पंकज बांसल को दोषी पुलिस मुलाजिमों की तरफ से झूठे सबूत घडऩे में मदद करने के दोष के तहत किया काबू
चंडीगढ़, 20 जून:बहबल कलाँ गोलीबारी मामले में एक और बड़ी सफलता दर्ज करते हुये पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शनिवार को दोषी पुलिस मुलाजिमों के साथ मिल कर साजिश रचने और आत्म-रक्षा की झूठी कहानी घडऩे के दोष के तहत पंकज मोटरज़ मोगा के मालिक को गिरफ्तार किया है।
इस मामले में इस हफ्ते पुलिस की तरफ से गई यह दूसरी और अब तक की तीसरी गिरफ्तारी है जिसमें पूर्व एसएसपी मोगा चरनजीत शर्मा मुख्य मुलजिम हैं और उसके साथी सोहेल सिंह बराड़ को विशेष जांच टीम ने 16 जून को गिरफ्तार किया था जो कल तक पुलिस हिरासत में है। शर्मा फि़लहाल सेहत सम्बन्धी स्थिति के आधार पर अंतरिम ज़मानत पर है।
एसआईटी के मुख्य जाँचकर्ता आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बताया कि पंकल मोटरज़ के मालिक पंकज बांसल, जिसकी इस घटना के समय फरीदकोट में एक आटोमोबाईल वर्कशाप था, को चरनजीत सिंह शर्मा की जिप्सी पर गोलियाँ चलाने के दोषी मुलाजिमों की तरफ से अपने बचाव के लिए एक झूठी कहानी को घडऩे में जान-बूझ कर मदद देने के लिए गिरफ्तार किया गया है। मुलजि़म पंकज को कल अदालत में पेश किया जायेगा।
एसआईटी जांच के दौरान पाया गया कि पुलिस फायरिंग की घटना के बाद पंकज बांसल ने इस केस में झूठे सबूत तैयार करने के मौके मुलजिम पुलिस मुलाजिमों की मदद करने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
एस.आई.टी. की जांच के अनुसार बरगाड़ी और अन्य स्थानों पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी होने की कई घटनाओं के बाद जब 14.10.2015 को बहबल कलाँ में बाद शांतमयी ढंग से धरने पर बैठे निर्दोष प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग हुई तो इस फायरिंग के लिए जि़म्मेदार पुलिस टीम ने अपनी आत्म-रक्षा लिए एक साजि़शी कहानी घड़ी। अपने हक में आत्म-रक्षा की कहानी को साबित करने के लिए उस समय के मोगा के एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा की पायलट जिप्सी पर मुलजिमों ने ख़ुद गोलियाँ मारकर झूठे सबूत बनाऐ। बताने योग्य है कि इस एसआईटी का गठन इस साल के शुरू में कोटकपूरा और बहबल कलाँ में फायरिंग के मामलों की जांच के लिए किया गया था।