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सुखबीर बादल की लीडरशीप में शिअद-बसपा का गठबंधन 2022 का चुनाव लड़ेगा, 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बसपा

सुखबीर बादल की लीडरशीप में शिअद-बसपा का गठबंधन 2022 का चुनाव लड़ेगा, 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बसपा
  • PublishedJune 12, 2021

सुखबीर बादल और सतीश मिश्रा ने गठबंधन की घोषणा करते हुए कहा कि पंजाब से भ्रष्टाचार तथा घोटाले से ग्रस्त कांग्रेस पार्टी का सफाया करेगा

राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए गठबंधन किसानों और समाज के वंचित वर्गों और व्यापार और उद्योग के कल्याण के लिए काम करने के अलावा शांति और साम्प्रदायिक सदभावना के लिए खड़ा रहेगा

चंडीगढ़/12जून: शिरोमणी अकाली दल (शिअद) तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की ओर से पंजाब में कांग्रेस से मुक्त कराने के लिए तथा भ्रष्टाचार एवं घोटाले से मुक्त कराने के लिए संयुक्त रूप से 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन किया गया।

इस संबंध में शिअद अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने संयुक्त रूप से गठबंधन के बारे घोषणा की। बसपा नेता ने खुलासा किया कि पार्टी अध्यक्ष मायावती ने गठबंधन को मंजूरी दी है तथा दोनो पार्टियां सरदार सुखबीर सिंह बादल की लीडरशीप में राज्य में अगली सरकार बनाने का प्रयास करेंगी। श्री मिश्रा ने समाज के दलित तथा वंचित वर्गों से भी तहेदिल से गठबंधन का समर्थन करने की अपील की। उन्होने पूर्व मुख्यमंत्री का आर्शीवाद लेने के लिए बसपा पंजाब कोआर्डिनेटर रणधीर सिंह बेनीवाल, पंजाब भाजपा अध्यक्ष जसबीर सिंह गढ़ी के साथ पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके सरदार परकाश सिंह बादल के पास गए।

इस अवसर पर शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने घोषणा की कि बसपा इस गठबंधन के तहत 117 सीटों में से दोआबा हलके की आठ, मालवा की सात और माझा की पांच सीटों सहित अन्य सीटों पर चुनाव लड़ेगी। विस्तृत सीटें करतारपुर , जालंधर वेस्ट, जालंधर नार्थ, फगवाड़ा होशियारपुर शहरी, टांडा , दसूहा, चमकौर साहिब, बस्सी पठाना, मेहल कलां, नवांशहर, लुधियाना नार्थ, सुजानपुर , भोआ , पठानकोट, आंनदपुर साहिब मोहाली, अमृतसर नार्थ, अमृतसर सेंट्रल और पायल हैं। उन्होने कहा कि सभी हलकों में जीत सुनिश्चित करने के लिए दोनों दलों के नेताओं की एक कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन शीघ्र ही किया जाएगा।

इस गठबंधन को ऐतिहासिक बताते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह 2022 के विधानसभा चुनाव तक ही सीमित नही है, बल्कि उसके बाद भी जारी रहेगा। उन्होने कहा कि शिअद-बसपा दोनों एक ही विचारधारा वाली पार्टी हैं , दोनों ने ही हमेशा किसानो, गरीबों और खेत मजदूरों की भलाई के लिए काम किया है। उन्होने कहा कि कमजोर वर्गों को दी जाने वाली हर सुविधा चाहे वह आटा दाल, वृद्धावस्था पेंशन, शगुन स्कीम सब सरदार परकाश सिंह बादल ने शुरू की थी। ‘ कांगेस पार्टी ने कमजोर वर्गों के लिए एक भी कल्याणकारी योजना शुरू नही की है तथा सिर्फ इतना ही नही अनुसूचित जाति छात्रों की छात्रवृत्ति बंद करने के लिए जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि अकाली दल तथा बसपा दोनों बुनियादी तौर पर कार्यकर्ताओं की मांग थी कि मिलकर सांझा मोर्चा बनाया जाए। उन्होने भाजपा अध्यक्ष मायावती को राज्य से कंाग्रेस पार्टी का सफाया करने के लिए अकाली दल की सेना में शामिल होने के फैसले का स्वागत करते हुए धन्यवाद किया।

सरदार बादल ने कहा कि नया गठबंधन शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखने के लिए सरदार परकाश सिंह बादल के सिद्धांतो पर अडिग रहेगा। ‘ हम राज्य की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लोने के लिए व्यापार तथा उद्योग का विकास करने के किलए समाज और किसानों तथा कमजोर वर्गों की भलाई भी सुनिश्चित करेंगे। उन्होने यह भी बताया कि किस तरह शिरोमणी अकाली दल के कार्यकाल में समाज के सभी वर्गों को एक साथ लेकर काम किया तथा अमृतसर में भगवान बाल्मीकि मंदिर का विकास किया गया इसके अलावा खुल्लरगढ़ में श्री गुरु रविदास जी स्मारक को विकसित करने के लिए 200 करोड़ रूपये का प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, जिसे कांग्रेस सरकार ने रोक लगा दी है।

इस अवसर पर सतीश मिश्रा ने पंजाब के विकास के लिए यादगारी दिन करार देते हुए कहा कि ‘ बसपा ने पंजाब की सबसे मजबूत पार्टी के साथ गठबंधन किया है’। उन्होने कहा कि दोनों पार्टियों ने 25 साल के बाद एक साथ दोबारा गठबंधन किया है, दोनों पार्टियों संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा था तथा 1996 के लोकसभा चुनाव में तेरह सीटों में से ग्यारह पर जीत हासिल की थी। उन्होने कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती खुद आकर घोषणा करना चाहती थ लेकिन कोविड प्रतिबंध के कारण वह आ नही पाई।

मिश्रा ने यह खुलासा किया कि कांग्रेस सरकार अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित फंड न देकर दलितों के साथ भेदभाव कर रही है, लाखों आटा-दाल स्कीम और वृद्धावस्था पेंशन कार्ड काट रही है, अनुसचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की रिक्तियां नही भर रही है, छात्रों को एससी छात्रवृत्ति शुल्क जारी नही कर रही है, बेघरों के लिए घर की योजना लागू नही कर रही है। उन्होने यह भी खुलासा किया कि तीनों काले कानूनों के विरोध में शिअद-बसपा किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करेगी और किसानों के समर्थन में पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था।उन्होने पूर्व केंद्रीय मंत्री का इस साहसिक कदम के लिए प्रशंसा की। मिश्रा ने आम आदमी पार्टी की खेती कानूनों की प्रशंसा करने के लिए किसानों के दबाव के कारण अपना रूख बदलने के लिए घोर निंदा की।

इस अवसर पर वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, नरेश गुजराल, हरसिमरत कौर बादल, निर्मल सिंह काहलों, बीबी जागीर कौर, जनमेजा सिंह सेखों, बीबी उपिंदरजीत कौर, डाॅ. चरनजीत सिंह अटवाल, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, गुलजार सिंह रणीके, सिकंदर सिंह मलूका, शरनजीत सिंह ढ़िल्लों , बिक्रम सिंह मजीठिया, डाॅ.दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबड़िया, जगमीत सिंह बराड़, सुरजीत सिंह रखड़ा, बलदेव सिंह मान तथा परमबंस सिंह रोमाणा शामिल थे।

Written By
The Punjab Wire