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चुनावों में इवीएम मशीनों के साथ की गई छेड़छाड़, अकाली दल का आरोप,डीसी को मांग पत्र सौंप करेगें रिटायर्ड जज से जांच की मांग

चुनावों में इवीएम मशीनों के साथ की गई छेड़छाड़, अकाली दल का आरोप,डीसी को मांग पत्र सौंप करेगें रिटायर्ड जज से जांच की मांग
  • PublishedFebruary 18, 2021

तस्वीरे​ दिखाते हुए कहा क्यों मशीनों के नंबर नही खाए मेल, रिर्टनिंग अफसर तथा थाना प्रभारी पर लगाए आरोप 

उम्मीदवारों ने क्यों मौके पर नही जताया विरोध, कई उम्मीदवारों को तो यह तक पता नही उन्हें कितने वोट पड़े, आरोप लगाने की बजाए जनता का फतवा कबूल करें अकाली दल- बलजीत पाहड़ा

रिटर्निंग अधिकारी तथा थाना सिटी प्रभारी ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
मनन सैनी

गुरदासपुर, 18 फरवरी । नगर काउंसिल गुरदासपुर के चुनावों में मतदान के बाद उम्मीदवारों के सामने जो सील लगाई गई थी वह सील गिनती के वक्त मशीनों में मौजूद नही थी। जिससे स्पष्ट्र होता है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से इन चुनावों में हेराफेरी की गई है। उक्त आरोप अकाली दल के जिला प्रधान एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव गुरबचन सिंह बब्बेहाली तथा चुनावों में उतरें उम्मीदवारों की ओर से लगाए गए। पुलिस की गाड़ी में जीत का जश्न मनाते हुए कांग्रेसी समर्थकों की फोटो दिखाते हुए बब्बेहाली ने पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए। बब्बेहाली ने कहा कि इस संबंधी वह सोमवार को डिप्टी कमिश्रनर को मांग पत्र सौंप कर इसकी जांच किसी रिटायर्ड जज से करवाए जाने की मांग करेगें। बब्बेहाली अपने पार्टी कार्यालय में प्रैस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेसी यूथ प्रधान, रिटर्निंग अफसर तथा थाना प्रभारी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

पत्रकारों को संबंधित करते हुए तथा आरोप लगाते हुए जिला प्रधान ने कहा कि इस हेराफेरी में केवल रिटर्निंग अधिकारी निर्मल सिंह जिम्मेदार है, जबकि जिले का कोई भी आला अधिकारी इसके पीछे जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पहले उनके उम्मीदवारों का नामांकन रद्द करवाने का प्रयास किया गया। जब वह सफल नहीं हुए तो जाली मतदान का प्रयास किया गया। जब वह भी नहीं हो सका तो अंत में मशीनों की सीलें तोड कर हेराफेरी की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि रिटर्निंग अधिकारी को चंडीगढ़ से तबादला करवा कर गुरदासपुर में लाया गया था। जिसके बदले में उसने उक्त हेराफेरी की है। बब्बेहाली ने कहा कि हमने पहले ही संदेह जताया था कि तीन दिनों में मशीनों में हेराफेरी हो सकती है। परन्तु यह हमारी भी गलती जरुर है कि हमने मशीनों के बाहर अपने लोगों को पहरे पर नही बैठने दिया। 

बब्बेहाली ने कहा कि हमारी सरकार न होने के बावजूद चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवारों द्वारा करवाई गई चुनावी बैठकों में लोग भारी संख्या में पहुंचे। लेकिन उक्त जगहों से उनके कहीं 49 तो कही 45 वोट निकले है। जबकि इससे कहीं अधिक लोग उनके उम्मीदवारों के घर में पहुंच कर एतराज जता रहे है कि उन्हें इतने कम वो क्यों मिले है। उन्होंने दावा किया कि विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार उन्हें 10 से 12 सीटें मिल रही थी। जबकि उन्हें बहुमत मिलने का पूर्ण विश्वास था। उन्होंने दावा किया कि उनके 27 नंबर वार्ड से उम्मीदवार द्वारा मशीन का नंबर नोट किया गया था, लेकिन मतगणना के दिन मशीन बदली हुई थी। इसी तरह अन्य कुछ वार्डों में भी मशीनों के नंबर मेल नहीं खा रहे थे।

