वकील बन गरीब जरूरतमंदों और मज़लूमों के हितों के लिए उनके केस मुफ्त लड़ेंगी मनजीत कौर
डाॅ अदिति बख्शी
होशियारपुर । 56 साल की उम्र में कैंसर रोगी लंबड़दार मनजीत कौर ने बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण कर साबित कर दिया कि अगर कोई व्यक्ति कुछ करने का ठान ले तो ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपको रोक सके. मनजीत कौर कहती हैं कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती और कोई भी किसी भी उम्र में पढ़ सकता है। मनजीत कौर अब अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखना चाहती हैं और उनका लक्ष्य है जरूरतमंदों की मदद करने के लिए वकालत करना।
मनजीत कौर ने बताया कि वह गांव के नम्बरदार के तौर पर भी काम कर रही हैं और अब वह वकालत की शिक्षा पाकर उन लोगों को उनका वाजिब हक दिलाना चाहती हैं जो पैसे की कमी की वजह से इंसाफ की लड़ाई लड़ने का साहस नहीं कर पाते। वह कहती हैं कि वकालत करके वह जरूरतमंदों और मज़लूमों के हितों के लिए उनके केस मुफ्त लड़ेंगी।
गौरतलब है कि मंजीत कौर को कैंसर भी और इसके लिए उनकी दवा भी चलती है लेकिन पढ़ाई के लिए वह अपनी दवा का समय भी बदल लेती थीं ताकि दवा के असर के कारण नीद आने के चलते पढ़ाई में विघ्न न आए। मनजीत कौर ने बताया कि वह एक बार एक केस के सिलसिले में अदालत में थीं जब किसी वकील के सहायक के एक गरीब बुजुर्ग मुवक्किल के साथ ठीक ढंग से बात न करते देखा तो उनके मन को बड़ी ठेस लगी और उन्होंने ठान लिया कि वह वकालत करेंगी और ऐसे लोगों के केस मुफ्त लड़ेंगी।