निजी स्कूलों की सिक्योरिटी राशी व कालेजों-यूनिवर्सिटियों के लिए बकाया स्कालरशिप राशी तुरंत जारी करे कैप्टन सरकार -हरपाल सिंह चीमा
सरकारी स्कूलों के बच्चों को ‘ऑनलाइन स्टडी’ के लिए जरुरी कदम उठाए शिक्षा मंत्रालय -प्रिंसीपल बुद्ध राम
बच्चों को घर बैठे पढ़ाई के लिए दूरदर्शन और केबल टीवी का सदउपयोग हो -बीबी माणूंके -मास्टर बलदेव सिंह
चण्डीगढ़, 10 अप्रैल । विश्व-व्यापक आफत कोरोनावायरस के कारण ठप्प हुए हालत के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने मान्यता प्राप्त (ऐफिलेटड) निजी स्कूलों, कालेजों और यूनिवर्सिटियों के अध्यापन और गैर-अध्यापन अमले की मासिक वेतन यकीनी बनाने के लिए पंजाब सरकार के समक्ष मांग रखी है कि इन निजी स्कूलों के सरकार के पास पड़ी सिक्योरिटी राशी तुरंत वापस की जाए। इसी तरह एससी /एसटी विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना की सरकार की तरफ पड़े अरबों रुपए की बकाया राशि भी हंगामी हलातों के अंतर्गत सम्बन्धित कालेजों यूनिवर्सिटियों और तकनीकी संस्थाओं को जारी की जाए। इसके इलावा पार्टी ने सरकारी स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों को घर बैठे-बैठे पढ़ाने के लिए ‘ऑनलाइन स्टडी’ समेत अन्य साधनों को प्रयोग में लाने की मांग भी कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार के पास रखी है।
‘आप’ हैडक्वाटर से जारी बयान में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा पार्टी की कोर समिति के चेयरमैन और विधायक प्रिंसीपल बुद्ध राम, विपक्ष की उप नेता बीबी सरबजीत कौर माणूंके और विधायक मास्टर बलदेव सिंह ने शिक्षा मंत्री विजैइन्दर सिंगला की तरफ से प्राईवेट स्कूलों के स्टाफ को वेतन यकीनी बनाने और बच्चों से फीसें न वसूले जाने सम्बन्धित जारी दिशा-निर्देशों के मद्देनजऱ कहा, ‘‘हम शिक्षा मंत्री की तरफ से जारी फरमान प्रशंसनीय हैं। इस समय माता पिता बच्चों की फीसें जमा करवाने के समर्था में नहीं हैं। इसी तरह इन निजी स्कूलों, तकनीकी संस्थानों, कालेजों और यूनिवर्सिटियों में लाखों की संख्या में काम करते टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ का चूल्हा वेतन बगैर चलना मुमकिन नहीं। सभी निजी संस्थान अपने स्टाफ की मासिक वेतन निश्चित रूप से जारी करें, परंतु क्या यह संभव है कि विद्यार्थियों से फीसें वसूले बगैर निजी शिक्षा संस्थान अपने समूचे स्टाफ का वेतन नियमत रूप में जारी कर सकेंगे?’’
हरपाल सिंह चीमा ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को इस विरोधाभासी (कंट्राडिकटरी) हलात में तुरंत दखल देने की अपील करते कहा कि शिक्षा मंत्री अच्छी बातें कर रहे हैं परंतु यह सरकारी फरमान तब तक बेमाना हैं जब तक सरकार खुद भी इन निजी संस्थानों की मदद नहीं करती। चीमा ने मांग की है कि इन निजी स्कूलों की सरकार के पास पड़ी सिक्योरिटी राशि कुछ समय के लिए सभी सम्बन्धित निजी स्कूलों को वापस कर दी जाए। उन्होंने बताया कि पंजाब में 2800 ऐफिलेटड, 2100 ऐसोसिएटड और 3500 के करीब 5वीं और 8वीं स्तर के प्राईवेट स्कूल हैं। जिनमें करीब 2 लाख कर्मचारी काम करते हैं। इसी तरह पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना के अंतर्गत, कालेजों, यूनिवर्सिटियां और तकनीकी संस्थानों की सरकार की तरफ पिछले 5 सालों से बकाया खड़ा 1800 करोड़ रुपए से अधिक की राशि भी तुरंत जारी की जाए जिससे यह सभी निजी शिक्षा संस्थान अपने स्टाफ को बिना देरी वेतन जारी कर सकें।
प्रिंसीपल बुद्धराम, बीबी माणूंके और मास्टर बलदेव सिंह ने सरकारी स्कूलों में पढ़ते लाखों विद्यार्थियों की प्रभावित हो रही पढ़ाई पर चिंता प्रकट करते हुए शिक्षा मंत्री से मांग की है कि सरकार घर बैठे-बैठे इन विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ जुड़े रहने का प्रबंध करे।
‘आप’ नेताओं ने जहां मोबाइल फोनों पर ऑन लाईन सिलेबस उपलब्ध करवाने की मांग की, वहीं दूरदर्शन और स्थानीय केबल टीवी प्रणाली की मदद लिए जाने का सुझाव भी दिया।
‘आप’ विधायकों ने कहा कि सरकारी स्कूलों में बहुसंख्यक गरीब दलित, ग्रामीण परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। ज्य्दातक घरों में स्मार्ट मोबाइल भी नहीं हैं, ऐसी स्थिति में दूरदर्शन और स्थानीय केबल ऑपरेटरों की विशेष सेवाएं इन आम घरों के बच्चों को तब तक पढ़ाई के साथ जोड़ कर रख सकते हैं, जब तक स्कूल नहीं खुल जाते।