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राहुल और प्रियंका गांधी को रोकने पर यू.पी. सरकार की कैप्टन ने की आलोचना

राहुल और प्रियंका गांधी को रोकने पर यू.पी. सरकार की कैप्टन ने की आलोचना
  • PublishedDecember 24, 2019

सी.ए.ए विरोधी के पीिडितों से मिलने जा रहे थे राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी

चंडीगढ़, 24 दिसम्बर:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कांग्रेसी नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) विरोधी प्रदर्शनों के पीडि़तों के परिवारों को मिलने जाते समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मेरठ में जाने से रोकने की कार्यवाही की कड़ी आलोचना की है।इस कार्यवाही को अनुचित बताते हुए मुख्यमंत्री ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले नागरिकों और विरोधी पक्ष पर बंदिशें लगाने पर यू.पी. सरकार की सख़्त आलोचना की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तो मेरठ में रोष प्रदर्शन करने के लिए नहीं जा रहे थे बल्कि उन्होंने हाल ही में प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ज्यादतियों में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ दुख साझा करने जाना था। रिपोर्टों के मुताबिक कांग्रेसी नेताओं ने तो इकठ्ठे जाने की बजाय तीन के ग्रुप में जाने की भी पेशकश की थी। परन्तु उनको मेरठ में प्रवेश करने से रोक दिया गया।मुख्यमंत्री ने इससे पहले ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘मेरठ जा रहे राहुल गांधी और प्रियंक गांधी को रोकने संबंधी यू.पी. सरकार के फ़ैसले की कड़ी आलोचना करता हूं जिन्होंने सी.ए.ए. के पीडि़तों के पारिवारिक सदस्यों को मिलने के लिए जाना था। इस समय भारत को हमदर्दी के एहसास की ज़रूरत है न कि विरोधी पार्टियों पर ऐसी रोक लगाने की।’’पुलिस कार्यवाही में प्रदर्शनकारियों को मारने, नकारा कर देने या गिरफ़्तार करने की घटनाओं का हवाला देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि प्रदर्शन करना हरेक भारतीय नागरिक का लोकतांत्रिक हक है परन्तु यू.पी. सरकार प्रदर्शनकारी नागरिकों के साथ ऐसा कठोर व्यवहार कर रही है जैसे वह आतंकवादी या गैंगस्टर हों। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई राज्य सरकार की तरफ से ऐसी कार्यवाही करनी किसी विशेष भाईचारे के विरुद्ध बदले की कार्यवाही को दर्शाता है जबकि इन लोगों ने भारत के संवैधानिक नैतिक मूल्यों की ख़ातिर आवाज़ बुलंद की।पंजाब के मुख्यमंत्री ने यू.पी. सरकार को नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों से पैदा हुई स्थिति के साथ निपटने में संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में चुनी हुई सरकार के नेता होने के नाते अमन-कानून की व्यवस्था कायम रखना हमारी ड्यूटी बनती है परन्तु संविधान हमें प्रदर्शनकारियों के साथ निपटने के लिए ज्यादतियां करने की इजाज़त नहीं देता।’’कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि नागरिकों के लिए भी यह यकीनी बनाना ज़रूरी बन जाता है कि वह हद पार न करें और अपने रोष प्रदर्शन शांतमयी रखेें। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि राष्ट्रीय संपत्ति को नुक्सान पहुंचाना किसी समस्या का हल नहीं है। उन्होंने लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को अपने गुस्से का शिकार न बनाने की अपील की है।

Written By
The Punjab Wire