मुख्यमंत्री द्वारा हजूर साहिब में फंसी संगत को वापिस लाने का फैसला बिलकुल सही- विधायक पाहड़ा।
गुरदासपुर। देश में चल रही कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पंजाब सरकार की मांग पर ध्यान न दिए जाने को लेकर प्रदेश कांग्रेस के आहवान पर कांग्रेसियों द्वारा मजदूर दिवस पर हाथों में राष्ट्रीय झंडे लेकर अपने अपने घरों की छत्तों पर चढक़र विरोध प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्श्रकारियों द्वारा वंदे मातरम, भारत माता की जय आदि नारे लगाते हुए केंद्र सरकार से पंजाब को उसका बनता हक देने की गुहार लगाई गई। गुरदासपुर में हलका विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा की ओर से अपने हनुमान चौंक स्थित आवास के ऊपर छत्त पर चढक़र अपना रोष व्यक्त किया गया। जबकि उनके समर्थकों द्वारा अपने अपने घरों की छत्तों पर चढक़र हाथों में झंडे लेकर उनकी हा मैं हा मिलाई गई। इस मौके पर मिल्क प्लांट गुरदासपुर के चेयरमैन एडवोकेट बलजीत सिंह पाहड़ा भी मौजूद रहे।
पाहड़ा ने कहा कि शुक्रवार को पार्टी की ओर से कार्यक्रम रखा गया था कि पंजाब भी हिंदोस्तान का हिस्सा है। लेकिन जबसे कोरोना महामारी विश्व में फैली है। केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के साथ हमेशा सौतेला व्यावहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब की किसान पूरे देश का पेट भरती है। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इस मुश्किल घड़ी में पंजाब को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होने कहा कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का कहना है कि पंजाब के लिए केंद्र सरकार द्वारा बहुत कुछ जारी किया गया है। जबकि असलियत इसके बिल्कुल उल्ट है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि सभी राज्यों को एक सम्मान समझते हुए पंजाब को उसका बनता हक उन्हें दिया जाए।
उन्होंने बताया कि अब तक केंद्र सरकार द्वारा मात्र 2500 टन पंजाब सरकार को दी गई है। जबकि पंजाब का बनता हक उसे नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे है कि हम प्रदर्शन नहीं कर सकते। लेकिन आज मजदूर दिवस पर शांतमयी तरीके से अपनी आवाज देश के प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि गत दिनों वित्त मंत्री मनप्रीत ंिसह बादल द्वारा मांग उठाई गई है कि केंद्र सरकार पंजाब का 4400 करोड़ रुपए जीएसटी की बकाया राशि तुरंत जारी की जाए। उन्होने कहा कि पंजाब में आटा दाल के नाम पर राजनीतिक की जा रही है। लेकिन वह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि आज राजनीतिक करने का समय नहीं है। मौजूदा हालातों को देखते हुए सबको मदद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि पंजाब सरकार द्वारा हजूर साहिब में फंसे लोगों को घर वापिस लेकर गलत फैसला लिया गया है। लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा अपने मुख्यमंत्री होने की जिम्मेदारी निभाई गई है। उन्होंने कहा िक अफसोस की बात तो यह है कि जब कोरोना वायरस की जंग शुरु हुई थी तो उसी समय श्रद्धालुओं को लाने की मंजूरी मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को लाया गया है, उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। उनके लगातार टेस्ट किए जा रहे है। इस लिए किसी को परेशान होने की जरुरत नहीं है।