चंडीगढ़, 7 अप्रैल: बढ़ रहे कोविड-19 के ख़तरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य की समूची रणनीति को और मज़बूत करने के उद्देश्य से राज्य भर से मैडीकल माहिरों ने इलाज विधि, सहायक प्रबंधन और मामलों की जांच समेत विभिन्न मुद्दों पर एम्ज़ माहिरों के साथ विचार-विमर्श किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को जि़ला अस्पतालों के 92 मैडीकल प्रमुख, आईसोलेशन सुविधाएं और सरकारी मैडीकल कॉलेजों के सदस्यों ने पीजीआई के पूर्व डायरैक्टर डॉ. के.के. तलवार के अलावा एम्ज़ नई दिल्ली, डीएमसी अस्पताल और सरकारी मैडीकल कॉलेजों के कोविड-19 प्रबंधन से सम्बन्धित डॉक्टरों समेत माहिरों की हाजिऱी में यहाँ एक वेबिनार में हिस्सा लिया। महामारी फैलने के मद्देनजऱ अपनी किस्म की इस पहली मीटिंग का मुख्य उद्देश्य मरीज़ों के लिए बेहतर संभव डॉक्टरी देखभाल, इलाज और विधियों को यकीनी बनाना है।
माहिरों के अनुसार जल्दी की गई तालाबन्दी और कफ्र्यू की पाबंदियों की सख्ती से पालना ने पंजाब को वायरस के फैलने को रोकने में मदद की है। माहिरों के पैनल ने आगे कहा कि अभी चौकसी और निगरानी को घटाने का समय नहीं आया है। कोविड -19 के संदिग्ध और पुष्ट मामलों के सही प्रबंधन हेतु अंतिम पड़ाव में मामलों के अचानक बढऩे की घटनाओं को रोकने के लिए अधिक से अधिक टेस्ट करने का सुझाव भी दिया गया। माहिर समूह जो इस विचार-विमर्श पर आधारित अपनी सिफारशें मुख्यमंत्री के समक्ष पेश करेगा, ने पंजाब में मरीज़ों के ठीक होने की दर पर तसल्ली अभिव्यक्त की जोकि राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा दोगुनी है।
यह भी बताने योग्य है कि पंजाब में दाखि़ल 90 मरीज़ों में से 14 मरीज़ ठीक हुए हैं जिनकी तादात 15 फीसद से अधिक बनती है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर अब तक 4421 मामलों में से 92 ठीक हुए हैं जो कि 9 फीसद से कम बनता है। माहिरों ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में पहुँचे कोविड -19 के संदिग्ध और पुष्ट मामलों के प्रबंधन सम्बन्धी विचार-विमर्श का विश्लेषण किया। इस दौरान डॉ. अम्बुज, डॉ. मोहन, एम्ज़ के डॉ. आनंद समेत डॉ. बिशव मोहन, डी.एम.सी. अस्पताल के डॉ. सन्दीप पुरी और डॉ. सरजू के अलावा, जी.एम.सी. अमृतसर से डॉ. सतपाल अलूना, और डॉ. रमिन्दर सिबिया ने माहिर पैनल को पूरा किया। ————–