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देश भर में लॉकडाउन बढऩे के मद्देनजऱ पंजाब में भी 3 मई तक रहेगा कफ्र्यू, मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय मीटिंग में दी जानकारी

देश भर में लॉकडाउन बढऩे के मद्देनजऱ पंजाब में भी 3 मई तक रहेगा कफ्र्यू, मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय मीटिंग में दी जानकारी
  • PublishedApril 14, 2020

समर्थन के लिए सभी पार्टियों का किया धन्यवाद, सभी सुझावों पर विचार करने का किया वादा

कोविड-19 के खि़लाफ़ जंग को तीव्र करने के लिए कदम उठाने और बड़े स्तर पर टेस्टिंग करने का दिया भरोसा

चंडीगढ़, 14 अप्रैल। कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालात की गंभीरता का हवाला देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को ऐलान किया कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन बढऩे के मद्देनजऱ राज्य में भी 3 मई तक मुकम्मल कफ्र्यू /लॉकडाउन रहेगा। उन्होंने राज्य की सभी राजनैतिक पार्टियों को साथ ही भरोसा दिया कि कोविड-19 महामारी के विरुद्ध जंग जारी रखते हुए राज्य सरकार बड़े स्तर पर टेस्टिंग समेत सभी कदम उठाएगी।

राज्य की सभी राजनैतिक दलों द्वारा इस मुश्किल की घड़ी में राज्य सरकार का समर्थन करने की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी राजनैतिक दलों से अपील की कि वह राजनैतिक विचारों से ऊपर उठकर कोविड-19 के खि़लाफ़ जंग में एकजुटता दिखाएं। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट के साथ प्रभावशाली और समूचे रूप से निपटने के लिए सभी दलों के सुझावों पर राज्य सरकार सक्रियता से विचार करेगी।

कोविड-19 के गंभीर मुद्दे पर विचार के लिए सभी राजनैतिक पार्टियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सारा मुल्क, दरअसल समूचा विश्व मुश्किल समय में से गुजऱ रहा है और पंजाब की स्थिति भी बाकियों से अलग नहीं है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से अब तक इस महामारी के फैलाव को रोकने में मदद मिली है और मौजूदा समय में राज्य में इस बीमारी के पीडि़तों की संख्या देश में सबसे कम है। मैडीकल माहिरों द्वारा दिए गए सुझाव, कि पाँच हफ़्तों के लॉकडाउन से स्थिति में सुधार हो सकता है, का जि़क्र करते हुए उन्होंने इस महामारी के खि़लाफ़ जंग में जीत के लिए सभी कोशिशें करने का भरोसा दिया।

मीटिंग के दौरान अलग-अलग सुझावों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी सुझावों पर विशेष ध्यान दिया, ख़ास तौर पर कामगारों से सम्बन्धित सुझावों पर, और इन सभी के हल के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की अपील को मानते हुए केंद्र सरकार ने उद्योग में काम-काज शुरू करने को मंजूरी दी है और बठिंडा में चार उद्योगों ने काम पहले ही शुरू कर दिया था, जबकि लुधियाना के उद्योगों ने भी काम शुरू करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने बताया कि कफ्र्यू से निकलने के तरीके सुझाने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स दस दिनों में अगली रणनीति संबंधी सिफ़ारिशें देगी।

मुख्यमंत्री ने मीटिंग के दौरान बताया कि राज्य सरकार इस महामारी के फैलाव को रोकने के लिए लगातार टेस्टिंग की क्षमता बढ़ा रही है और अब राज्य के सभी तीन मैडीकल कॉलेज 1200 टैस्ट प्रति दिन के सामथ्र्य से इस महामारी के मुकाबले के लिए तत्पर हैं। पी.जी.आई. चंडीगढ़ में टेस्टिंग की जा रही है, इसके अलावा लुधियाना की डी.एम.सी. और सी.एम.सी. को टैस्ट करने की मंजूरी का इंतज़ार है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने विभिन्न पार्टियों के नेताओं को बड़े स्तर पर टेस्टिंग (रैंडम टेस्टिंग) करने का भरोसा दिया, जो आज दो जिलों में शुरू हो गई। इसका सभी जिलों और गाँवों तक विस्तार किया जाएगा। उन्होंने इस लड़ाई के अग्रणी कामगारों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का भरोसा देते हुए कहा कि सभी को पी.पी.ई. किटें मुहैया की जा रही हैं।

