कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए विशेष रेल गाड़ीयाँ चलाने की माँग की
डिप्टी कमीश्नरों को पंजाब में फंसे प्रवासी मजदूरों की राज्य स्तरीय सूचियां बनाने के लिए कहा, हरेक राज्ये के साथ तालमेल के लिए एक अफसर को नियुक्त करने का फैसला
लाॅकडाउन में हुई वृद्धि के मद्देनजर खाद्य विभाग को गैर स्मार्ट कार्ड धारकों और प्रवासी मजदूरों के लिए राशन का कोटा बढ़ाने के आदेश दिए
चंडीगढ़, 30 अप्रैलःकेंद्र सरकार द्वारा फंसे हुए मजदूरों और अन्य लागों की वापसी संबंधी एडवाईजरी के जवाब में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को सभी डिप्टी कमीश्नरों को प्रवासी मजदूरों की राज्यों के अनुसार सूचियां बनाने के आदेश किये जिससे इनको भेजने के लिए तालमेल स्थापित किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को ऐसे व्यक्तियों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए एक जगह से दूसरी जगह के लिए विशेष रेल गाड़ीयाँ चलाने की माँग की।
मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए हरेक राज्य के साथ तालमेल स्थापित करने के लिए एक अफसर को नियुक्त किया जायेगा।
राज्य के डिप्टी कमीश्नरों और एस.एस.पीज के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए प्रधानमंत्री को भी लिखा है। उन्होंने बताया कि अकेले लुधियाना में ही 7 लाख प्रवासी मजदूर हैं जबकि पूरे पंजाब में यह संख्या 10 लाख से अधिक है। हालाँकि अभी आंकड़े इकट्ठा किये जा रहे हैं। पंजाब में 70 प्रतिशत के करीब मजदूर बिहार से हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों को सिर्फ रेल गाड़ीयों के द्वारा ही भेजा जा सकता है और भेजते समय उनकी सही जांच भी की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने डी.सीज को कहा कि सुविधाजनक वापसी के लिए इस समय के दौरान प्रवासी मजदूरों की राज्यों के अनुसार सूचियां बना ली जाएँ।
लाॅकडाउन में वृद्धि के मद्देनजर कुछ जिलों में खाने वाले पैकेटों की कमी संबंधी प्रकट की गई चिंताओं के जवाब में मुख्यमंत्री ने खाद्य विभाग को मजदूरों और गैर स्मार्ट कार्ड धारकों को बाँटे जाने वाले राशन का कोटा बढ़ाने के आदेश दिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘‘किसी को भी भूखा नहीं रहने दिया जायेगा।’’
प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के 29 अप्रैल के हुक्मों का हवाला देते हुए कहा कि लाॅकडाउन के कारण मजदूर बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं। ट्रांसपोर्ट के लिए बसें काम नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘10 लाख के करीब मजदूरों को वापस उनके राज्यों में भेजने का प्रबंध करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे हालत में सिर्फ विशेष गाड़ीयाँ चलाकर ही इन मजदूरों को भेजा जा सकता है। रेलवे भेजे जाने वाले मजदूरों की संख्या के आधार पर एक जगह से दूसरी जगह तक उनके ठिकानों तक रेल गाड़ियां चला सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हो सकता है कि बाकी राज्य भी ऐसी ही स्थिति से गुजर रहे हों। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इस मामले में प्रधानमंत्री के दखल की मांग करते हुए उनको विशेष रेल गाड़ीयाँ चलाने के लिए रेलवे मंत्रालय को सलाह देने की अपील की जिससे प्रवासी मजदूरों की उनके ठिकानों तक सुरक्षित यात्रा यकीनी बनाई जा सके।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को प्रवासी कामगारों के अंतर-राज्यीय अवागमन की इजाजत देते हुए आदेश दिया था कि व्यक्तियों के समूह को लेजाने के लिए बसों को यातायात के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है परन्तु बैठने के लिए सामाजिक दूरी के नियमों को बरकरार रखने और सफाई की उचित व्यवस्था करने के बाद ही ऐसा किया जाये।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार जो बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड से रोजगार / नौकरियों के लिए पंजाब आए थे, कोविड-19 की महामारी के कारण अपने-अपने राज्यों को जाना चाहते हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘ये कामगार कृषि और उद्योगों में काम करते हैं। हालाँकि, इनमें बहुत से या तो अपना रोजगार गंवा चुके हैं या कोरोनावायरस के फैलाव के कारण राज्य में कर्फ्यू लगने के कारण रोजगार / काम नहीं ढूँढ सकते।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे उनकी सरकार यहाँ फंसे हुए प्रवासी कामगारों जिनकी राज्य के उद्योग और कृषि के लिए जरूरत है, को भोजन, आश्रय और अन्य बुनियादी सहूलतें मुहैया करवाकर पूरी देखभाल कर रही है परन्तु बदकिस्मती से इनमें बहुत से कामगार अपने गृह राज्यों को जाना चाहते हैं।
उन्होंने उम्मीद जाताई कि प्रधानमंत्री समय की नजाकत को समझेंगे और उसके अनुसार रेलवे मंत्रालय को सलाह देंगे।
इसी दौरान मुख्य सचिव करण अवतार सिंह ने वीडियो काॅन्फ्रेंस के दौरान बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक डिप्टी कमीश्नरों को अपने-अपने जिलों में प्रवासी कामगारों की जांच करवानी होगी और सर्टिफिकेट देने होंगे जिसके बाद प्रांतीय कंट्रोल रूम को सम्बन्धित राज्यों को प्रवासी कामगारों के संपर्क नंबरों सहित विवरण देने लाजिमी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रवासी कामगारों को प्राईवेट बसों के द्वारा भेजने पर कोई बंदिश नहीं है। इस संबंधी लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर ने चिंता जाहिर की थी जिसे मुख्य सचिव ने दूर किया।
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