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मुख्यमंत्री द्वारा कोविड की वृद्धि से निपटने के लिए सरकारी मैडीकल कॉलेजों के लिए 400 नर्सों और 140 टैक्नीशियनों की तुरंत भर्ती के आदेश

मुख्यमंत्री द्वारा कोविड की वृद्धि से निपटने के लिए सरकारी मैडीकल कॉलेजों के लिए 400 नर्सों और 140 टैक्नीशियनों की तुरंत भर्ती के आदेश
  • PublishedApril 23, 2021

कहा, राज्य में मिलिटरी अस्पतालों और पी.जी.आई. सैटेलाइट सेंटरों में लोगों के लिए कोविड बैड रखने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखूंगा

चंडीगढ़, 23 अप्रैल: कोविड में वृद्धि के मद्देनजऱ राज्य की स्वास्थ्य क्षमता मज़बूत करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सरकारी मैडीकल कॉलेजों में 400 नर्सों और 140 टैक्नीशियनों की तत्काल भर्ती करने के हुक्म दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य में मैडीकल कॉलेजों के स्वीकृत /प्रगति अधीन प्रोजेक्टों में तेज़ी लाने के निर्देश दिए जिससे मैडीकल के बुनियादी ढांचे के विकास में पंजाब पीछे न रहे।मुख्यमंत्री, जिन्होंने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग के दौरान मुद्दे को उठाया था, ने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पंजाब में नागरिकों को कोविड बैड मुहैया करवाने के लिए मिलिटरी अस्पतालों और पी.जी.आई. सैटेलाईट सैंटरों को हिदायतें देने की माँग करेंगे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस उद्देश्य के लिए अस्थायी ढांचे का प्रयोग किया जा सकता है। 

मैडीकल शिक्षा और खोज विभाग के कामकाज ख़ासकर कोविड के संकट के सम्बन्ध में इसका वर्चुअल तौर पर जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के फेकल्टी सदस्यों को पुन: मनोनीत करने के लिए समयबद्ध ढंग से नियमों में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है जिससे उनको इस सम्बन्ध में अपने दूसरे फेकल्टी सदस्यों के बराबर लाया जा सके।भर्ती मुहिम के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के पुनर्गठन के बाद स्वीकृत 900 पदों में से पहले पड़ाव में नर्सों की सेवाएं लेने के लिए 400 पद तुरंत भरे जाने चाहीएं। उन्होंने कहा कि टैक्नीशियनों की सेवाओं के लिए उनको बनती महत्ता देनी चाहिए जो पहले ही पंजाब सरकार के पास ठेके के आधार पर काम कर रहे हैं।चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी ने मोहाली, होशियारपुर और कपूरथला में बनने वाले विभिन्न अस्पताल और मैडीकल कालेजों बारे विस्तार में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकारी की मंजूरी से मलेरकोटला और गुरदासपुर में मैडीकल कॉलेज स्थापित करने के लिए भी यत्न किये जा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि संगरूर में पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर भी शुरू हो जायेगा जबकि फिऱोज़पुर में पी.जी.आई. के सैटेलाइट सैंटर का निर्माण शुरू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मोहाली में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की स्थापना करने के लिए आई.सी.एम.आर., नयी दिल्ली से हाल ही में मंज़ूरी प्राप्त हुई है।इस समय राज्य में 2 यूनीवर्सिटियां बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साईंसिस, फरीदकोट और गुरू रविदास आयुर्वेदा यूनिवर्सिटी, होशियारपुर हैं। इसके अलावा तीन सरकारी मैडीकल कॉलेज, दो सरकारी डैंटल कॉलेज और एक सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज और 12 नर्सिंंग स्कूल /कॉलेज हैं। इसी तरह अलग-अलग डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और नर्सों की रजिस्ट्रेशन के लिए छह कौंसिलें हैं।मंत्री ने बताया कि नेशनल मैडीकल कमिशन, डैंटल कौंसिल आफ इंडिया और सैंट्रल मैडीकल कौंसिल आफ इंडियन मैडिसन के नये नियमों के मद्देनजर विभाग का पहले ही पुनर्गठन किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि 2020-21 में 550 करोड़ रुपए के बजट को बढ़ा कर मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 1008 करोड़ रुपए किया गया है।पिछले एक साल के दौरान कोविड महामारी के मद्देनजर विभाग द्वारा की पहलकदमियों संबंधी बात करते हुये मंत्री ने कहा कि तीन सरकारी मैडीकल कालेजों में 1498 आइसोलेशन बैड मुहैया करवाए गए जिनमें से 361 आईसीयू बैड हैं। इसके इलावा 7 वी.आर.डी.एल. लैबों में अब रोजमर्रा के 35,000 आरटी -पीसीआर टैस्ट किये जा रहे हैं और अब तक लगभग 54 लाख टैस्ट किये जा चुके हैं। तीन मैडीकल कालेजों में प्लाज्मा बैंक भी स्थापित किये गए हैं।श्री सोनी ने बताया कि अब तक सरकारी मैडीकल कालेजों में 14,000 से अधिक कोविड मरीजों का इलाज किया जा चुका है और रिश्तेदारों/वारिसों को सूचित करने के लिए अटैडैंट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। मरीजों के लिए पोस्ट कोविड मल्टीसपैशलिटी ओ.पी.डी. शुरू की गई और कोविड महामारी के दौरान डायलसिस मरीजों और गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए प्रबंध किये गए हैं। टैकनीशियन, नर्सें और एम.टी.डब्ल्यू समेत कुल 1095 अतिरिक्त स्टाफ की सेवाएं ली गई।

