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वित्त विभाग द्वारा कोविड -19 के विरुद्ध जंग में ड्यूटी के दौरान जान गवाने वाले सरकारी मुलाजि़मों के आश्रितों / कानूनी वारिसों को 50 लाख रुपए की एक्स-ग्रेशिया अनुदान देने सम्बन्धी दिशा-निर्देश नोटीफाई

वित्त विभाग द्वारा कोविड -19 के विरुद्ध जंग में ड्यूटी के दौरान जान गवाने वाले सरकारी मुलाजि़मों के आश्रितों / कानूनी वारिसों को 50 लाख रुपए की एक्स-ग्रेशिया अनुदान देने सम्बन्धी दिशा-निर्देश नोटीफाई
  • PublishedMay 10, 2020

चंडीगढ़, 10 मई: पंजाब के वित्त विभाग द्वारा कोरोनावायरस महामारी के विरुद्ध जंग में अपनी ड्यूटी के दौरान जान गवाने वाले सरकारी मुलाजि़मों के आश्रितों / कानूनी वारिसों को मुआवज़े के तौर पर 50 लाख रुपए की एक्स ग्रेशिया अनुदान देने सम्बन्धी विस्तृत दिशा-निर्देश नोटीफाई किए गए हैं। यह मुआवज़ा सिफऱ् कोविड -19 महामारी के लिए स्वीकार्य है और यह 1अप्रैल 2020 से 31 जुलाई, 2020 तक लागू रहेगा, जिसकी बाद में समीक्षा की जा सकेगी।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह एक्स-ग्रेशिया मुआवज़ा राज्य सरकार के रेगुलर कर्मचारियों, जिनकी कोविड-19 के विरुद्ध जंग में ड्यूटी के दौरान जान चली गई हो, की सभी श्रेणियों पर लागू होगा। पुरानी पैंशन स्कीम के अधीन आने वाले सभी कर्मचारियों और 1 जनवरी, 2004 और उसके बाद भर्ती हुए और नई पैंशन स्कीम (एनपीएस) के अधीन आने वाले सभी कर्मचारी इस एक्स ग्रेशिया अधीन योग्य होंगे। यह एक्स-ग्रेशिया सिफऱ् उन मामलों में स्वीकार्य होगा जहाँ कर्मचारी कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए राज्य की लड़ाई में सीधे तौर पर शामिल हों, जैसे कि कोविड अस्पतालों / क्रिटीकल केयर सैंटरों में ड्यूटी कर रहे कर्मचारी, राज्य के नागरिक को अन्य राज्य से लाने / कोविड मरीज़ों / संदिग्ध मरीज़ों आदि को लाने-जाने में लगे चालक, राशन के वितरण, कफ्र्यू / लॉकडाउन के लागू करने में लगे अधिकारी।

एक्स ग्रेशिया मुआवज़े संबंधी जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि सम्बन्धित जि़लो के सिविल सर्जन, जहाँ कर्मचारी ड्यूटी पर हैं, यह तस्दीक करने के लिए समर्थ अधिकारी होगा, कि क्या कर्मचारी कोरोना पॉजि़टिव था या नहीं और कर्मचारी की मौत कोविड-19 बीमारी के कारण हुई है या नहीं। जब किसी कर्मचारी की कोरोनावायरस के कारण मौत होती है, तो सम्बन्धित जि़लो का डिप्टी कमिश्नर यह तस्दीक करने के लिए समर्थ अधिकारी होगा, कि क्या कर्मचारी कोविड-19 के विरुद्ध राज्य की लड़ाई में ड्यूटी पर था या नहीं। डिप्टी कमिश्नर इस तरह का सर्टिफिकेट जारी करते हुए कर्मचारी को सौंपी गई ड्यूटियों की प्रकृति का पता लगाने के लिए मुख्य कार्यालय से रिपोर्ट माँग सकता है।

कार्यालय द्वारा जमा करवाए गए एक्स-ग्रेशिया के दावे के साथ सिफऱ् सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नरों और सिविल सर्जन द्वारा जारी किए गए यह दोनों सर्टिफिकेट नत्थी होंगे। अन्य सभी मामलों में जहाँ कर्मचारी की मौत हो जाती है और मौत कुदरती / आत्महत्या / हिंसक है, जिसका सरकारी ड्यूटी से कोई सम्बन्ध नहीं है या जहाँ कर्मचारी राज्य की कोरोनावायरस के विरुद्ध लड़ाई में सीधे तौर पर शामिल नहीं था, वहाँ एक्स-ग्रेशिया के मौजूदा दिशा-निर्देश लागू होंगे। यह हिदायतें ऐसे सभी मामलों पर लागू नहीं होंगी, जहाँ कर्मचारी कोविड-19 के साथ लड़ रहे कर्मचारियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना बीमा स्कीम के अधीन आता हो या योग्य हो। प्रवक्ता ने बताया कि ठेके पर या आऊटसोर्सिंग के द्वारा काम कर रहे कामगारों, जिनकी ड्यूटी के दौरान कोविड -19 के कारण जान गई हो, के आश्रितों को वित्तीय राहत प्रदान करने के मामलों को मुख्यमंत्री राहत कोष के प्रावधानों के अधीन विचारा जाएगा।

जि़क्रयोग्य है कि कोविड-19 को डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा 11 मार्च, 2020 को महामारी घोषित किया गया था और इसके बाद पंजाब सरकार ने भी इसको ऐपीडैमिक डिज़ीज़ एक्ट 1897 के अंतर्गत नोटीफाई किया था। राज्य सरकार द्वारा इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कई तरह के रोकथाम उपाय किए हैं, जिसमें 23 मार्च, 2020 से राज्य भर में लॉकडाउन / कफ्र्यू लगाने के अलावा कोविड-19 महामारी से पैदा हुई स्थिति के मुकाबले के लिए श्रृंखलाबद्ध रोकथाम उपाय और सुधारात्मक कदम उठाने शामिल हैं। इस महामारी के मुकाबले के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभागों के कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य विभागों के कर्मचारी भी लगातार सख़्त यत्न कर रहे हैं।

अगली कतार में काम कर रहे ऐसे कर्मचारियों को संक्रमण का ख़तरा ज़्यादा रहता है। इसलिए राज्य सरकार ने सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद कोरोनावायरस के विरुद्ध जंग में सरकारी ड्यूटी के दौरान अपनी जान गवाने वाले कर्मचारियों के आश्रितों / कानूनी वारिसों को एक्स-ग्रेशिया मुआवज़ा देने सम्बन्धी विशेष प्रावधान लागू करने का फ़ैसला किया है।   

Written By
The Punjab Wire