हरसिमरत द्वारा इस मामले पर की गई टिप्पणी को ‘अज्ञानता की हद और मूर्खता’ करार दिया
मुख्यमंत्री ने सी.ए.ए. पर दोहरा मापदंड अपनाने के लिए भी अकाली दल को आड़े हाथों लिया
चंडीगढ़, 6 जनवरी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को अकालियों को पाकिस्तान में सिखों और धार्मिक संस्थाओं पर हमले संबंधी राजनीति करने की आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि अकाली दल इस मामले पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति की तुलना भारत में लाए गए असंवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) के साथ कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अकालियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ख़ासकर हरसिमरत कौर बादल अपनी घिनौनी और निंदनीय बयानबाज़ी से पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमला और सिख नौजवान की मौत को कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध राजसी लड़ाई में हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने हरसिमरत की तरफ से किये ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि वह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होते अत्याचार के संदर्भ में भारत में सी.ए.ए. की वकालत कर रही है और सी.ए.ए. की आलोचना करने के लिए उन पर (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) और भारतीय नेशनल कांग्रेस के नेताओं पर हमले कर रही है।मुख्यमंत्री ने हरसिमरत की तरफ से किये ट्वीट पर बोलते हुए कहा, ‘‘यह अज्ञानता और मूर्खता की हद है।’’
उन्होंने कहा कि सी.ए.ए. राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर ऐसे साधन हैं जिससे भारत में अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान की अपेक्षा ज़्यादा सताया जायेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री को सी.ए.ए. के बुरे प्रभावों और इसके नुक्सान बारे कुछ भी पता नहीं जो भारत के धर्म निरपेक्ष चरित्र को भारी नुक्सान पहुंचाएगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में सिखों समेत अल्पसंख्यकों पर हमले चाहे भयानक और अनुचित हैं परन्तु यह हमले अभी काफ़ी हैरान करने वाले नहीं थे कि हरसिमरत और दूसरे अकाली नेताओं ने इन हमलों को सी.ए.ए. का बचाव करने और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल करके हैरान करने वाली स्थिति में डाल दिया।
मुख्यमंत्री ने शिरोमणी अकाली दल की तरफ से सी.ए.ए. /एन.आर.सी. पर दोहरा मापदंड अपनाने के लिए बरसते हुए कहा कि कुछ दिन पहले अकाली दल के सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि अल्पसंख्यकों को सी.ए.ए. के दायरे में रखा जाये। उन्होंने कहा, ‘‘क्या इनका इस मामले पर कोई स्पष्ट स्टैंड नहीं है?’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्ता वाले इस मामले पर ऐसे बयान अकाली दल के दोहरे मापदण्डों को दर्शाते हैं।मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि ना तो वह और ना ही कांग्रेस पार्टी दूसरे देशों में सताए जा रहे हिंदुओं, सिखों को भारत में नागरिकता देने के विरुद्ध हैं। उन्होंने साथ ही अपना पक्ष फिर दोहराते हुए कहा कि वह मुस्लिम और दूसरे धर्मों को सी.ए.ए. से अलग-थलग करने के खि़लाफ़ हैं। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह कहीं भी भेदभाव का शिकार सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों के लोगों को भारत में आकर वास करने का स्वागत करते हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जैसे आज अकाली दल का प्रतिनिधिमंडल विदेश मंत्री को मिला है, उससे पता लग रहा है कि पाकिस्तान में सिखों के मामले पर अकाली दल अपने राजसी हितों के लिए नाटक कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली दल केंद्र में एन.डी.ए. सरकार का हिस्सा है और यदि वह सच्चे दिल से सिखों के हमदर्द होते तो इस मामले पर अपने हिस्सेदार भाजपा पर दबाव डालते कि पाकिस्तान में सिख विरोधी हमलों के मामले से निपटने के लिए ज़्यादा तेज़ी और प्रभावशाली तरीके से काम किया जाये। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र में अकाली दल और इसके हिस्सेदार साथी भारत में भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए कारगर कदम उठाएं।—-