कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों के लिए पैसे नही हैं, पर मुख्यमंत्री के विदेशी सैर सपाटे तथा सलाहकारों की नियुक्ति के लिए पैसे हैं
चंडीगढ़। शिरोमणी अकाली दल ने सोमवार को मांग की है कि जब तक राज्य के सभी कर्मचारियों के नियमित वेतन जारी नही किए जाते, मंत्रियों, सलाहकारों तथा चेयरपर्सनज को मिलने वाले सभी लाभ बंद होने चाहिए।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व वित्तमंत्री सरदार परमिंदर सिंह ढ़ींडसा ने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि कांग्रेस सरकार के पास सरकारी कर्मचारियों को तो वेतन देने के लिए पैसे नही हैं, परंतु मुख्यमंत्री के विदेशी सैर सपाटे के लिए तथा सरकारी खजाने पर बड़ा बोझ डालने वाले कांग्रेसियों को सलाहकार नियुक्ति करने के लिए करोड़ों रूपए हैं।
सरदार ढ़ींढसा ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि जो सरकार देश में सबसे ज्यादा टैक्स की वसूली कर रही है, उसके पास राज्य के छह विभागों सिंचाई, उद्योग,तकनीनी शिक्षा, ग्रामीण विकास, खेतीबाड़ी तथा योजना के 70 हजार से अधिक कर्मचारियों को नवंबर महीने का वेतन देने के लिए पैसे नही हैं। उन्होने कहा कि कर्मचारियों को वेतन देने की बजाय सरकार ने मंत्रियों तथा इसके सलाहकारों की फौज के वेतन बड़ी फूर्ति से जारी किए हैं। उन्होने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ अपनी पार्टी को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी खजाने को लूट रही है। उन्होने कहा कि मंत्रियों, सलाहकारों तथा चेयरपर्सनज् को दिए जा रहे सभी लाभ तत्काल बंद होने चाहिए।
यह टिप्पणी करते हुए कि यह संकट खुद पैदा किया हुआ है, सरदार ढ़ींडसा ने कहा कि देश में पंजाब सरकार का प्रदर्शन तथा जीएसटी वसूली सबसे खराब रही है। राज्य द्वारा 2019-20 के पहले पांच महीनों के दौरान जीएसटी के जरिए किए राजस्व संग्रह में 44 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। उन्होने कहा कि इसी तरह सरकार ने इस साल के पहले छह महीनों के दौरान अपने टैक्स का लक्ष्य सिर्फ 34 फीसदी हासिल किया है तथा इनमें 14 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।
अकाली नेता ने कहा कि सरकार द्वारा मंहगाई भत्ते की सात किस्तें जारी न करके कर्मचारियों से भेदभाव किया जा रहा है। उन्होने कहा कि राज्य में एक लाख से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं, जिन्हे कांग्रेस सरकार द्वारा भरा नही गया है तथा इसके बावजूद सरकार का यह हाल हुआ पड़ा है।
सरदार ढ़ींडसा ने कहा कि एक तरफ कर्मचारियों को वेतन नही दिया जा रहा तथा दूसरी तरफ सरकार द्वारा पंजाब के छठे वेतन कमिशन की रिपोर्ट जारी करने में जानबूझ कर देरी की जा रही है। उन्होने कहा कि कमिशन को तुरंत रिर्पोट जमा करवाने के निर्देश देकर कर्मचारियों को राहत देने की बजाय, सरकार ने कमिशन का कार्यकाल बढ़ा दिया है।
पूर्व वित्तमंत्री ने यह भी मांग की कि ठेके पर रखे उन 27 हजार कर्मचारियों को तत्काल नियमित कर दिया जाए, जिनकी पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा पहचान की गई थी तथा जिनके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पंजाब एडहाॅक, काॅन्ट्रैक्टचुअल,दैनिक वेतन, टैम्परेरी वर्क , चारर्जड तथा आउटसोर्सड कर्मचारी कल्याण विधेयक 2016 पारित किया गया था।