मंत्री ने बताया कि आक्सीजन के उचित प्रयोग के लिए 3 सरकारी मैडीकल कालेजों में आक्सीजन आडिट शुरू किया गया है और इसकी सप्लाई को यकीनी बनाने के लिए यत्न किये जा रहे हैं।मीटिंग के दौरान बताया गया कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी की तरफ से नयी पारदर्शी परीक्षा प्रणाली शुरू की गई जिसकी भारत सरकार के राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड ने भी सराहना की।एक पेशकारी देते हुए मैडीकल शिक्षा के सचिव ने बताया कि सरकारी मैडीकल कालेज, अमृतसर में 206.86 करोड़ रुपए की लागत वाले चल रहे प्रोजैक्ट इस साल मुकम्मल किये जाएंगे और 134.64 करोड़ रुपए के नये प्रोजैक्ट शुरू किये जाएंगे। इसी तरह पटियाला में 97.73 करोड़ रुपए की लागत वाले चल रहे प्रोजैक्ट मुकम्मल किये जाएंगे और 128.1 करोड़ रुपए की लागत वाले नये प्रोजैक्ट शुरू किये जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि फरीदकोट में 75.4 करोड़ रुपए की लागत वाले चल रहे प्रोजैक्ट मुकम्मल हो जाएंगे और 44.28 करोड़ रुपए के नये प्रोजैक्ट शुरू किये जाएंगे।

साल 2017 से विभाग की तरफ से कुल 2254 फेकल्टी सदस्यों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती की गई और साल 2020 में अधिक से अधिक 1237 भर्ती की गई।इसके अलावा सरकारी मैडीकल कालेजों में एम.बी.बी.एस. सीटों की संख्या साल 2017 में 500 के मुकाबले साल 2021 में बढ़ा कर 700 की गई। इसके अलावा एमडी/एमएस की सीटों की संख्या 2017 में 242 से बढ़ा कर 2021 में 395 की गई। सुपर स्पैशलिटी कोर्स के लिए 2 एमसीएच सीटें शुरू कर दी गई हैं।20 सालों के अंतराल के बाद सरकारी आयुर्वैदिक कालेज, पटियाला में एम.डी. कोर्स शुरू किये गए और गुरू रविदास आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, होशियारपुर में पीएच.डी. कोर्स शुरू किये गए। साल 2017 के मुकाबले 2021 में डाक्टरों और फार्मासिस्टों की रजिस्ट्रेशन में भी काफी विस्तार किया गया है। घर-घर रोजगार योजना के अधीन भर्ती के लिए कुल 726 पद मंजूर किये गये। काबिलेगौर है कि विभाग की तरफ से अलग -अलग श्रेणियों के अधीन साल 2017 में 194 नियुक्तियाँ की गई जबकि 2018 में 217, 2019 में 399 और 2020 में 1236 नियुक्तियां की गई।

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The Punjab Wire