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पंजाब पुलिस के साईबर क्राइम सैल द्वारा कोविड-19 सम्बन्धी धोखाधड़ी वाले संदेशों से सावधान रहने की चेतावनी

पंजाब पुलिस के साईबर क्राइम सैल द्वारा कोविड-19 सम्बन्धी धोखाधड़ी वाले संदेशों से सावधान रहने की चेतावनी
  • PublishedJuly 25, 2020

वाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैलाए जा रहे एस.एम.एसज़ से सावधान रहो-पंजाब पुलिस की तरफ से नागरिकों से अपील

चंडीगढ़, 25 जुलाई। पंजाब पुलिस के स्टेट साईबर क्राइम सैल के डीआईटीएसी ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वह मैसेजि़ंग सेवाओं जैसे कि एसएमएस या वाट्सऐप के द्वारा फैलाए जा रहे यूआरएल (क्ररु) संदेशों, जिसमें सरकार द्वारा हरेक नागरिक को 2000 रुपए का मुफ़्त कोविड राहत पैकेज दिए जाने सम्बन्धी दर्शाया जाता है, पर क्लिक करके उस लिंक को न खोलें।  इसका खुलासा करते हुए पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन के एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के धोखाधड़ी वाले संदेश को खोलने से आपके डिवाइस का कंट्रोल साईबर अपराधियों के हाथ में जा सकता है, जिससे वह आपके डाटा और पैसों से सम्बन्धित जानकारी तक पहुँच करके आपके बैंक खाते को खाली कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में यह संदेश प्रसारित किया जा रहा है कि ‘‘सरकार ने आखिऱकार मंज़ूरी देकर हरेक नागरिक को 2 हज़ार रुपए के मुफ़्त कोविड राहत फंड देने शुरू कर दिए हैं। नीचे दिया है कि कैसे इस राशि का दावा करना है और अपने पैसे कैसे तुरंत अपने खातों में प्राप्त करना है, जैसे कि मैंने अभी इस लिंक से किया है  https://covid19-relieffund.com/ आप सिफऱ् एक बार दावा करके राशि अपने खाते में प्राप्त कर सकते हो और यह सीमित है इसलिए अपनी राशि तुरंत प्राप्त करो।’’ उन्होंने बताया कि एक बार जब कोई भी यूआरएल (क्ररु) पर क्लिक करने के बाद पेज खोलता है, तो यह बधाई संदेश को दिखाता है। ‘‘अपने बैंक खातों में तुरंत 7,000 रुपए मुफ़्त प्राप्त करें। मुफ़्त लॉकडाउन राहत फंडों का लाभ लेने के लिए कृपा करके सर्वे को पूरा करो।’’ 

बधाई संदेश के साथ एक प्रश्र पूछा जाता है कि क्या आप एक भारतीय नागरिक हो? प्रश्नों के उत्तर देने के बाद, यह देखा गया है कि इस लिंक में वास्तव में एक प्रश्नावली होती है, जिसमें आप से कई अन्य विवरणों संबंधी पूछा जाता है, जैसे कि ‘‘उनके लॉग-इन के दौरान आप कितना समय बने रह सकते हो? आप मुफ़्त 7,000 रुपए का प्रयोग किसके लिए करोगे? उसके बाद आपको 7,000 रुपए मिलने सम्बन्धी एक बधाई संदेश मिलेगा। आप इस संदेश को अन्य ग्रुपों और संपर्कों के साथ सांझा करने के लिए एक लिंक प्राप्त करोगे।’’  ब्यूरो ने लोगों से अपील की है कि वह इस सम्बन्ध में पूरी तरह सचेत रहने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और संदिग्ध यू.आर.एल लिंकों पर क्लिक न करें। अगर किसी के सामने ऐसा कोई संदेश किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के द्वारा आता है तो इसको अन्य लागों को आगे न भेजें, बल्कि इसको तुरंत डिलीट कर दें। उन्होंने चेतावनी दी कि ‘‘ऐसे लिंकों पर क्लिक करना और ज्य़ादा जोखि़म पैदा करता है, क्योंकि यह मालवेयर हो सकता है, जो आपको अन्य धोखाधड़ी वाली साईटों पर भेज सकता है, जिससे उपभोक्ता को वित्तीय नुकसान हो सकता है।’’ 

प्रवक्ता ने लोगों से अपील की कि वह ऐसे संदेशों की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना किसी ख़बर या लिंक को आगे न भेजें और यह तस्दीक करें कि उचित वैबसाईट पर इस संबंधी कोई आधिकारित घोषणा की गई है या नहीं। उन्होंने कहा ‘‘इस सम्बन्ध में कोई भी जानकारी या किसी अन्य साईबर अपराध सम्बन्धी किसी भी तरह की जानकारी स्टेट साईबर क्राइम इन्वैस्टीगेशन सैंटर की ईमेल आईडी  ssp.cyber-pb@nic.in पर भेजी जा सकती है, जिससे विभाग द्वारा ऐसी धोखाधड़ी वाली कार्यवाहियों में शामिल अपराधियों के विरुद्ध उपयुक्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जा सके।’’

Written By
The Punjab Wire