शिरोमणी अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया कि वह इस बीमारी की टेस्टिंग को और बढ़ाने के लिए शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों को परीक्षण करने की मंजूरी देने पर विचार करे। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर एम.पी.एल.ए.डी. फंड को तुरंत जारी करने के लिए कहा, जिससे संसद मैंबर इस फंड का प्रयोग अपने जिलों में कोविड -19 के खि़लाफ़ जंग में प्रयोग कर सकें। इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों के नवीनीकरण के लिए प्राथमिकता के आधार पर 729 करोड़ रुपए भी माँगे।

इस मीटिंग के दौरान सभी पार्टियों के नेताओं ने स्पष्ट तौर पर राज्य सरकार की हिमायत की। कोविड-19 संकट और लॉकडाउन के दौरान मुश्किलों से लडऩे के लिए राज्य सरकार द्वारा की जा रही कोशिशों की सराहना करते हुए उन्होंने स्पष्ट तौर पर मुख्यमंत्री को कहा कि वह इस लड़ाई में राज्य सरकार के साथ हैं।

इस दौरान सभी राजनैतिक दलों के बीच उन सभी संस्थाओंं, जिनमें प्राईवेट अस्पताल भी शामिल हैं, पर सख्त एक्शन लेने की ज़रूरत पर एक राय बनी, जो मुश्किल की इस घड़ी में सरकार की मदद नहीं कर रहे। ज़्यादातर प्राईवेट अस्पताल और ओ.पी.डी. बंद होने के मुद्दे पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले ही सख़्त चेतावनी जारी कर दी है और इसकी परवाह न करने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कई मामलों में प्राईवेट अस्पतालों का बुनियादी ढांचा सरकार द्वारा इस महामारी के खि़लाफ़ जंग में इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि ऐसे अस्पतालों का साजो-सामान सी.जी.एच.एस. दरों पर लिया गया है।

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पठानकोट में तीन अस्पतालों को कोविड अस्पतालों के तौर पर नोटीफाई किया गया और इनमें ज़रुरी उपकरण मुहैया किए जा रहे हैं।

सभी नेताओं ने सर्वसहमति से लॉकडाउन के बाद में उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक कदम उठाने का न्योता दिया। कई नेताओं ने हजूर साहिब, नांदेड़ में फंसे सिख श्रद्धालुओं का मुद्दा भी उठाया, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि उन्होंने इस संबंधी पहले ही केंद्र सरकार से बातचीत की है और जब भी केंद्र सरकार अंतरराज्यीय गतिविधियों की इजाज़त देगी, तब फ़ौरन इन श्रद्धालुओं को वापस लाया जाएगा।

विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने पटियाला कांड के मुलजि़मों के खि़लाफ़ पुलिस द्वारा तत्काल कार्यवाही करने की सराहना की और मुलजि़मों के खि़लाफ़ तत्काल और सख्त सज़ा की इच्छा अभिव्यक्त की। भाजपा के अश्वनी शर्मा ने राज्य सरकार के इस मुद्दे से निपटने के तरीके की सराहना करते हुए कहा कि इससे पुलिस बल और इस जंग के अन्य अग्रणियों का मनोबल बढ़ेगा।

