डीसी ने व्यापारियों से मीटिंग कर मांगा प्रस्ताव, कहा आप निकाले रास्ता, वह प्रस्ताव सरकार को भेजने को तैयार, पर बाजारों में भीड़ एकत्र नहीं होनी चाहिए
गुरदासपुर, 5 मई (मनन सैनी)। पंजाब सरकार एवं प्रशासन की ओर से गैर जरुरी दुकानों एवं संस्थानों पर लगाई गई पाबंधियों के चलते आखिरकार बुधवार को गुरदासपुर में व्यापार वर्ग का गुस्सा फूट पड़ा। व्यापारियों की ओर से संयुक्त रुप से व्यापार मंडल दर्शन महाजन की अध्यक्षता स्थानीय बाटा चौंक में रोष प्रर्दशन किया गया। जिसके बाद सभी ने शहर में प्रर्दशन करते हुए डीसी दफतर जाकर वहां नारे बाजी की।
बाटा चौंक में प्रर्दशन करते हुए व्यापारियों ने कहा कि पंजाब सरकार ने जरुरी वस्तुओं और गैर जरुरी वस्तुओं में व्यापारियों को दो हिस्से में बांट दिया है, जो कि बहुत निंदनीय है। या तो सरकार गैर जरुरी दुकानदारों एवं व्यापारियों को मुआवजा दें, उनकी स्कूल फीस माफ करें, बैंक के कर्जों पर ब्याज माफ करें, उन्हे मेडिकल खर्च वहन करें या उनसे सौतली मॉं सा सलूक ना किया जाए और उन्हें भी दुकानें खोलने दी जाए। अन्यथा कुछ ऐसे प्रबंध किए जाए ताकि सभी दुकानें खुल सकें, जिसके तहत रोटेशन, या दुकानदारों का समय कम दूसरे को दिया जाए। यदि सरकार इस विचार पर अनदेखा करती है तो प्रत्येक व्यापारी संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर होंगे और टैक्स जमा न करवाना उनकी मजबूर होगी। इस मौके पर विकास सवारा, रंजू शर्मा, अशोक महाजन, पवन शर्मा, रोहित उप्पल, पवन, जोगिंदर, रजिंदर नंदा, विकास, दीपक महाजन, बब्बू महाजन, मोहित सरना, सुमित महाजन आदि उपस्थित थे।
वहीं गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक की ओर से अपने दफतर में इस संबंधी सभी व्यापारियों की भावना व मजबूरी को समझते हुए उनसे विस्तार से चर्चा की गई और उनकी बात सुनी गई। इस मौके पर डीसी ने साफ कहा कि कोरोना वायरस से लोगों के बचाव के लिए ही यह पाबंधियां लगाई गई है। क्योंकि आने वाले समय में और भी रिस्क होने की संभावना बनी हुई है। परन्तु व्यापारियों की भी दुविधा को नजरअंदाज नही किया जा सकता। इसलिए आप रास्ता निकाले , इस समय बाजारों में जितना रश है उससे ज्यादा भीड़ बाजारों में नही होनी चाहिए। उन्होने वफद से प्रस्ताव लाकर देने के लिए कहा जिससे वह उस पर विचार कर सरकार को आगे भेज सकें। डीसी ने इस मौके पर भी सभी से कोरोना टैस्ट करवाने के लिए कहा।