निजी संस्थाओं द्वारा पंजाबियों की जानें बचाने के लिए कोविड केयर में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का भरोसा
चंडीगढ़, 13 सितम्बर: पंजाब के मुख्य सचिव विनी महाजन ने निजी अस्पतालों को कोविड के विरुद्ध लड़ाई में समस्याओं के हल के लिए सरकार द्वारा हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है, जिससे उनकी समस्याएँ जैसे कि दवाएँ, पी.पी.ई. किटों और एकत्र हो रहे बायोमैडीकल वेस्ट के निपटारे का हल किया जा सके। मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सभी निजी अस्पतालों को विश्वास दिलाया है कि वह राज्य के 22 जि़लों में सरकार के साथ कोविड के मरीज़ों को इलाज देने के लिए बराबर के हिस्सेदार हैं। 100 से अधिक निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के नुमायंदों ने भरोसा दिया है कि वह इस महामारी के विरुद्ध जंग में राज्य सरकार का पूरा साथ देंगे और उन्होंने कोविड मरीज़ों के इलाज और कीमती जानें बचाने के लिए ज़रूरत के अनुसार बिस्तरों की संख्या बढ़ाने की पेशकश भी की।
उन्होंने निजी अस्पतालों से अपील करते हुए कहा कि राज्य में बढ़ रहे कोविड के मामलों को ध्यान में रखते हुए वह लोगों की मदद करने के लिए अपने यत्नों को तेज़ करें, जिसके लिए यह ज़रूरी है कि अस्पतालों में इलाज की सुविधाएं बढ़ाईं जाएँ। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट की घड़ी में लोगों का विश्वास जीतने के मौके का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने अस्पतालों को यह भी कहा कि वह मरीज़ों के परिवार जो मानसिक दबाव और सदमे का सामना कर रहे हैं उन तक पहुँच भी करें। इस विचार-चर्चा में राज्य के 100 से अधिक निजी अस्पतालों के नुमायंदों ने भाग लिया। इसमें राज्य के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. के.के. तलवाड़, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री तेजवीर सिंह, जि़ला प्रशासन से स्वास्थ्य एवं मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और सिविल सर्जन उपस्थित थे। इस मीटिंग में बताया गया कि कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ाई के अंतर्गत 180 से अधिक निजी अस्पताल आगे आए और निजी अस्पतालों द्वारा कोविड मरीज़ों के इलाज के लिए स्तर-2 के 2300 से अधिक बैड और स्तर-3 के लिए 900 से बैंडों की पेशकश की गई।
सरकार द्वारा निजी अस्पतालों के यत्नों में सहयोग देने के लिए लगभग 100 वेंटिलेटर निजी अस्पतालों को मुफ़्त मुहैया करवाए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार इस संकट की घड़ी में निजी अस्पतालों द्वारा दिए जा रहे सहयोग का सम्मान करती है। निजी अस्पतालों को पेश गंभीर मामलों सम्बन्धी अपनी राय रखने का मौका दिया गया, जिससे सरकार द्वारा उनको हर तरह की सहायता दी जा सके। विभिन्न निजी अस्पतालों के नुमायंदों द्वारा विभिन्न मुद्दों संबंधी बताया गया और बीमारी के इलाज के लिए क्लिनीकल मैनेजमेंट से लेकर दवाओं की उपलब्धता और पी.पी.ई. किटों, इन स्वास्थ्य संस्थाओं में एकत्र हो रहे बायो-मैडीकल वेस्ट और इसके निपटारे जैसे मसलों पर गंभीरता के साथ चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने निजी अस्पतालों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनको पेश आ रही मुश्किलों से पूरी तरह अवगत है और उनकी सहायता और समर्थन के लिए हर संभव यत्न करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने अस्पतालों को स्थानीय स्तर पर और सोशल मीडिया के ज़रिये अपने तरफ से किए जा रहे नेक कामों का प्रचार करने के लिए भी कहा। निजी अस्पतालों के नुमायंदों को संबोधन करते हुए डॉ. तलवाड़ ने कहा कि मरीज़ों की बेहतर क्लिनीकल मैनेजमेंट के लिए पी.जी.आई., एम्स और (यू.एस.ए/यू.के.) विदेशों के माहिरों द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हर शनिवार को होने वाली ग्रुप मीटिंग में प्राईवेट अस्पतालों में इलाज कर रहे डॉक्टरों की तरफ से अपने तजुर्बे साझे किए जाते हैं और अपने भाईचारे से बढिय़ा इलाज सेवाओं संबंधी सीखने का मौका भी मिलता है। डॉ. तलवाड़ ने यह भी कहा कि गुरूवार को अस्पतालों के नुमायंदे स्तर-2 सुविधाओं सम्बन्धी माहिरों के सैशन में शामिल होते हैं और अपनी सफल कहानियाँ/उत्तम अभ्यास साझे किए जाते हैं, जिससे महामारी के प्रति पंजाब का सर्वपक्षीय स्वीकृति प्रकाशित करने में मदद मिलेगी। मीटिंग में हिस्सा लेने वाले नुमायंदों ने पंजाब सरकार और मुख्य सचिव को उनसे संबंध कायम करने के लिए धन्यवाद किया और राज्य में महामारी के विरुद्ध लड़ाई में बराबर के भागीदार के तौर पर हिस्सा लेने के लिए उत्साह व्यक्त किया।