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बचपन में डीसी शब्द तथा स्कूल जाते वक्त डीसी की रिहायश से प्रभावित, अमृतपाल कौर को मिली आईएएस बनने की प्रेरणा

बचपन में डीसी शब्द तथा स्कूल जाते वक्त डीसी की रिहायश से प्रभावित, अमृतपाल कौर को मिली आईएएस बनने की प्रेरणा
  • PublishedJuly 27, 2020

कंफर्ट जोन में रहने से ठहर जाता है इंसान, कुछ करना है तो कंफर्ट जोन से बाहर निकलना जरुरी

यंग एचीवर्ज प्रोग्राम स्ट्रोरीज आफ दी चैंपियन आफ गुरदासपुर में किए गए अपने अनुभव सांझे

गुरदासपुर, 27 जुलाई (मनन सैनी)। जिस तरह एकलव्य ने सीखने की चाह में गुरु द्रोणाचार्ज की मूर्ती बना कर धनुष चलाने में निपुन्ना हासिल कर ली थी ठीक उसी तरह अगर सीखनें की चाहत हो और जज्बा हो तो कुछ भी किया जा सकता है। ऐसा ही विश्वास गुरदासपुर के तीन यंग एचीवर्ज के अनुभवों को सुन कर लगा।

प्रेरणा किसी भी शब्द किसी भी इमारत से ली जा सकती है जिसकी मिसाल गुरदासपुर की युवा आईपीएस अमृतपाल कौर है जिन्होने आईएएस बनने की प्रेरणा आम इस्तेमाल होने वाले शब्द डीसी से ली। डीसी शब्द का महत्व उसका रुतबे से वह बेहद प्रभावित हुई क्योंकि वह बचपन से आसपास इस शब्द को सुनती थी जो उस पर एक अलग छाप छोड़ते थे। डीसी शब्द से अमृतपाल कौर इतनी प्रभावित थी कि स्कूल जाते वक्त गुरदासपुर में बनी डीसी गुरदासपुर की रिहयाश को भी निहारना न भूलती। यह अनुभव अमृतपाल कौर ने डिप्टी कमिशनर गुरदासपुर मोहम्मद इश्फाक की ओर की गई पहल यंग एचीवर्ज प्रोग्राम स्ट्रोरीज आफ दी चैंपियन आफ गुरदासपुर में आनलाईन मीटिंग के सांझा किए। इस प्रोग्राम का आगाज मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से किया गया जिसमें विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा सहित जिले के कई दिग्गज मौजूद थे।

अपने अनुभव व्यक्त करते हुए अमृतपाल कौर ने कहा कि कंफर्ट जोन हमारा विकास रोक देती है, हम आगे बढ़ ही नही पाते और न ही उसकी चाहत रखते है। दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नही है बस हमारा विश्वास, परिवार का साथ साथ होना चाहिए। नौजवानों को संदेश देते हुए अमृतप्रीत ने कहा कि लोगो में विदेश जाने का रुझान बढ़ रहा है, परन्तु विदेशों में जाकर कोई अल्लादीन का जिन्न हाथ नही आ जाता वहां जाकर भी मेहनत करनी पड़ती है। वहीं मेहनत यहीं अपने देश में कर हम अपने देश के लिए काम कर सकते है।

वहीं परीक्षा में नतीजों से हताश होकर आत्महत्या करने वालों संबंधी गांव नानोवाल खुर्द की अमृतप्रीत कौर ने बताया कि उन्हे चौथी बार जाकर सफलता मिली। उन्होने इलैक्ट्रीकल इंजिनरिंग, पंजाब इंजिनिय​रिंग कालेज (च​डिगढ़) से ग्रेजूऐशन पास करने के उपरांत दिल्ली की एक निजी कंपनी में नौकरी ज्वाईन की। परन्तु जिंदगी में और उंचा मुकाम हासिल करने के लिए उसने डेढ़ साल नौकरी करने के उपरांत नौकरी छोड़ कर यू.पी.एस.सी परीक्षा की तैयारी शुरु की तथा चौथी बार भारत में 44 वां रैक हासिल कर पाई तथा उनकी सपना 2019 में पूरा हुआ। इसलिए फेल होना कोई जुर्म नही है। वहीं इस मौके पर विघार्थी परविंकलजीत कौर ने बताया कि वह नान मेडिकल विषय में काहनूवान के सरकारी सीनियर सैकेडरी स्कूल में 12 वीं जमात में पढ़ती थी और सख्त मेहनत तथा लग्न से ही उसने 12 वीं के नतीजों में राज्य भर में पहला स्थान हासिल किया।

इस मौके पर जूडो खेल में महारत हासिल करने वाले गुरदासपुर के प्रेम नगर मोहल्ले के नौजवान महेश इंद्र सैनी ने बताया कि उसने 2016-17 में सब जूनियर नैशनल खेलों में दूसरा स्थान हासिल किया। 2017-18 में सब जूनियर नैशनल खेलों में तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं स्कूल नैशनल खेल 2019-20 तथा ऐशियन पैसिफिक यूथ खेलों में प्रथम स्थान हासिल किया।सैनी ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए द्रड़ इरादा संकल्प होना बेहद जरुरी है और सख्त मेहनत तथा लग्न के साथ हर चीज पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

Written By
The Punjab Wire