सर्वदलीय नेता, प्रवासी मज़दूरों का मुद्दा हल करने की ज़रूरत पर एकमत थे, जिससे किसानों को कटाई खऱीद सीजन के दौरान किसी तरह की मुश्किल का सामना न करना पड़े। उन्होंने इस मुश्किल स्थिति में जूझ रहे पत्रकारों समेत सभी फ्रंटलाईन वर्करों के लिए बीमे समेत सभी मुलाजि़मों के वेतन को बढ़ाने या बोनस देने की भी इच्छा अभिव्यक्त की।

सहकारी बैंकों के कजऱ्े तीन महीने के लिए टालने की सुखबीर सिंह बादल की माँग पर श्री खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा एक तिमाही के लिए ऐसा करने संबंधी पहले ही कहा गया है। वित्त कमिश्नर विकास ने एक बात और साफ़ की कि राज्य में कपास के बीज की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि 15 मई तक 25 लाख ईकाइयों की माँग के बदले 28 लाख ईकाइयों (450 ग्राम प्रति पैकेट) का ऑर्डर पहले ही कर दिया गया है जिनमें से 12 लाख यूनिट मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में और एक लाख हेक्टेयर कपास अधीन क्षेत्रफल बढऩे से फ़सलीय विभिन्नता की तरफ बड़ा कदम उठाया जायेगा, जिससे पानी और बिजली की बचत होगी। कपास अधीन क्षेत्रफल 5 लाख हेक्टेयर हो जायेगा। सुखबीर बादल ने सुझाव दिया कि कोविड -19 की गतिविधियों से बठिंडा के कैंसर अस्पताल को छूट दी जाये।

आम आदमी पार्टी के राज्य अध्यक्ष और संसद मैंबर भगवंत मान ने प्राईवेट बैंकों के ऋणों के सभी भुगतान और किश्तों को टालने और प्राईवेट कंपनियों के मुलाजिमों की तनख्वाह पर कटौती न करने की माँग की। उन्होंने कौवा ऐप के और प्रचार का भी सुझाव दिया जिसको उन्होंने कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में बहुत सहायक बताया।

भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष अश्वनी शर्मा राज्य सरकार द्वारा खाद्य वस्तुओं के वितरण को सुचारू तरीकेे से चलाने के लिए रद्द किये नीले कार्डों को फिर से बहाल करने के हक में थे। उन्होंने सुझाव दिया कि हर तरह के बिल मुाफ और स्कूल फीस में माफी या कटौती की जाये क्योंकि मध्यम वर्ग मौजूदा संकट से जूझ रहा है। डेयरी और पोल्ट्री फार्मरों को भी और मदद देने की जरूरत है।

बसपा के राज्य अध्यक्ष जसबीर सिंह गढ़ी ने ठेके पर काम कर रहे सभी स्वास्थ्य एवं सफाई कर्मियों को नियमित करने की माँग की है। उन्होंने कहा कि सभी फ्रंट लाईन वर्करों समेत पत्रकारों सभी को बीमा कवर दिया जाये। उन्होंने आगे अपील की कि सरकार पंजाब में फंसे लोगों को उनके घर वापस भेजने का प्रबंध करे। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए स्टेशनरी की दुकानें खोलने की भी माँग की।

सी.पी.आई. सचिव बंत बराड़ ने कहा कि केंद्रीय मंत्री और अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल अपने रुतबे का प्रयोग करते हुए राज्य के केंद्र के पास पैंडिंग पड़े फंड जल्द दिलाने में मदद करें और पंजाब को राहत ग्रांटों में बड़ा हिस्सा दिलाने के लिए भी प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जो हस्पताल मरीजों को दाखिल करने से मना कर रहे हैं, उनको राज्य सरकार अपने हाथ में ले ले।

अकाली नेता और राज्यसभा मैंबर सुखदेव सिंह ढींडसा ने माँग की कि राज्य सरकार वैंटीलेटरों की अपेक्षित संख्या सभी हस्पतालों में पहुँचाए। स. ढींडसा ने दूसरे स्थानों पर फंसे पंजाबियों जिनमें दूसरे देशों में फंसे विद्यार्थी भी शामिल हैं, को लाने के लिए विशेष प्रबंध करने का भी प्रस्ताव रखा। राज्य सरकार ने यह मामला केंद्र के साथ विचारा।