जिला प्रधान बब्बेहाली की ओर से दिखाई गई फोटो

बब्बेहाली ने कहा कि नबीपुर कालौनी में उन्होंने कई 400 गरीब परिवारों को घर बनाकर दिए थे, जबकि वहां से भी उन्हें बहुत कम वोट मिले है, जो कि संभव नहीं हो सकता है। क्योंकि जिन्हें घर मिला हो, वह वोट क्यों नहीं करेंगे। वार्ड नंबर 12 से अकाली दल की उम्मीदवार साहिब कौर ने आरोप लगाया कि उनकी वार्ड में 677 वोट पोल हुए थे, जबकि सभी लोगों को मिले वोट मिलाकर 12 वोट कम थे, जिससे साबित होता है कि कोई हेराफेरी की गई है। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी जबरजीत सिंह की ओर से कांग्रेसी समर्थकों को अपनी गाड़ी में बिठा कर जीत के जश्न मनाए गए। 

वहीं यूथ कांग्रेस के जिला प्रधान एडवोकेट बलजीत सिंह पाहड़ा ने अकालियों के लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होने कहा कि उम्मीदवारों ने उस वक्त आपत्ति क्यों नही दर्ज करवाई, वहीं कुछ उम्मीदवारों को यह तक नहीं पता कि उन्हें कितने वोट पड़े है तथा वह इल्जाम लगा रहे है। वहीं नबीपुर कालोनी में कम वोट पड़ने के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यहां बाहर से लाकर लोगों को बसाया गया है। जिनके वोट आज भी आसपास के गांवों में है, जबकि शहर में नहीं है। बब्बेहाली अपनी हार कबूल करने के बजाए लोगों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि उन्हे खुद लोगों का फतवां कबूल करते हुए हार स्वीकार करनी चाहिए।  

उधर रिटर्निंग अधिकारी निर्मल सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने बताया कि चुनाव के बाद जब मशीनों को स्ट्रांग रूम में लाक करके रखा गया तो वहां पर अकाली दल की ओर से बलजीत सिंह, भाजपा की ओर से अतुल महाजन, आम आदमी पार्टी की ओर से दत्ता व कांग्रेस पार्टी की ओर से संजीव बाटू मौजूद थे। इसके अलावा डीएसपी परमजीत सिंह गिल, डीएसपी सुखपाल सिंह और एआरओ बलविदर सिंह भी थे। मशीनों को सील करते समय एक पेज पर उक्त सभी लोगों के हस्ताक्षर करवाए गए थे। उक्त सभी लोगों की हाजरी में मशीनें खोली गई। मशीनें खोलने के दिन केवल आम आदमी पार्टी की ओर से दत्ता खुद नहीं पहुंचे। उन्होने अपनी जगह पर किसी अन्य व्यक्ति को भेजा था। इसके अलावा उक्त जगह पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए है। जिनमें से रिकार्डिंग मौजूद है। 

वहीं इस संबंधी थाना प्रभारी जबरजीत सिंह ने अपने पर लगाए गए आरोप नकारते हुए कहा कि चुनावी नतीजे निकलने के उपरांत वहां भीड़ बहुत थी। जिसके चलते वह लॉ एंड आर्डर मेनटेन करने में वयस्त थें। भीड़ हटाने के लिए कुछ लड़को को पुलिस ने पकड़ कर रास्ता बनाने हेतू गाड़ी में बिठाया था ताकि ट्रैफिक जाम न हो, जिन्हे बाद में छोड़ दिया गया था। 

Written By
The Punjab Wire