पंजाब के वित्तीय संकट के लिए आप जि़म्मेदार हो, अब मगरमच्छ के आँसू न बहाओ-कैप्टन
चंडीगढ़, 23 दिसम्बर:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य में वित्तीय स्थिति पर मनप्रीत बादल का इस्तीफ़ा मांगने संबंधी शिरोमणि अकाली दल की माँग को हास्यप्रद बताते हुए कहा कि राज्य को आर्थिक संकट में धकेलने के लिए पूरी तरह अकाली जि़म्मेदार हैं जिसको पैरों पर खड़ा करने के लिए उनकी सरकार सख्त मेहनत कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 साल सत्ता का सुख भोगने वाले अकालियों ने अपने निजी मुनाफ़ों के ख़ातिर राज्य की आर्थिकता को औंधे-मुँह गिरा दिया था। मुख्यमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल को याद किया जब उनकी सरकार ने मज़बूत आर्थिकता छोड़ी थी परन्तु अकाली-भाजपा गठजोड़ ने अपनी लोक विरोधी और बुरी नीतियों से इसको तबाह करके रख दिया। उन्होंने कहा कि अकालियों और उसकी हिस्सेदार भाजपा ने अपने एक दशक लंबे शासनकाल के दौरान राज्य के खज़ाने का सारा पैसा बर्बाद कर दिया और अर्थचारे को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक कदम नहीं उठाए।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने दुख ज़ाहिर करते हुए कहा कि अकालियों की नकारात्मक नीतियों ने निवेशकों के जज़्बातों को पूरी तरह पीस कर रख दिया जिसके नतीजे के तौर पर उद्योग और कारोबारी राज्य से पलायन के लिए मजबूर हो गए थे। इन नीतियों के कारण ही राज्य पर कजऱ्े का बोझ और बढ़ गया और उनकी सरकार यह कजऱ् उतारने के लिए संघर्ष कर रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि और तो और, साल 2017 विधान सभा चुनाव के केवल कुछ महीने पहले तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने केंद्रीय पूल के लिए अनाज की खरीद के सम्बन्ध में राज्य पर 31000 करोड़ रुपए का कजऱ् और चढ़ा दिया जिससे पंजाब का वित्तीय संकट गहरा गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को राज्य की गंभीर आर्थिक स्थिति अकालियों से विरासत के रूप में मिली है और राज्य को इस संकट में धकेलने वाले अकाली अब मगरमच्छ के आँसू बहा रहे हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि कितनी शर्म की बात है कि अपनी इन कार्यवाहियों के लिए अफ़सोस करने और इसके लिए लोगों से माफी मांगने की बजाय अकालियों द्वारा अब वित्तीय गड़बड़ी का दोष उनकी सरकार और वित्त मंत्री के सिर मढऩे की कोशिश की जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी समूची सरकार ख़ासकर वित्त मंत्री निवेशकों और उद्योगों के भरोसे की बहाली के द्वारा आर्थिक स्थिति को फिर से पैरों पर खड़े करने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नयी औद्योगिक नीति और कारोबार को आसान बनाने के लिए उठाए गए कदम के स्वरूप ज़मीनी स्तर पर 50,000 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने दुख के साथ कहा कि बदकिस्मती से केंद्र सरकार जी.एस.टी. राजस्व का प्रबंधन करने और राज्य को उसका बनता हिस्सा समय पर देने में नाकाम रही है जिस कारण पंजाब में अर्थचारे की बहाली के लिए उनकी सरकार के यत्नों में रुकावट पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि हालाँकि यह गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल एन.डी.ए. सरकार में हिस्सेदार भी है और फिर भी अकाली निर्लज्जता से राज्य की वित्तीय समस्याओं का दोष मौजूदा सरकार पर मढ़ रहे हैं।मुख्यमंत्री ने अकाली लीडरशिप को राज्य की आर्थिकता की फिक्र छोडक़र अपने राजनैतिक भविष्य की फिक्र करने के लिए कहा क्योंकि राज्य की बागडोर अब सुरक्षित हाथों में है।