सभी फ्रंटलाईन कर्मचारियों की सुरक्षा यकीनी बनाने के आदेश दिए, राज्य के सभी सीमित किये 24 ज़ोनों में रैपिड टेस्टिंग के लिए भी कहा
लोगों की जिंदगी और स्वास्थ्य को पहल देते हुए स्पष्ट कहा, ‘‘फैक्ट्री फिर से शुरू करवा सकता हूं पर किसी भी पंजाबी की जान वापस नहीं ला सकता’’
चंडीगढ़, 17 अप्रैल: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को सार्वजनिक तौर पर मास्क के प्रयोग को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए और साथ ही पुलिस को कहा कि इन हुक्मों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये और चालान काटे जाएँ।राज्य में कोविड-19 की स्थिति बारे समीक्षा करने के लिए बुलाई गई वीडियो कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस खतरनाक महामारी को फैलने से रोकने के लिए कोई भी नागरिक घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग जरूर करे और इन हुक्मों को लागू करने में कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए कि जो व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क (चाहे घर पर बना हो या कही और सेे) के बिना देखा जाये, उसका महामारी कानून की धाराओं के अनुसार चालान काटा जाये। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर मास्क पहनने के हुक्मों के 100 प्रतिशत पालन को यकीनी बनाने के लिए कहा।एक कानूगो की हुई मौत के मद्देनजऱ मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ अगली कतार में डटे मुलाजिमों जिनमें स्वास्थ्य, कृषि, पुलिस और राजस्व विभाग का स्टाफ शामिल है, की सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए भी सख्त आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सभी को पी.पी.ई. किटें मुहैया करवाने के साथ-साथ अन्य जरूरी एहतियाती कदम भी उठाए जाएँ।
उन्होंने कहा कि राज्य की माहिर मैडीकल समिति द्वारा वर्करों की सुरक्षा के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन यकीनी बनाया जाये।अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन जो कोविड-19 से सम्बन्धित खरीद के लिए बनाई समिति की प्रमुख भी हैं, ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में ऐसे उपकरणों की कोई कमी नहीं है और फ्रंटलाईन पर काम कर रहे सभी सरकारी कर्मियों और स्टाफ का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि 4.5 लाख पी.पी.ई. किटों का ऑर्डर दे दिया गया है जिनमें से 26,500 मिल गई हैं और 30,000 और अभी या अगले हफ्ते तक आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मास्क और दस्तानों का पर्याप्त स्टॉक पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि लोगों की जिंदगी से कोई समझौता नहीं हो सकता और सरकार की पहल पंजाब के लोगों की जिंदगी बचाने और उनकी सुरक्षा यकीनी बनाने के प्रति जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिर से फैक्ट्री शुरू कर सकता हूँ परन्तु किसी पंजाबी को वापस नहीं ला सकता।’’
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि वह राज्य के सभी सीमित किये गए 24 जोनों में रैपिड टेस्टिंग की मुहिम शुरु करें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पंजाब के चार जिलों (जालंधर, पठानकोट, नवांशहर और एस.ए.एस.नगर) हॉटस्पॉट जिले घोषित किए गए हैं। राज्य अब तक यह टैस्ट जालंधर और एस.ए.एस. नगर में शुरू कर चुका है।स्वास्थ्य सचिव अनुराग अग्रवाल ने बताया कि रोकथाम की रणनीति के हिस्से के तौर पर विभाग ने कौवा ऐप पर राज्य में सीमित किये गए 24 जोनों बारे जानकारी अपलोड कर दी है और इन क्षेत्रों में कोई भी सेवाएं चलाने की इजाजत नहीं दी जायेगी। उन्होंने आगे बताया कि सरकारी मैडीकल कॉलेजों में वैंटीलेटरों की संख्या 102 से बढ़ाकर 220 कर दी गई है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान विनी महाजन ने बताया कि ऑर्डर की गई तेजी से जांच करने वाली 1,01,000 किटों (रैपिड डायग्नॉस्टिक किटों) में से आई.सी.एम.आर. से पहले 1000 किटें प्राप्त हुई थीं और आज 10,000 और किटें प्राप्त की गई हैं। इसी तरह 18 अप्रैल से प्राईवेट ईकायों से 10,000 किटों का दिया गया ऑर्डर मिलना शुरू होने की आशा है। उन्होंने बताया कि इस जांच की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ाई जा रही है।विनी महाजन ने बताया कि बीते दिन तक प्राप्त हुई 1000 किटों में से 527 द्वारा रैपिड टैस्ट किये जा चुके हैं जिनमें से 7 पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने बताया कि यह टैस्ट जालंधर और एस.ए.एस. नगर में किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पॉजिटिव मामलों की आगे पुष्टि के लिए इन्हें आर.टी.-पी.सी.आर. टेस्टिंग के लिए भेजे जा रहे हैं जिनमें से मोहाली से एक केस टैस्ट नेगेटिव आया है जबकि बाकियों का इन्तजार है।
