शिकायतों और धोखेबाज़ी सम्बन्धी रिपोर्टों के निपटारे के लिए स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट स्थापित
मोहाली, 11 दिसंबर। पंजाब सरकार द्वारा 90 करोड़ रुपए के साथ अब तक आयुषमान भारत-सरबत सेहत बीमा योजना (ए.बी. -एस.एस.बी.वाई) के अंतर्गत 82,000 से अधिक मरीजों का इलाज किया जा रहा है।यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के कमेटी रूम में आयोजित प्रैस कॉन्फ्ऱेंस के दौरान दी। एबी-एसएसबीवाई की सफलताओं संबंधी बताते हुए मंत्री ने आगे कहा कि लाभपात्रियों को स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए तकरीबन 38 लाख ई-कार्ड तैयार किये गए हैं और प्रक्रिया अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि यह योजना सफलतापूर्वक चल रही है। यह स्कीम मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने 20 अगस्त को शुरू की थी। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह की दूरअन्देशी ने पंजाब के लोगों के लिए बिना किसी खर्च किए मानक स्वास्थ्य संभाल का लाभ लेना संभव किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि लाभपात्रियों को घर -घर दूसरे और तीसरे दर्जे की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए इस योजना के अंतर्गत 639 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है और ऐसे और अस्पतालों को सूचीबद्ध करने का काम जारी है। उन्होंने बताया कि तीसरे दर्जे की सेवाओं के अंतर्गत अब तक 1291 घुटने और कूल्हे बदले जा चुके हैं इसके अलावा 1474 दिल के ऑपरेशन और 1145 कैंसर मरीज़ पहले ही इलाज करवा चुके हैं।स. बलबीर सिंह सिद्धू ने ज़ोर देते हुए कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार इस लोक समर्थकी पहलकदमियों का लाभ राज्य भर के सभी निवासियों तक पहुँचाने और बाकी परिवारों को इस योजना के दायरे में लाने सम्बन्धी प्रस्तावना पर काम कर रही है। इसके साथ ही पंजाब देश के उन कुछ राज्यों में शामिल हो जायेगा, जहाँ हरेक को मुफ़्त इलाज मुहैया करवाया जायेगा।इसके अलावा, उन्होंने ऐलान किया कि पत्रकार अपने ई-कार्ड 13 दिसंबर से चंडीगढ़ प्रैस क्लब, सैक्टर-27 और प्रैस क्लब, मोहाली से भी प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया आम सेवा केन्द्रों द्वारा की जाऐगी। लाभपात्रियों के पारिवारिक सदस्यों के सम्मिलन का काम भी चल रहा है और वह जिलों में स्थापित किये किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल या जिला अस्पतालों में स्थापित 22 जि़ला कीओस्कोंं में जाकर सेहत सेवाओं प्राप्त कर सकते हैं।उन्होंने दोहराया कि पंजाब सरकार राज्य के सभी लोगों और सरबत सेहत बीमा योजना के लिए मानक सेहत संभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है जो इस क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रोजैक्ट राज्य में लागू किया गया है, जोकि राज्य की 75 प्रतिशत आबादी को कवर करता है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के कैशलैस इलाज का लाभ लेने के लिए अपनी योग्यता की जांच करने हेतु आप विभाग की वैबसाईट 222.ह्यद्धड्डश्चह्वठ्ठद्भड्डड्ढ.द्बठ्ठ पर जा सकते हो और ई-कार्ड बनाने के लिए पास के साझा सेवा केन्द्रों (सी.एस.सी.) के साथ संपर्क कर सकते हो।मंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने लाभपात्रीयों की शिकायतों का हल करने और आयुषमान भारत -सरबत सेहत बीमा योजना के अंतर्गत धोखाधड़ी की रिपोर्ट की जांच करने के लिए ‘स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट’ का गठन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि 104 हेल्पलाइन पर दर्ज 1502 शिकायतों में से 124 शिकायतों का निपटारा किया गया है। उन्होंने कहा कि डिप्टी मैडीकल कमिश्नर के नेतृत्व मेें विशेष टीमें जि़ला स्तर पर शिकायतों को तुरंत हल करने के लिए बनाईं गई हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई सूचीबद्ध हस्पताल बीमा योजना का लाभ मुहैया कराने से इन्कार करता है, तो ऐसी सेहत संस्थाओं के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जायेगी।इस योजना के अंतर्गत पहले शामिल लाभपात्रीयों की श्रेणियों का विवरण देते हुए मंत्री ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक जातियों की जनगणना 2011, स्मार्ट राशन कार्ड धारक परिवार, जे-फार्म होल्डर किसान परिवार, छोटे व्यापारी और रजिस्टर्ड निर्माण कामगार पहले इस योजना के अंतर्गत शामिल किये गए थे परन्तु इसकी योजना की शुरूआत करते समय, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इस स्कीम का लाभ मान्यताप्राप्त/पीले कार्ड धारक पत्रकारों और छोटे और मध्यम किसानों को देने का फ़ैसला भी किया। पत्रकारों ने पहले ही स्कीम का लाभ लेना शुरू कर दिया है और बहुत जल्दी छोटे और सीमांत किसान लाभ लेने के योग्य हो जाएंगे।इस मौके पर पंजाब हैल्थ सिस्टमज़ कार्पोरेशन के चेयरमैन श्री अमरदीप सिंह चीमा, स्टेट हैल्थ एजेंसी के सी.ई.ओ. श्री कुमार राहुल, पंजाब हैल्थ सिस्टमज़ कार्पोरेशन के एम.डी. श्री मनवेश सिंह सिद्धू, स्टेट हैल्थ एजेंसी की ए.सी.ई.ओ. डॉ. श्वेता महेन्द्रा, स्वास्थ्य मंत्री के राजनैतिक सचिव श्री हरकेश चंद शर्मा मछली कलाँ, ओ.एस.डी. डॉ. बलविन्दर सिंह और स्वास्थ्य विभाग के अन्य सीनियर अधिकारी भी शामिल थे।