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पंजाब किसान विकास चैंबर की सम्पत्ती का कब्ज़ा कृषि विभाग के हाथों में सौंपने के लिए हरी झंडी

पंजाब किसान विकास चैंबर की सम्पत्ती का कब्ज़ा कृषि विभाग के हाथों में सौंपने के लिए हरी झंडी
  • PublishedDecember 19, 2019

चंडीगढ़, 19 दिसम्बर। मोहाली में स्थित पंजाब किसान विकास चैंबर, किसानों की भलाई को यकीनी बनाने के उद्देश्य से पूरी तरह नाकाम रह जाने पर मंत्रीमंडल ने इसकी दो एकड़ ज़मीन और दफ़्तर का कब्ज़ा कृषि और किसान कल्याण विभाग के हाथों में सौंपने की मंजूरी दे दी है।इस फ़ैसले का मनोरथ विकास चैंबर को मुफ़्त में मुहैया करवाई गई सम्पत्ती का प्रयोग किसानों की भलाई को यकीनी बनाने के लिए करना है।आज यहाँ यह खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब राज्य किसान और कृषि कामगार आयोग और एग्रीकल्चर मार्किटिंग इनोवेशन रिर्सच एंड इंटेलिजेंस सैंटर (ए.एम.आई.आर.आई.सी) जो किसानों के मुद्दों और उनकी सहायता करने के उद्देश्य पर केंद्रित हैं, के कार्यालय अब इस इमारत में स्थापित किये जाएंगे। इसमें पंजाब किसान विकास चैंबर समेत अन्य संस्थाओं को किसानों की भलाई के लिए सैमीनार करवाने की इजाज़त दी जाया करेगी।प्रवक्ता ने आगे बताया कि मंत्रालय का यह भी मानना था कि चैंबर को जारी किए 25 करोड़ के अनुदान में से बकाया पड़ी रकम भी वापस लेने की ज़रूरत है।यह जिक़्रयोग्य है कि मंत्रीमंडल की 25 फरवरी, 2016 को हुई मीटिंग में सोसायटी के तौर पर पंजाब किसान विकास चैंबर की स्थापना करने पर मोहर लगाई गई थी और गमाडा की तरफ से इसके लिए मोहाली में दो एकड़ ज़मीन मुफ़्त मुहैया करवाई जिसकी असल कीमत 8.47 करोड़ रूपए बनती थी और इसको गमाडा की तरफ से अपनी स्कीम के सी.एल.यू. चार्जिज़ और लाइसेंस फीस में से एडजस्ट कर लिया गया था। इस तरह 18 मई, 2016 के पत्र के द्वारा पंजाब सरकार ने 10 करोड़ रुपए का अनुदान और 9 नवंबर, 2016 के पत्र के द्वारा 15 करोड़ रुपए का अनुदान दिया था। सोसायटी ने 21.93 करोड़ रूपए की अनुमानित राशि के साथ कार्यालय स्थापित कर लिया और लगभग 3 करोड़ रुपए की बकाया रकम सोसायटी के पास ही है।यह बताने योग्य है कि राज्य सरकार की तरफ से पत्र तारीख़ 25 सितम्बर, 2019, तारीख़ 7 अक्तूबर, 2019 और 22 अक्तूबर, 2019 के द्वारा विकास चैंबर के सचिव जनरल से पंजाब किसान विकास चैंबर की स्थापना के साथ किसानों को हुए लाभ, किसानों की आर्थिक हालत में सुधार लाने के लिए किये गए प्रयास और इस मकसद में उनकी सफलता सम्बन्धी एक रिपोर्ट माँगी गई थी। उनकी तरफ से पत्र तारीख़ 07 नवंबर, 2019 के द्वारा रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसको जाँचने के उपरांत यह पाया गया है कि पंजाब किसान विकास चैंबर की स्थापना जिस मकसद से की गई थी, उस सम्बन्ध में कोई प्रयास नहीं किये गए और किसानों को कोई लाभ नहीं हुआ है।

Written By
The Punjab Wire