सोशल मीडिया पर सिपाहियों की भर्ती सम्बन्धी कोई विज्ञापन नहीं दिया गया- पंजाब पुलिस
साईबर सैल में धोखाधड़ी, पहचान छिपाने, जालसाज़ी और अन्य दोषों सम्बन्धी दर्ज किया केस
चंडीगढ़, 15 जून: पुलिस में नौकरियों सम्बन्धी सोशल मीडिया पर डाले जा रहे दस्तावेज़ों को जाली करार देते हुये पंजाब पुलिस ने स्पष्ट किया कि सिपाहियों के पद भरने के लिए ऑनलाइन आवेदनों सम्बन्धी कोई विज्ञापन जारी नहीं किया।
प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस विभाग ने आम जनता को ‘पुरूष और महिला सिपाही भर्ती – 2020 (जि़ला पुलिस कैडर और आम्र्ड पुलिस कैडर)’ के नाम तहत छपे विज्ञापनों को पूरी तरह अनदेखा करने के लिए कहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस पोस्ट को जाली दस्तावेज़ बताया है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस विज्ञापन में कोई सच्चाई नहीं है, दस्तावेज़ के एक प्रमाण से पता चलता है कि पंजाब पुलिस के पुराने विज्ञापनों से एकत्रित की सामग्री लोगों को गुमराह करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। इसके इलावा इस कथित विज्ञापन पर सुरेश अरोड़ा, आईपीएस, डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस, पंजाब, के हस्ताक्षर किये गए हैं जबकि सुरेश अरोड़ा 7 फरवरी, 2019 को सेवा मुक्त हो गए थे और अब वह पंजाब पुलिस का नेतृत्व नहीं कर रहे।
राज्य के साईबर क्राइम सैल में सूचना प्रौद्यौगिकी कानून, 2000 की धारा 66 -सी, 66 -डी के अंतर्गत धोखाधड़ी, जालसाज़ी के दोषों के अंतर्गत भादसं की धारा 420 /465 /468 /471 /120 -बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि धोखाधड़ी, झूठे दस्तावेज़ों को सत्य के तौर पर बरतने, पहचान की चोरी और कंप्यूटर स्रोतों का प्रयोग करके जिस व्यक्ति की तरफ से धोखाधड़ी की गई है, उस सम्बन्धी दोषियों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।