अमित शाह को पत्र लिख कर मुख्यमंत्री ने सीमित ज़ोनों को छोड़ कर बाकी सभी क्षेत्रों में छोटी दुकानों, कारोबार और उद्योगों को खोलने की आज्ञा मांगी
चंडीगढ़, 27 अप्रैल:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक बार फिर केंद्र सरकार का ध्यान कोविड के अनिर्धारित संकट और लॉकडाऊन के मद्देनजऱ पंजाब की नाजुक ज़रूरतें पूरी करने के लिए लम्बित पड़े मामलों की तरफ दिलाने के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री से अपील की है कि वह सीमित ज़ोनों को छोड़ कर सभी क्षेत्रों में छोटी दुकानों, कारोबार और उद्योगों को खोलने की आज्ञा देें। इनको खोलने के लिए कोविड रोकथाम उपायों का पूरी तरह पालन किया जायेगा।
केंद्र की तरफ से राज्यों को पेश मुश्किलों संबंधी लिखित रूप में माँग करने के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने लम्बित पड़े मामलों को उभारते हुये भारत सरकार को इनकी तरफ तुरंत ध्यान देने और इनको पूरा करने के लिए कहा।
आज की प्रधान मंत्री की वीडियो कॉनफ्रेंसिंग में 9 मुख्य मंत्रियों को बोलने के लिए चुना गया जबकि पंजाब समेत बाकी राज्यों को कहा गया कि वह केंद्र सरकार के पास लम्बित पड़े मामलों और इनके हल और इनको विचारने के लिए लिखित रूप में भेज दें। केंद्र के ध्यान में राज्य के लटक रहे विभिन्न मुद्दों में से कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब के जी.एस.टी. बकाए का 4386.37 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने से कोविड -19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं और राहत कामों पर अधिक ख़र्च की ज़रूरत और राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए राजस्व घाटा अनुदान देने की माँग की।
मुख्यमंत्री की तरफ से दूसरे बकाया पड़े मामलों में मंडियों में भीड़ घटाने के लिए किसानों को रुक कर गेहूँ लाने के लिए बोनस देने और प्रवासी मज़दूरों के साथ रोज़ाना काम करते खेत मज़दूरों और उद्योगों के मज़दूरों को सीधी वित्तीय सहायता देने की माँग की।
उन्होंने राज्य की तरफ से जा रही माँगों को दोहराते हुये राज्य के लघु, छोटे और दर्मियाने उद्यमियों (एम.एस.एम.ईज़), बिजली उत्पादन और वितरण कंपनी को ब्याज की रोकथाम, व्यापारिक बैंक की तरफ से कजऱ्े मुलतवी करने और कोयले पर जी.एस.टी. में कटौती करने के लिए सहायता की भी माँग की।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इन मामलों को बहुत महत्वपूर्ण और तुरंत ध्यान की माँग करने वाले बताते हुये गृह मंत्रालय से अपील की, ‘वह कोविड-19 के प्रभावशाली प्रबंधन के लिए इन मामलों को अहम मानते हुये इन पर जल्द हल करें। इसके अलावा संकट से प्रभावित हुए लोगों को अपेक्षित राहत मुहैया करवाई जाये।’
भारत सरकार के पास लम्बित मुद्दों का विस्तार में जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले तीन महीनों के लिए राजस्व अनुदान जो स्थानीय हालत के मुताबिक ख़र्च करने की ढील हो, राज्यों को राजस्व घटने के कारण पेश वित्तीय संकट में से बाहर निकलने में सहायक होगी। उन्होंने अपने पहले सुझाव को दोहराते हुये कहा कि 15वें वित्त आयोग को मौजूदा वर्ष के लिए अपनी रिपोर्ट पर फिर गौर करना चाहिए क्योंकि कोविड -19 के कारण स्थिति मुकम्मल तौर पर बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग को महामारी के प्रभाव को जाँचने के बाद ही पाँच वर्षीय फंडों के वितरण की सिफ़ारिश साल 2020 की बजाय एक अप्रैल 2021 से करनी चाहिए।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को कोविड के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे पुलिस जवानों और सफ़ाई कामगारों के लिए विशेष जोखिम बीमे का ऐलान करने की अपील भी की। उन्होंने दिहाड़ीदारों और औद्योगिक कामगारों के लिए भी राहत की माँग करते हुये औद्योगिक और प्रवासी मज़दूरों के लिए प्रति महीना 6000 रुपए की प्राथमिक आमदन के उपबंध के रूप में सहायता करने के लिए कहा क्योंकि इन लोगों को महामारी के संकट के दौरान अपने रोजग़ार गंवाने पड़े।
राज्य सरकार की अन्य माँगों में ग्रामीण गरीबों की मुश्किलें घटाने के लिए मगनरेगा के अंतर्गत तीन महीनों के लिए 15 -15 दिन का बेरोजगारी भत्ता देना, काम के खर्चों की पूर्ति के लिए छोटे और सीमांत किसानों को मगनरेगा के अंतर्गत 10 दिनों के भत्ते की इजाज़त देना और शहरी स्थानीय इकाईयों और पंचायती राज्य संस्थाओं को ग्रामीण लोगों के लिए भोजन और दवाएँ समेत आपात राहत कामों के लिए 15वें वित्त आयोग की ग्रांटें बरतने की आज्ञा देना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कोविड -19 के विरुद्ध सी.एस.ऐस. के अंतर्गत 25 प्रतिशत फ्लेक्सी फंड बरतने की इजाज़त देने और इसको 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की माँग को भी दोहराया है। इसके अलावा प्रधान मंत्री राहत फंड की रेखा पर सामाजिक कॉर्पोरेट जि़म्मेदारी के अंतर्गत फंडों का योगदान मुख्यमंत्री राहत फंडों में डालने की इजाज़त देने की भी माँग की।
राज्य सरकार ने 729 करोड़ रुपए की लागत के द्वारा सेहत के बुनियादी ढांचे को तुरंत अपग्रेड करने के साथ-साथ न्यू चंडीगढ़ में एडवांस्ड सैंटर ऑफ वायरोलौजी की स्थापना की आज्ञा देने की भी माँग की जिसके लिए राज्य की तरफ से मुफ़्त ज़मीन दी जायेगी।
मुख्यमंत्री की तरफ से उठाए गये बाकी मुद्दों में सैक्टरों अनुसार राहत देना शामिल है जिस के बारे में राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से अलग-अलग उद्योगों /हिस्सों की मुश्किलें घटाने के लिए मदद माँगी गई है।