विनी महाजन ने कहा कि राज्य को अगले 30 दिनों के लिए तैयार किया गया है और संभावी वृद्धि के मद्देनजर राज्य पूरी तरह से तैयार है। स्थानीय निजी निर्माता ‘मेक इन पंजाब’ की पहल द्वारा सरकार को पूरा सहयोग दे रहे हैं जिसके अंतर्गत राज्य की कई कंपनियों को पी.पी.ई. किटें, मास्क आदि बनाने की मंजूरी मिल गई है ताकि राज्य में जरूरी मैडीकल वस्तुओं की कोई कमी न आए।अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के पास प्रयोग के लिए 1900 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर मौजूद हैं जबकि 1200 और का अलग-अलग एजेंसियों के पास से प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि 2000 और सिलेंडर खरीदने का प्रस्ताव है जिसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को इसकी माँग भेज दी गई है।
पारिवारिक सदस्यों द्वारा कोरोना वायरस के पीडि़तों का संस्कार करने के लिए तैयार न होना या सामने न आने की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को यह यकीनी बनाने के निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 से बचाव के लिए दिए गए प्रोटोकॉलों के अनुसार मृतकों के शवों के प्रबंधन और उनके अंतिम संस्कार के समय सभी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाये। स्वास्थ्य सचिव ने मुख्यमंत्री को बताया कि सभी दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया जा रहा है जिसमें शवों को प्लास्टिक से कवर करना और ब्लीचिंग पाउडर / घोल में रखना शामिल है। अगर मौत के 48 घंटों के अंदर परिवार अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आता तो स्थानीय प्रशासन को शव की संभाल या अंतिम संस्कार का जिम्मा सौंपा गया है।
मुख्यमंत्री के एक सवाल के जवाब में, मुख्यसचिव करण अवतार सिंह ने कहा कि राज्य को कोविड के बाद वाली स्थिति से बाहर निकालने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए बनाई गई 20 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने दो मीटिंगें कीं और समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि वायरोलॉजी में टैक्नीशियनों की कमी को पूरा करने के लिए गुरू अंगद देव वैटरनरी और एनिमल सांईस यूनिवर्सिटी और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी अपने तकनीकी स्टाफ को उपलब्ध करवा रही हैं और सरकार आउटसोर्सिंग से भी स्टाफ उपलब्ध करवाने के लिए काम कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि आम ओ.पी.डी. ने बहुत से अस्पतालों में गैर-कोविड मरीजों की देखभाल के लिए काम करना शुरू कर दिया है।बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ सांईस फरीदकोट के उप कुलपति और ऑर्थाेपैडिक सर्जन डॉ. राज बहादुर ने मीटिंग के दौरान बताया कि सोमवार तक राज्य की टेस्टिंग सामथ्र्य को और बढ़ाने के लिए एक अन्य लैब फरीदकोट में जांच शुरू करेगी। सरकारी मैडीकल कॉलेज पटियाला और अमृतसर में पहले से ही सामथ्र्य बढ़ा दिया गया है और डी.एम.सी. हस्पताल लुधियाना में भी टेस्टिंग शुरू हो गई है जबकि पी.जी.आई. चंडीगढ़ 40 की बजाय पंजाब से रोजमर्रा के 60 नमूने लेने के लिए सहमत हो गया है।
आई.एम.टैक. चंडीगढ़ नमूनों की टेस्टिंग के लिए तैयार है और पंजाब से भी नमूने लेगी जिसने पूल टेस्टिंग की रणनीति भी तैयार की है। राज्य सी.एम.सी. लुधियाना में टैस्ट करवाने के लिए मंजूरी के लिए भी जोर दे रहा है और इस सम्बन्धी मंजूरी अगले हफ्ते मिलने की उम्मीद है।इससे पहले स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दों बारे राज्य सरकार के सलाहकार डॉ. के.के. तलवार ने मीटिंग के दौरान बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेढ़ महीने पहले राज्य में कोविड-19 संकट के विरुद्ध ऑपरेशन फतेह के अंतर्गत शुरू की गई ट्रेसिंग, ट्रेकिंग और टेस्टिंग (टीटीटी) में हाल ही के दिनों में महत्वपूर्ण ढंग से विस्तार हुआ है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा (बुखार / खाँसी) के लक्षणों वालों की घर-घर जाकर खोज करने के हिस्से के तौर पर राज्य भर में हर रोज 15,000 लोगों से संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा, भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार नइ्र कलस्टरिंग और कंटेनमैंट गतिविधि की पहचान की जा रही है। हस्पताल की ओ.पी.डीज के रिकार्ड के अनुसार हर रोज इंफलूऐन्जा लाइक इलनैस (आई एल आई) के लगभग 1000 मामलों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही हस्पताल आई.पी.डी. के गंभीर साँस सम्बन्धी बीमारियों (ऐस.ए.आर.आई.) के 20 मामलों की भी जांच की जा रही है।राज्य में उच्च मृत्यु दर बारे डॉ. तलवाऱ ने मुख्यमंत्री को बताया कि यह राज्य में बड़े स्तर पर अधिक जोखिम वाले कारणों की बड़ी संख्या के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सैलानियों / प्रवासी भारतीयों की अधिक संख्या में आने से सम्बन्धित है।