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कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भारत सरकार को अपनी नीति बदलने का न्योता देते हुये एल.ए.सी. पर सैनिकों को आत्म-रक्षा लिए गोली चलाने की आज्ञा देने की माँग की

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भारत सरकार को अपनी नीति बदलने का न्योता देते हुये एल.ए.सी. पर सैनिकों को आत्म-रक्षा लिए गोली चलाने की आज्ञा देने की माँग की
  • PublishedJune 20, 2020

मुख्यमंत्री ने ‘कैप्टन को पूछो’ सैशन में कहा, ‘भारत की नीति एक सैनिक के बदले पाँच सैनिक मारने की होनी चाहिए’
कहा, ‘एस.जे.एफ. का पन्नू आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए निरंतर सक्रिय’

चंडीगढ़, 20 जून:गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के मुद्दे पर बुलाई सर्वदलीय मीटिंग में देश की सभी राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टियों की तरफ से भारत सरकार को पूरा सहयोग देने की पेशकश के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को केंद्र सरकार के पास अपनी नीति बदलने की अपील करते हुये कहा कि वह सरहदों पर तैनात सैनिकों को आत्म-रक्षा और देश की हदों की सुरक्षा के लिए हथियार चलाने की आज्ञा दें।
अपने फेसबुक लाइव ‘कैप्टन को पूछो’ के सातवें एडीशन के दौरान बोलते हुये मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वास्तविक नियंतरण रेखा (एल.ए.सी.) पर सैनिकों को हथियारों से बिना भेजने की वह कतई हिमायत नहीं करते। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की यह नीति होनी चाहिए, ‘अगर वह हमारा एक सैनिक मारते हैं तो हम उनके पाँच सैनिक मारें।’ उन्होंने कहा कि यह सरासर गलत है कि सैनिकों को बिना हथियारों से भेजा जाये और उनको अपनी रक्षा करने की आज्ञा न दी जाये। उन्होंने कहा कि जब वह अपने सैनिक साथियों के साथ एल.ए.सी. पर दो साल के लिए तैनात थे तो गश्त पर निकलते समय वह हर तरह के हथियारों के साथ लैस होते थे।
मुख्यमंत्री ने चार पंजाबियों समेत 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने पर गहरा दु:ख और गुस्सा ज़ाहिर करते हुये कहा, ‘हम परमाणु युग में रह रहे हैं और हम डंडे लेकर जा रहे हैं और डंडों के साथ पीटे जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक चीनियों की तरफ से पत्थरबाजी और लाठियों के साथ हमले में शहीद हुए जिस पर इतना सहज ही यकीन नहीं किया जा सकता।
गलवान घाटी में चार पंजाबी सैनिकों की शहादत पर शोक ज़ाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत ही मन्दभागा है, हालाँकि ‘फ़ौज के जवान होने के नाते हम गोली लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा कि शहीदों के वारिसों के मुआवज़े को 12 लाख रुपए से बढ़ा कर 50 लाख रुपए करने के साथ-साथ सरकार ने शहीदों के नाम पर स्कूलों का नाम रखने का फ़ैसला किया है। कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि वह अब तक दो शहीद सैनिकों के पारिवारिक सदस्यों के साथ बातचीत कर चुके हैं।
सिखस फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे.) के वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू के चीन को समर्थन देने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह न सिफऱ् भारत में अलगाववाद और आतंकवाद का प्रचार कर रहे हैं बल्कि इसको उत्साहित करने में सक्रियता से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वह पन्नू को उसके विघनकारी एजंडे में कामयाब नहीं होने देंगे और किसी भी कीमत पर राज्य की शान्ति भंग करने की इजाज़त नहीं देंगे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने खालिस्तानी समर्थकी प्रचार करने वाले को इस नापाक मुहिम को फैलाने के लिए अन्य देशों में छिपने की बजाय पंजाब आने की चुनौती दी।
हर कीमत पर पंजाब की शान्ति कायम रखने के लिए अपनी वचनबद्धता का ऐलान करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि शान्ति न होने पर राज्य में कोई उद्योग नहीं आऐगा और हमारे बच्चों को कोई नौकरी नहीं मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि अगर शान्ति को भंग करने वाली ग़ैर-कानूनी ताकतों को पैर पसारने की आज्ञा दी जाती है तो राज्य की अर्थव्यवस्था की बर्बादी होगी।
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Written By
The Punjab Wire