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वैक्सीन की पहली डोज मात्र से ही सुरक्षा नहीं, दूसरी डोज के बाद बनती है इम्यूनिटी, सावधानी न बरतने पर हो रही लोगों की मौत,गुरुवार को छह मरीजों की मौत, 169 पाए गए संक्रमित

वैक्सीन की पहली डोज मात्र से ही सुरक्षा नहीं, दूसरी डोज के बाद बनती है इम्यूनिटी, सावधानी न बरतने पर हो रही लोगों की मौत,गुरुवार को छह मरीजों की मौत, 169 पाए गए संक्रमित
  • PublishedApril 29, 2021

बलैक में ले रहे लोग रैमिडिसिवर, बिना मंजूरी वाले निजी अस्पतालों में चल रहा इलाज

डीसी का कहना, कोई भी निजी अस्पताल मंजूरी लेकर कर सकता है इलाज, हर जरुरतमंद को मिले जीवनरक्षक दवा, इसलिए बनाई कमेटी, किसी को ब्लैक में लेने की जरुरत नही

धारीवाल तथा बटाला में करीब 70 बैड का किया इंतजाम, धारीवाल में शिफ्ट हुए गुरदासपुर के कई मरीज

गुरदासपुर, 29 अप्रैल (मनन सैनी)। कोरोना वायरस की दूसरी स्ट्रेन विकराल रुप धारण करती जा रही है, परन्तु लोगों की ओर से अभी भी संजीदगी नही दिखाई जा रही। गुरुवार को कोरोना से छह मौतें तथा 169 मरीज संक्रमित पाए गए। हालांकि 150 लोग ठीक भी हुए हैं। जिले में मृतकों की कुल संख्या 498 हो चुकी है। जिले में अब एक्टिव केस 1657 हैं।

वहीं कोरोना वायरस से हो रही मौते में कई ऐसे भी मृतक है जिन्हे वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी थी। परन्तु वह फिर भी कोरोना के प्रकोप से बच नही पाए। देखने में पाया जा रहा है कि पहली डोज लेने के बाद लोग लापरवाह हो जाते है और मास्क तथा दूसरी सहित अन्य निर्देशों का पालन नही करतें। ​हालाकि माहिरों का कहना है कि इम्यूनिटी पहली डोज के बाद नही बल्कि दूसरी डोज के बाद आती है। वहीं दूसरा स्ट्रेन घातक होने के कारण दूसरी डोज के बाद भी नियमों का कड़ाई से पालन करना होता है। 

नियमों के अनुसार सिर्फ मंजूरशुदा अस्पतालों को ही मिल सकते है रेमिडिसिवेर इंजेक्शन, गुरदासपुर शहर में महज दो को मिली मजूरी
​जिला गुरदासपुर में जिस तरह दिन प्रतिदिन बिमारी विकराल रुप धारण कर रही है। वहीं कुछ निजी अस्पतालों की ओर से बिना मंजूरी के ही संदिग्ध कोविड़ के मरीजों का अपने स्तर पर इलाज किया जा रहा है और मरीजों से लूट की जा रही है। गुरदासपुर में ही रेमिडिसिवर इंजेक्शन की कमी देखी जा रही है और लोगों की बेबसी का फायदा उठा कर 10 से 15 हजार रुपए प्रति इंजैक्शन ब्लैक में बेचा जा रहा है। स्वस्थ्य विभाग की ओर से किन किन मरीजों को रेमिडिसिवेर दी गई है। इस संबंधी जब कमेटी के सदस्य डाॅ विजय से बात की गई तो उन्होने बताया कि उन्हें आज ही चार्ज मिला है तथा वह इस संबंधी पूरी जानकारी हासिल करेंगें। उनसे पहले ड्रग कंट्रोलर के पास रिकार्ड है। गौर रहे कि इंजैक्शन सिर्फ मंजूरशुदा अस्पतालों को ही दिए जाते थे, जो कि शहर में सिर्फ दो है जिसमें आर पी आरोड़ा अस्पताल, अबरोल अस्पताल। जबकि बटाला में भी दो है संधु अस्पताल तथा नवतेज अस्पताल।

वहीं गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक ने बताया कि प्रशासन की ओर से अगामी इंतजाम करते हुए धारीवाल में 50 बिस्तरों तथा बटाला में एक अन्य अस्पताल तैयार कर लिया गया है। गुरुवार को सिवल अस्पताल गुरदासपुर के कुछ मरीज वहां शिफ्ट कर दिए गए ताकि किसी भी प्रकार से बेड की कमी न रहे। उनकी ओर से बटाला तथा फतेहगढ़ चूडिया में भी ओर बेड का इंतजाम करवाया जा रहा है। वहीं डीसी का कहना है कि जिले में रेमिडिसिवेर की कोई कमी ही है।

जिला प्रशासन की ओर से दवाओं संबंधी एडीसी (डी) एवं डा विजय की निगरानी तले एक कमेटी बना दी गई है। जो जीवन रक्षक दवाओं की देखरेख करेगा तथा सही मरीज को सही समय पर दवा मिल सकें ।  वहीं निजी अस्पतालों प्रंबंधकों की ओर से बिना मंजूरी कोविड़ के संदिग्ध मरीजों का इलाज करने संबंधी उन्होने कहा कि निजी अस्पताल वाले मंजूरी के लिए अप्लाई करें तथा किसी भी जरुरतमंद को ब्लैक में दवा लेने की जरुरत नही है। उन्होने सख्त शब्दों में कहा कि महामारी के दौरान किसी भी ब्लैक में दवाएं बेचने वालों को बख्शा नही जाएगा। उन्होने आम लोगों से भी अपील की कि अगर किसी को जरुरत पड़ती है तो वह कमेटी से संपर्क कर सकते है।  

वहीं गुरुवार को कुल 6853 लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगी।

Written By
The Punjab Wire