डाॅ अदिति बख्शी
तलवाड़ा। शनिवार की देर रात्रि के 11.40 बजे दातारपुर के पास कंडी नहर के अचानक टुटने से कंडी नहर में करीब 15 से 20 मीटर का खाल पड़ गया। इस नहर के टुटने से एक दर्जन किसानों की भुमि में बोई धान की फसल को नुकसान हो गया।इस दौरान सुचना मिलतें ही एस डी एम मुकेरिया अशोक कुमार,नाईव तहसीलदार तलवाड़ा मनोहर लाल ,थाना प्रभारी तलवाड़ा भुषण सेखड़ी वकंडी नहर के एक्सीयन विजय कुमार ने घटना स्थल का दौरा कर कंड़ी नहर विभाग के मौके पर उपस्थित अधिकारियों को आदेश दिया कि कंडी नहर के क्षतिगर्सत हुए भाग की यथा शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू किया जाए ताकि कंडी क्षेत्र के किसानो के द्वारा खेतों में वोई धान की फसल को नुकसान होने से वचाया जा सकें।
इस दौरान कंडी नहर के जेई भुपिन्दर सिंह बाजवा ने वताया हैं कि उन्हे शनिवार को देर रात्रि के करीब 11.47 बजे फोन आया कि दातारपुर के पास कंडी नहर का कुछ भाग टुटने से क्षति गर्सत हो गया है।इस बीच में तुरंत ही आर डी जीरो तलवाड़ा में पहुंच कर के कंडी नहर के दोनों मुख्य गेट्स को रात्रि के करीब 12.04 बजे वन्द कर दिया गया।क्षी बाजवा ने वताया कि मुकेरिया हाईडल चैनल की शाह नहर में अचानक शनिवार रात को पानी अधिक आ जानें से आर डी जीरो तलवाड़ा में गेट्स के से शाह नहर में से कंडी नहर की क्षमता से अधिक पानी आ जानें के कंडी नहर आर डी 48300 से लेकर 48500 तक क्षति गर्सत हो गईं।इस दौरान मौके पर पहुंचे एस डी एम मुकेरिया अशोक कुमार शर्मा व नाईव तहसीलदार तलवाड़ा मनोहर लाल ने बताया है कि कंडी नहर के टुटने के कारण दातारपुर के अंतर्गत पड़ते पटवार सर्कल रकड़ी व देपुर के किसानों की 964 कनाल व 2 तुड़ी से भरे कुप्पो भुमि को नुकसान पहुंचा है। इस दौरान उन्होंने बताया गाँव रकडी हदबसत नंबर 892 की 24 कनाल व 3 तुड़ी से भरे कुप्पो,देपुर हदबसत नंबर 588 की 55 कनाल व रेपुर हदबसत नंबर 589 की 37 कनाल भुमि में वोई फसल को नुकसान पहुंचा है।
गौर है कि विश्व बैंक की सहायता से कंडी क्षेत्र के कस्बा तलवाड़ा से होशियारपुर तक कंडी क्षेत्र के किसानो की भुमि को सिंचित करने के उद्देश्य से वर्ष 1978 में उस समय के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने इस कंडी नहर का शिलान्यास किया था।हालांकि तलवाड़ा से होशियारपुर तक के 60 किलोमीटर लंबी इस कंडी नहर के निर्माण कार्य का काम वर्ष 1998 में जाकर पूरा हुआ था।इस दौरान कंडी संघर्ष कमेटी के सुबा सचिव शमशेर सिंह व नशा मुक्त कंड़ी संघर्ष कमेटी के जिला प्रधान सुभाष सिंह ने वताया हैं कि कंडी कैनाल नहर निर्माण के समय ही विवादों में रही है।
वहीं पर इतने सालों के इंतजार और करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी कंडी नहर निर्माण के बावजूद भी कंडी क्षेत्र के समस्त किसानों की भुमि सीचीत करने में असमर्थ सावित हो रही हैं।हालांकि इस नहर के निर्माण कार्य में कथित तौर पर घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किये जानें के आरोप क्षेत्र के किसानो के द्वारा लगाये जाते रहें हैं।इसी वजह से कंडी नहर के बनने के कुछ समय पश्चात ही इस नहर में दरारें पड़ गई थी। जिसके बाद नहर को रिपेयर कर द्वारा चालू किया गया था।दूसरी तरफ नहर का निर्माण कार्य भी घटिया सामग्री से किया गया है, जब भी नहर में पानी छोड़ा जाता है तो यह कई जगहों से लीक होना शुरू हो जाती है।
फिलहाल नहर की हालत किसी उजाड़ स्थान जैसी है जहां घास और जंगली बूटियों का डेरा रहता है। कंडी नहर जिला होशियारपुर के तलवाड़ा पौंग डैम से निकलते मुकेरियां हाईडल चैनल से निकलने वाली 500 क्यूसिक वाली 129 किलोमीटर कंडी कैनाल नहर दसूहा, हरियाना, होशियारपुर, चब्बेवाल, माहिलपुर, गढ़शंकर से बलाचौर के गांव थोपीया (बलाचौर) तक का दूसरा भाग करीब दो दशकों बाद 2005 में शुरू होकर 2016 में करोड़ों रुपये खर्च करके नहर बनाने का लक्ष्य तो पूरा तो कर लिया गया लेकिन करोड़ों के खर्च बावजूद भी इसका लाभ किसी को नहीं मिला।वहीं मौजूदा सरकार द्वारा नहर की ओर ध्यान न दिए जाने के कारण करोड़ों रुपये खर्च करके बनाई कंडी नहर अब मिट्टी होती जा रही है।