चण्डीगढ़, 30 अप्रैल,।‘प्रधान मंत्री ग़रीब कल्याण योजना’ के अंतर्गत राहत पैकेज हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व पंजाब राज्यों के ग़रीबों की निरंतर सहायता कर रहा है। लॉकडाऊन के दौरान और उसके बाद ग़रीबों के हितों की रक्षा हेतु, भारत सरकार द्वारा गत माह ‘प्रधान मंत्री ग़रीब कल्याण योजना’ के तहत 1.7 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की गई थी। इस के हिस्से के रूप में, महिलाओं, ग़रीब वृद्धजनों व किसानों को निःशुल्क अनाज व नगद भुगतान दिए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में लाभार्थियों ने इस पैकेज के अंतर्गत प्राप्त मदद पर संतुष्टि प्रकट की है तथा साथ में कोविड-19 के प्रति जागरुकता भी दिखलाई है।
हरियाणा के मेवात ज़िले की अनेक महिलाओं ने राहत पैकेज के तहत अपने-अपने जन-धन खातों में 500-500 रुपए प्राप्त किए हैं; यह राशि लॉकडाऊन के इन दिनों में उनके लिए राहत लेकर आई है। इसी प्रकार हरियाणा में रेवाड़ी ज़िले की निवासी सुशीला ने भी संतुष्टि प्रकट करते हुए पुष्टि की कि उनके जन-धन खाते में धन आया है। हरियाणा की एक गृहणी कमला ने कहा कि उन्हें पीएम उज्जवला योजना’ के तहत एक निःशुल्क गैस सिलिण्डर प्राप्त हुआ है तथा विशेष रूप से महिलाओं के लिए सरकार की तरफ से यह एक बड़ी सहायता है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें राशन प्राप्त हुआ है तथा उन्होंने सरकार के इन कदमों की सराहना की।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर ज़िले की निवासी अम्बिका कुमारी ने कहा कि ‘पीएम ग़रीब कल्याण योजना’ के अंतर्गत उनके जन-धन खाते में आई यह राशि कठिन समय में एक बड़ी राहत है। कोविड-19 संबंधी पूछे प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि मास्क पहनना व शारीरिक-दूरी बना के रखने से कोविड-19 से बचने में सहायता मिल सकती है।
हरियाणा के झज्जर ज़िले के किसान ओम प्रकाश ने कहा कि ‘पीएम-किसान’ किसानों के लिए एक बढ़िया योजना है। अपने खाते में 2,000 रुपए प्राप्त होने पर भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वह कार्य करते समय प्रत्येक प्रकार की सावधानियां रख रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले की किसान चम्पा देवी ने कहा कि उन्हें पीएम-किसान के अंतर्गत प्राप्त हुई राशि बीज ख़रीदने पर ख़र्च की थी तथा उन्होंने इस पर प्रसन्नता प्रकट की।
यह कदम सरकार द्वारा लॉकडाऊन अवधि के दौरान लोगों को राहत देने हेतु उठाए गए कदमों की एक श्रृंखला का हिस्सा हैं। प्रौद्योगिकी के उपयोग से ‘आरोग्य-सेतु’ ऐप की शुरुआत भी की गई थी, जो ब्लूटुथ टैक्नोलोजी, ऐल्गोरिदम्स व आर्टीफिशल इंटैलिजैंस जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है; जो आम लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण के ख़तरे से बचाने हेतु स्वयं का मूल्यांकन करने के योग्य बनाती है।