डीजीपी के निर्देशों पर राज्य में कर्फ्यू में ढील देने के बाद नमूने लेने की प्रक्रिया 1 जून से हुई शुरू
चंडीगढ़, 13 जूनःराज्य में कर्फ्यू में ढील देने के बाद कोविड-19 के मामलों में तेजी आने की शंका के मद्देनजर डीजीपी दिनकर गुप्ता द्वारा दिए गए निर्देशों के मुताबिक एक विशेष आरटी-पीसीआर कोविड टेस्टिंग मुहिम के एक हिस्से के तौर पर पुलिस थानों और अगली कतार पर तैनात 7165 पुलिस कर्मचारियों में से 17 कर्मचारियों के टैस्ट पाॅजिटिव पए गए। राज्य स्तरीय कर्फ्यू / तालाबन्दी के दौरान पिछले 3 महीनों से लगभग 48000 पंजाब पुलिस मुलाजीम दिन-रात अगली कतार पर काम कर रहे हैं।
श्री गुप्ता ने कहा कि राज्य के औसतन 2 प्रतिशत पाॅजिटिव मामलों की तुलना में पुलिस फोर्स के कुल नमूनों के लगभग 0.9 प्रतिशत मामले पाॅजिटिव पए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि राज्य की आम जनसंख्या की जांच के बाद यह पता चला कि नागरिकों का टैस्ट आम तौर पर लक्षण वाले व्यक्तियों या उनके मूलभूत या अन्य संपर्कों के कारण किया जाता है, इसके उलट, पंजाब पुलिस के कर्मचारियों के नमूने बेतरतीब ढंग से लिए गए।
डीजीपी ने बताया कि 17 पाॅजिटिव मामलों में से 14 जिला पुलिस के साथ सम्बन्धित हैं, 2 (एक रसोइया समेत) स्टेट आर्म्ड पुलिस / इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) और एक पंजाब होम गार्डज (पीएचजी) के हैं। उन्होंने आगे कहा कि संगरूर में सबसे अधिक पाॅजिटिव केस सामने आए हैं।
श्री गुप्ता ने कहा कि 12 जून तक इकट्ठा किये गए 7165 नमूनों में से 1868 टैस्ट नेगेटिव पाए गए, जबकि 5280 के नतीजों का अभी इन्तजार है। नमूने लेने की प्रक्रिया 1 जून को शुरू हुई थी और रोजमर्रा के आधार पर थानों और अन्य जोखिम वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध टेस्टिंग सामर्थ्य के आधार पर तैनात अधिक से अधिक पुलिस मुलाजिमों की जांच करने की कोशिश की गई। उन्होंने आगे यह भी बताया कि सभी 17 संक्रमित पुलिस कर्मचारी सिविल अस्पतालों में या पंजाब स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थापित किये गए कोविड केयर सेंटरों में एकांतवास किये गए हैं।
डीजीपी ने एक वीडियो काॅन्फ्रेंस के द्वारा सभी एसएसपीज /सीपीज और आईजीज रेंज को निर्देश दिए थे कि वह सभी पुलिस कर्मचारियों का आरटी-पीसीआर टैस्ट करवाएं, जोकि राज्य के 27 रैविन्यू / पुलिस जिलों के 400 से अधिक थानों में अगली कतार पर तैनात हैं। डीजीपी पंजाब ने जिला पुलिस मुखियों और स्टेट आर्म्ड पुलिस के विशेष डीजीपी को हिदायत की कि वह पुलिस वाहनों के चालकों, जेलों की वैनों आदि समेत पंजाब पुलिस के नमूने लें। उन्होंने बताया कि वह सार्वजनिक और अगली कतार पर तैनात पुलिस कर्मचारियों में संक्रमाण में वृद्धि की संभावना के बारे में चिंतित हैं।
स्वास्थ्य विभाग के पास नमूने लेने वाली प्रशिक्षित टीमों की कमी थी, इसलिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा नमूने लेने के लिए पुलिस के साथ मिलकर डाॅक्टरों और पैरामैडिक्स को तुरंत प्रशिक्षण प्रोग्राम के द्वारा रखा गया।
डीजीपी ने कहा कि इससे विभाग को पुलिस फोर्स में मौजूद मुश्किल का हल करने और विभाग को पुलिस और उनके परिवारों का बढ़िया डाॅक्टरी इलाज यकीनी बनाने में भी सहायता मिलेगी। यह पंजाब पुलिस को भविष्य में किसी भी संकटमई स्थिति का मुकाबला करने के लिए अपने प्रबंधों की जांच और डाॅक्टरी इलाज के लिए उचित प्रबंध करने और उचित सामर्थ्य बनाने में सहायता करेगा।
इस दौरान, डीजीपी ने कहा कि सह-रोगों वाला एक कोविड पाॅजिटिव एएसआई अमृतसर में गंभीर स्थिति में बताया गया है। हालाँकि, वह विभाग द्वारा चलाए गए अभ्यास का हिस्सा नहीं था, परन्तु डाॅ. के. के. तलवार, पूर्व डायरैक्टर, पीजीएमआईआर, चंडीगढ़ के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा स्थापित किये माहिर ग्रुपों द्वारा बढ़िया इलाज को यकीनी बनाने के लिए सभी यत्न किये जा रहे हैं।