के लिए पूरे उत्साह से काम करेंगे। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरदार परमिंदर सिंह ढ़ींडसा ऐसे समय अपनी जिम्मेदारी छोड़कर भाग गए हैं, जब इसे पूरा करने की सबसे अधिक जरूरत थी, क्योंकि समाज का हर वर्ग कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। उन्होने कहा कि मैं लोगों के मुद्दे उठाने तथा सरकार को किसानों, युवाओं तथा दलितों समेत सभी वर्गों से किए वादे पूरे करने के लिए मजबूर करने के अपने कर्तव्य से कभी नही भागूगां।
इस दौरान विधायक दल की मीटिंग में विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की गई ताकि मुकम्मल कर्जा माफी तथा किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों को मुआवजा तथा सरकारी नौकरियां देने समेत राज्य के सभी ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जा सके। उन्होने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है। इसके किसान भारी संकट में हैं। कांग्रेस सरकार से किसानों की भलाई के बारे चर्चा करने तथा उनके हालात सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने से नही भागना चाहिए।