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मैडीकल शिक्षा विभाग की 4 वर्षीय रणनीतिक योजना तैयार – ओ.पी. सोनी

मैडीकल शिक्षा विभाग की 4 वर्षीय रणनीतिक योजना तैयार – ओ.पी. सोनी
  • PublishedDecember 26, 2019


जी.एम.सी. अमृतसर और पटियाला में एडवांस्ड ट्रामा सैंटर की प्रस्तावना


जी.एम.सी. अमृतसर में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, रेडियोथैरेपी और न्यूक्लियर मैडिसन ब्लॉकों का निर्माण


गुरू नानक देव अस्पताल, अमृतसर में नये लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना
चंडीगढ़, 26 दिसंबर:
पंजाब के मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान विभाग की चार वर्षीय रणनीतिक योजना के मसौदे संबंधी गुरूवार को मैडीकल शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी के कैंप ऑफिस में हुई मीटिंग में विचार-चर्चा की गई।
सोनी ने बताया कि नजदीक भविष्य में ज़रुरी प्रोजैक्टों और बुनियादी ढांचे, उनकी व्यावहारिकता और संचालन और रख-रखाव की ज़रूरतों संबंधी विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि रणनीतिक योजना का ध्यान मैडीकल कॉलेजों और अस्पतालों के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने और उनको अत्याधुनिक मशीनरी / उपकरणों से लैस करने की तरफ होगा।


उन्होंने बताया कि इस रणनीतिक योजना में सरकारी मैडीकल कॉलेज (जी.एम.सी.) अमृतसर और पटियाला में एडवांस्ड ट्रामा केयर सेंटरों का विकास, फरीदकोट में जच्चा और बच्चा संभाल इकाईयां स्थापित करने, जी.एम.सी अमृतसर में कैंसर इंस्टीट्यूट, रेडियोथैरेपी और न्यूक्लियर मैडीसन ब्लॉक की स्थापना, टी.बी. अस्पताल में नये पलमनरी हैल्थ केयर सैंटर की स्थापना, जी.एम.सी. पटियाला में बर्न यूनिट, गुरू नानक देव अस्पताल, अमृतसर में नये लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना,  सीनियर रैज़ीडैंट डॉक्टरों /फेकल्टी और विद्यार्थियों के लिए होस्टलों का निर्माण, बल्ड बैंकों और ऑपरेशन थियेटरों को अपग्रेड करने और सरकारी मैडीकल अस्पतालों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करना शामिल होगा।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा डैंटल और आयुर्वैदिक कॉलेजों की ज़रूरतों को भी योजना में शामिल किया जायेगा।उन्होंने कहा कि इसलिए वार्षिक लक्ष्य और बजट तैयार किये गए हैं जिससे प्रोजेक्टों को किसी वित्तीय मुश्किलों का सामना न करना पड़े। रणनीतिक योजना के मसौदे को अंतिम रूप दिए जाने के साथ ही यह मसौदा योजनाबंदी विभाग और इसके बाद वित्त विभाग के पास जमा करवा दिया जायेगा जिससे आगामी वित्तीय साल में इस सम्बन्धी अपेक्षित बजट का उपबंध किया जा सके।


मंत्री ने मैडीकल कॉलेजों और अस्पतालों के प्रमुखों को उनके संस्थानों की मज़बूती के लिए सक्रियता से काम करने के लिए कहा और उनको चल रहे प्रोजेक्टों के लिए अलॉट किये फंडों के प्रयोग और प्रयोग सर्टिफिकेट खजाने में जमा करवाने को यकीनी बनाने की भी हिदायत की जिससे आगे फंड जारी करने में कोई दिक्कत न आए। उन्होंने कहा कि किसी संस्था द्वारा फंडों का प्रयोग न करना संस्था के प्रमुख की तरफ से बुरे प्रशासन को दिखाता है और इसको बर्दाश्त नहीं किया जायेगा क्योंकि कॉलेज और अस्पताल जनता के कल्याण के लिए हैं। उन्होंने कहा कि दूरदर्शिता में कमी या मुखियों की ढील के कारण विकास प्रोजेक्टों में रुकावट लगने पर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान विभाग की चार वर्षीय रणनीतिक योजना के लिए बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज़ के उप-कुलपति डा. राज बहादुर, गुरू रविदास आयुर्वैदिक यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति डा. बी.के. कौशिक, मैडीकल शिक्षा के प्रमुख सचिव, श्री डी.के. तिवाड़ी, मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान के डायरैक्टर डा. अवनीश कुमार, मैडीकल कॉलेज अमृतसर और पटियाला के प्रिंसिपल क्रमवार डा. सुजाता शर्मा और डा. हरविन्दर सिंह, मैडीकल सुपरडैंट पटियाला डा. अश्वनी कुमार, मैडीकल सुपरडैंट अमृतसर डा. जे.एस. कोलार और सरकारी डैंटल एंड आयुर्वैदिक कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार सांझे किये।

Written By
The Punjab Wire