सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में टेस्टिंग और इलाज सेवाएं मुफ्त उपलब्ध
निजी अस्पतालों के प्रबंधकों को देश के सुरक्षित भविष्य की खातिर मानवता की सेवा करने के लिए की अपील सरकारी अस्पतालों में कोरोना टैस्ट करवाने के लिए किसी डॉक्टर की पर्ची की जरूरत नहीं
चंडीगढ़, 19 अगस्तःकोविड-19 के इलाज और टैस्ट के लिए कुछ प्राईवेट अस्पतालों और लैबों द्वारा वसूली जा रही अधिक कीमतों का नोटिस लेते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने आज सिविल सर्जनों को हिदायत की कि ऐसी सभी सेवाएं पंजाब सरकार द्वारा तय रेटों के अनुसार मुहैया करवाना यकीनी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई इन निर्देशों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उस स्वास्थ्य संस्था के विरुद्ध ऐपीडैमिक डिजीज ऐक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की जाये।विवरण देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में टैस्ट और इलाज की सेवाएं मुफ्त दी जा रही हैं ताकि सभी जरूरतमंद बिना किसी वित्तीय बोझ के मानक सेवाएं प्राप्त कर सकें। इसी तरह, मौजूदा महामारी के दौरान प्राईवेट अस्पतालों द्वारा मुनाफाखोरी को रोकने के लिए प्राईवेट स्वास्थ्य संस्थानों के लिए टैस्ट और इलाज की कीमतों को तय करने की सख्त जरूरत भी थी। इसलिए, कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने जुलाई महीने में कोविड के इलाज की कीमतें निर्धारित की थीं।
उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में लाया गया है कि अब भी कुछ प्राईवेट हस्पताल मरीजों के परिवारों से जबरदस्ती अतिरिक्त कीमतों वसूल रहे हैं। उन्होंने प्राईवेट अस्पतालों के प्रबंधकों से अपील की कि वह इस मुश्किल समय के दौरान हमारे देश के सुरक्षित भविष्य की खातिर मानवता की सेवा करें और इलाज के लिए और ज्यादा कीमतें लेना बंद करें क्योंकि मरीजों के परिवार पहले ही सदमे, वित्तीय बोझ और बीमारी के साथ जुड़े भेदभाव वाले बुरे समय से गुजर रहे हैं।इलाज की निर्धारित कीमतों बारे बताते हुए मंत्री ने कहा कि मोडरेट सिकनेस के लिए सहयोगी देखभाल और ऑक्सीजन सहित आइसोलेशन बैडों की जरूरत पड़ती है। सभी प्राईवेट मैडीकल कॉलेजों / एनबीई से टीचिंग प्रोग्राम के साथ एनएबीएच प्राईवेट अस्पतालों में दाखिले हेतु 10,000 रुपए प्रति दिन, एनएबीएच द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए 9000 रुपए (पीजी / डीएनबी कोर्स के बिना प्राईवेट मैडीकल कॉलेजों के लिए) और गैर-एनएबीएच द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए 8000 रुपए निर्धारित किये गए हैं। गंभीर बीमारी (बिना वेंटिलेटर की जरूरत के आई.टी.यू.) के लिए अस्पतालों की इन श्रेणियों की कीमतें क्रमवार, 15000 रुपए, 14000 रुपए और 13000 रुपए निर्धारित की गई हैं जबकि बहुत गंभीर के लिए, यह क्रमवार 18000 रुपए, 16500 रुपए और 15000 रुपए निर्धारित की गई हैं।
इन सभी कीमतों में पीपीई लागत शामिल है।हलके रोगों वाले मामलों से निपटने के लिए प्राईवेट अस्पतालों को उत्साहित करने के लिए, पंजाब सरकार ने ऐसे मामलों के लिए प्रति दिन दाखिला रेट क्रमवार 6500 रुपए, 5500 रुपए और 4500 रुपए निर्धारित किये हैं। स. सिद्धू ने कहा कि प्राईवेट लैबों में और ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए पंजाब सरकार ने जीएसटी / टैक्स सहित आरटी-पीसीआर टैस्ट के लिए अधिक से अधिक 2400 रुपए निर्धारित किये हैं जिसमें घर से सैंपल लेने सम्बन्धी खर्चा भी शामिल है। प्राईवेट लैबों में जीएसटी / टैक्स सहित एंटीजन टेस्टिंग के लिए अधिक से अधिक 1000 रुपए का रेट निर्धारित किया गया है और इनमें घर से सैंपल लेने सम्बन्धी खर्चा भी शामिल है। मंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में टैस्ट करवाने के लिए किसी डॉक्टर की पर्ची की जरूरत नहीं होती और जिनका टैस्ट पॉजिटिव आता है और जिनको लक्षण नहीं हैं या हलके लक्षण हैं, को अस्पतालों में दाखिल होने की जरूरत नहीं होती।
अगर उनके पास सुविधाएं हैं तो वह घर में एकांतवास रहने का चयन कर सकते हैं। स. सिद्धू ने कहा कि टेस्टिंग सेवाएं सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में मुफ्त उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य विभाग की वैबसाईट पर लगभग 600 सरकारी (सभी जिला हस्पताल, उपमंडल हस्पताल और कम्युनिटी स्वास्थ्य केंद्र) और 52 आईसीएमआर द्वारा मान्यता प्राप्त प्राईवेट टेस्टिंग सेंटरों की सूची उपलब्ध है। कुछ प्राईवेट लैब घरों से नमूने एकत्रित करने की सुविधाएं भी प्रदान करती हैं।उन्होंने कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नरों को हिदायतें जारी की गई हैं कि यदि कोई हस्पताल और प्राईवेट लैब सरकारी हुक्मों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये।