डीजीपी ने सरहदी जिलों में सुरक्षा तैयारियों का लिया जायज़ा
नशे विरोधी मुहिम को मज़बूती देने के भी दिए निर्देश
कैटेगरी ए के बाकी गैंगस्टरों को पकडऩे के लिए टीमें गठित
जालंधर । 13 दिसंबर। पाकिस्तान आधारित आतंकवादियों द्वारा भारी खतरे के मद्देनजऱ राज्य के सरहदी जिलों में सुरक्षा तैयारी का जायज़ा लेते हुए पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने गुरूवार को पुलिस फोर्स को सरहद के साथ साथ चैकिंग को और तेज़ करने के लिए कहा है। इसके साथ ही उनकी तरफ से गैंगस्टरों, नशा तस्करों और अपराधियों से सख्ती से निपटने के लिए क्रमवार कदम उठाने के हुक्म भी जारी किये गए हैं।राज्य के केटेगरी ए के बाकी गैंगस्टरों को पकडऩे के लिए टीमें गठित करने के अलावा डी.जी.पी. की तरफ से सभी जिलों के सी.पीज़ और एस.एस.पीज़ को महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर नियंत्रण करने और लोगों की शिकायतों को पहल के आधार पर हल करने के निर्देश दिए गए हैं।सभी सी.पीज / एसएसपीज़ को हिदायत दी गई थी कि वह 2010 के बाद सीधे तौर और भर्ती किये सब -इंस्पेक्टरों और कांस्टेबलों जिन्होंने अब तक पुलिस थाना में सेवा नहीं की थी, को तुरंत कम से कम दो साल के लिए पुलिस स्टेशन पर तैनात किया जाये। अधिकारियों को हरेक बुधवार को हर जि़ले में सप्ताहिक अपराध मीटिंगें करने के लिए कहने के अलावा, डीजीपी ने फील्ड अफसरों को कहा कि वह राज्य में कत्ल के मामले सुलझाने के अलावा वाहन छीनने और सडक़ी अपराध को पहल के आधार पर रोकें।मुख्यालयों से सीनियर पुलिस अधिकारियों और पुलिस के सभी कमिशनर, एसएसपी, रेंज आईजी, की मीटिंग यहाँ पीएपी में हुई। सरहदी राज्य पंजाब के सामने सुरक्षा चुनौतियों का नोटिस लेते हुए, खासकर जम्मू -कश्मीर के विकास के मद्देनजऱ, डीजीपी आगामी धुंध और सर्दियों में आतंकवादी अपराधों समेत हर तरह के अपराधों पर पैनी नजऱ रखने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।सरहदी जिलों में सुरक्षा स्थिति और सुरक्षा तैयारी की समीक्षा के हिस्सेके तौर पर डीजीपी ने सात सरहदी जिलों के एडीजीपी अंदरूनी सुरक्षा, एडीजीपी कानून और व्यवस्था, आईजी बार्डर और एसएसपी के साथ एक अलग मीटिंग भी की।डीजीपी ने राज्य में एडीजीपी एसटीएफ, आईजीपी एसटीएफ और सीनियर फील्ड पुलिस अधिकारियों के साथ राज्य में ‘नशों के विरुद्ध मुहिम’ की समीक्षा भी की। मीटिंग में सप्लाई घटाने सम्बन्धित रणनीतियां बनाने सम्बन्धी विचार-चर्चा की गई और साथ ही एडीजीपी एसटीएफ और सीपीज़ / एसएसपीज़ को ‘नशों के विरुद्ध मुहिम’ को और तेज़ करने के लिए निर्देश भी जारी किये गए।सभी सी.पीज़ / एसएसपीज़ को निजी सुरक्षा ड्यिूटी पर तैनात एसआईज़ / एएसआईज़ को तुरंत प्रभाव से वापस लेने के आदेश दिए गए हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में एनडीपीएस केस दर्ज होने की सही जांच को यकीनी बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं।यह भी फ़ैसला किया गया कि हरेक थाना और सब -डिविजऩ एक ‘रिसपांसिबिलटी सैंटर’ होगा और एस.एच.ओज़ और सब-डिविजऩल पुलिस अधिकारियों की कारगुज़ारी’ पारिभाषित मापदण्डों जैसे कि नशों के विरुद्ध मुहिम, अपराधों पर नियंत्रण, अपराधिक मामलों की जांच और पड़ताल, भगौड़े अपराधियों की गिरफ़्तारी आदि सम्बन्धी मासिक आधार पर की जाऐगी। मीटिंग में फ़ैसला लिया गया कि विशेष तौर पर एनडीपीएस एक्ट के मामलों में भगौड़े अपराधियों की गिरफ़्तारी के लिए एक विशेष मुहिम चलाई जाये। श्री गुप्ता ने कहा कि अदालतों द्वारा जारी अलग -अलग दिशा निर्देशों के अनुसार एनडीपीएस एक्ट के मामलों की जांच की सख्ती से पालना की जानी चाहिए।डीजीपी द्वारा जि़ला स्तर पर गठित की जाने वाली विशेष टीमें, जैसे जि़ला सोशल मीडिया टीम, जि़ला साईबर टीम, जि़ला परीक्षक टीम और सैक्शूअल असॉल्ट रिस्पांस टीम के कार्य की भी समीक्षा की गई।महिलाओं की सुरक्षा के अलावा महिलाओं और बच्चों के खि़लाफ़ अपराध पर ध्यान केंद्रित करते समय इस मीटिंग में अगले 6 महीनों में सभी थानों की चैकिंग करने का फ़ैसला किया गया। डीजीपी ने खुलासा किया कि हथियारों के लायसैंसधारकों के पृष्टभूमि की विश्लेषण के इलावा जिलों और बटालियों में हथियारों और अस्लो के जायज़े बारे भी फ़ैसला किया गया।मीटिंग में डीजीपी और डायरैक्टर बीओआई प्रबोध कुमार, एडीजीपी एडमिनिस्ट्रेशन गौरव यादव, एडीजीपी कानून और व्यवस्था ईश्वर सिंह, एडीजीपी तकनीकी सेवाएं, कुलदीप सिंह, एडीजीपी सुरक्षा वरिन्दर कुमार, एडीजीपी आईएस आरएन ढोके एडीजीपी कमांडो राकेश चंद्र, सीपी अमृतसर सुखचैन सिंह गिल सीपी लुधियाना राकेश अग्रवाल, सीपी जालंधर गुरप्रीत भुल्लर के अलावा राज्य की सभी रेंजों के आईजीज़ और एसएसपीज़ शामिल थे।