सी.पी.आई. (एम.) के सुखविन्दर सिंह सेखों ने सभी पार्टियों से अपील की कि वह इकठ्ठा होकर केंद्र से सहायता के लिए प्रयास करें। गुज्जरों से दूध न खरीदने के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने माँग की कि इस तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

अधिकतर नेताओं द्वारा जमीनी स्तर पर भोजन की बाँट सही ढंग से न होने संबंधी जाहिर की गई चिंताओं बारे खाद्य मंत्री भारत भूषण आशु ने इसे गलतफहमी करार देते हुए कहा कि 1.41 करोड़ कार्डधारकों को राशन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री द्वारा फ्रंट का आगे बढक़र नेतृत्व करने के लिए उनका धन्यवाद करते हुए पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस मुश्किल घड़ी में सभी पार्टियाँ द्वारा सरकार को दिए सहयोग के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस समय समूचा मुल्क एकजुट होकर खड़ा है। उन्होंने शिरोमणि अकाल दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल और भाजपा के अश्वनी शर्मा समेत कुछ पार्टी नेताओं द्वारा समूह पार्टियों की जिला स्तरीय तालमेल समिति और गुरुद्वारों और गैर-सरकारी संस्थाओं को सूखा राशन देने के लिए दिए सुझावों का समर्थन किया जिससे जरूरतमंदों को बाँटने के लिए और भोजन तैयार किया जा सके।

श्री जाखड़ ने मंडियों में हाथ धोने के लिए पैडल से चलने वाले स्टेशन बरतने का सुझाव दिया। उन्होंने प्रवासी मजदूरों को भी राज्य न छोड़ कर जाने के लिए मनाने के लिए कहा। उन्होंने अकाली-भाजपा गठबंधन को केंद्र सरकार में अपना प्रभाव इस्तेमाल करके कपास मीलें खोलने की इजाजत लेने के लिए कहा क्योंकि विविधता को प्रफुल्लित करने के लिए राज्य सरकार कपास अधीन क्षेत्रफल बढ़ा रही है। उन्होंने आगे कहा कि अकाली-भाजपा गठबंधन द्वारा केंद्र सरकार पर जोर डाल कर छोटे और मध्यम उद्योग के लिए तुरंत पैकेज घोषित किया जाये और सभी प्राईवेट थर्मल पावर प्लांटों की अदायगी का जिम्मा भी केंद्र अपने ऊपर ले। उन्होंने सुझाव दिया कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पंजाब के लिए व्यापक वित्तीय राहत पैकेज लेने के लिए केंद्र सरकार के पास पहुँचे क्योंकि इस नाजुक समय में भी पंजाब मुल्क का पेट भर रहा है।

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा जाहिर की गई चिंता के जवाब में अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विसवाजीत खन्ना ने कहा कि मंडियों में फसल लाने पर कोई सीमा नहीं निश्चित की गई और एक किसान जारी किये पासों के मुताबिक गेहूँ मंडियों में ला सकता है। उन्होंने सुखबीर बादल को भरोसा दिया कि मंडी बोर्ड और आढ़तियों को मास्क और सैनीटाईजर दे दिए गए हैं और खरीद एजेंसियों को भी आगे दे दिए जाएंगे। अकाली दल के अध्यक्ष की एक अन्य चिंता के जवाब में श्री खन्ना ने कहा कि दूध की कहीं भी कोई किल्लत नहीं है बल्कि पंजाब तो दूध की कमी वाले राज्यों को सूखे दूध की सप्लाई करने के लिए इन राज्यों से ऑर्डर का इंतजार कर रहा है।

Written By
The Punjab Wire