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पंजाब के मुख्यमंत्री ने गरीब और ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षा यकीनी बनाने के लिए शिक्षा विभाग को कोई विधि ढूँढने के लिए कहा

पंजाब के मुख्यमंत्री ने गरीब और ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षा यकीनी बनाने के लिए शिक्षा विभाग को कोई विधि ढूँढने के लिए कहा
  • PublishedJuly 12, 2020

चंडीगढ़, 12 जुलाईः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ऐसे विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देना यकीनी बनाने के लिए शिक्षा विभाग को कोई विधि ढूँढने के लिए कहा है जिनके पास आवश्यक ऑनलाइन सुविधा नहीं है।

मुख्यमंत्री ने रविवार को ‘कैप्टन से सवाल’ सैशन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि कोविड की स्थिति के कारण रेगुलर ऑफलाईन क्लासें संभव नहीं हैं जिसके लिए यह लाजिमी बन जाता है कि गरीब और ग्रामीण विद्यार्थियों समेत सभी विद्यार्थियों को शिक्षा के समान मौके मिलने यकीनी हों।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ऐसे विद्यार्थीयों को शिक्षा देने के तरीकों की आलोचना कर रहा है जिनके पास ऑनलाइन सुविधा न होने के कारण शिक्षा हासिल करना चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि नयी विधि जल्दी ही लागू हो जायेगी जिससे लम्बे समय से फिजिकल क्लासों के बंद होने से इन विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुक्सान नहीं होगा।

एक सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार पहले ही हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ एल.पी.ए. दाखिल कर चुकी है जिसमें उन्होंने प्राईवेट स्कूलों को लॉकडाउन के उस समय के लिए भी फीसें वसूलने की आज्ञा दी जब ऑनलाइन क्लासें भी नहीं लग रही थीं।

आखिरी साल के विद्यार्थियों के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की परीक्षाओं के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वह यू.जी.सी. द्वारा हाल ही में जारी दिशा-निर्देशों के साथ सहमत नहीं हैं जिसके अंतर्गत सितम्बर महीने तक लाजिमी इम्तिहान करवाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि यू.जी.सी को यह फैसला राज्यों पर छोड़ देना चाहिए जो जमीनी हकीकतों को देखकर फैसला करें। उन्होंने आशा जताई कि प्रधानमंत्री जिनको उन्होंने कल पत्र लिखा है, इस सम्बन्धी राज्यों की शंकाओं के मद्देनजर विद्यार्थियों की सुरक्षा के हितों का ख्याल रखते हुए दखल देंगे।

Written By
The Punjab Wire