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निर्धारित बिजली दरों में कटौती का ऐलान, पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा कोविड-19 संकट के चलते लिया फैसला

निर्धारित बिजली दरों में कटौती का ऐलान, पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा कोविड-19 संकट के चलते लिया फैसला
  • PublishedApril 7, 2020

बिलों की अदायगी की तारीख़ आगे बढ़ाई गई, इस समय के दौरान अदायगी न होने के कारण कनैक्शन न काटने के निर्देश

बिजली विभाग को स्वास्थ्य संस्थाओं के लिए निर्विघ्न बिजली सप्लाई यकीनी बनाने के दिए निर्देश

चंडीगढ़, 7 अप्रैल: कोविड-19 संकट के दौरान लोगों को आ रही मुश्किलों को दूर करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को बिजली उपभोक्ताओं के लिए निर्धारित दरों में कटौती करने के साथ-साथ बिलों की अदायगी के लिए समय सीमा टालने का ऐलान किया और बिजली विभाग को सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को निर्विघ्न दिन-रात बिजली की सप्लाई प्रदान करने के लिए हिदायतें भी दीं।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उपभोक्ताओं के लिए राहत का ऐलान किए जाने के कारण पावरकॉम पर 350 करोड़ रुपए का वित्तीय अपिरिक्त भोझ सहना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने निरंतर सप्लाई को जारी रखने में पी.एस.पी.सी.एल. और पी.एस.टी.सी.एल. के कर्मचारियों की अथक कोशिशों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने आगे आदेश दिया कि बिजली विभाग द्वारा कफ्र्यू /लॉकडाउन की बंदिशें ख़त्म होने तक अदायगी न करने पर कोई भी कनैक्शन काटा नहीं जाएगा।

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि पी.एस.पी.सी.एल. को अपना बकाया अदा करने से असमर्थ होने की इस स्थिति के मद्देनजऱ उपभोक्ताओं को राहत देने का ऐलान किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार सभी घरेलू और व्यापारिक उपभोक्ताओं को 20 मार्च, 2020 को या इसके बाद अदा करने वाले मौजूदा महीनावार / दो-माह के 10,000 रुपए तक के बिल की निर्धारित तारीख़ बिना किसी लेट फीस के 20 अप्रैल, 2020 तक कर दी गई है। इसके अलावा, उन खपतकारों को (पहले के बकाए के अलावा) 1 प्रतिशत छूट दी जायेगी जो डिजिटल तरीके से बिजली के बिलों का भुगतान सही निर्धारित तारीख़ पर करेंगे।

यह सब रियायतें सभी औद्योगिक उपभोक्ताओं – मीडियम और बड़े स्तर पर सप्लाई वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं के 20 मार्च या इसके बाद के बिजली बिलों की अदायगी पर भी लागू रहेंगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि औद्योगिक उपभोक्ताओं को 23 मार्च 2020 के बाद अगले दो महीनों के लिए निर्धारित शुल्कों से छूट दी जाये और उनके बिजली के बिल निश्चित प्रभार (एकल दर) में कटौती के अनुरूप हो सकते हैं। क्योंकि संशोधित बिजली के बिलों का उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान किया जायेगा और सब्सिडी पर विचार नहीं किया जायेगा, इसलिए मीडियम और बड़े स्तर पर सप्लाई वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं जिनके यूनिट इस समय के दौरान बंद रहेंगे, को कोई भी बिजली के बकाया की अदायगी की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे बिजली विभाग के प्रमुख सचिव ए वेनू प्रसाद को निर्देश दिए कि राज्य में चल रही सभी स्वास्थ्य सुरक्षा संस्थाओं जिनमें मैडीकल कॉलेज, हस्पताल, डिस्पैंसरियां, मैडीकल संस्थाएं और एकांतवास केंद्र शामिल हैं, को निर्विघ्न बिजली की आपूर्ति मुहैया करवाई जाये जिससे कोविड-19 के खिलाफ चल रहे संघर्ष में कोई रुकावट न आए। उन्होंने यह भी हिदायत की कि पी.एस.पी.सी.एल. सप्लाई की निरंतरता को यकीनी बनाए रखने के लिए सुरक्षा और सप्लाई की बहाली से सम्बन्धित शिकायतों को तुरंत हल किया जाये। इसके अलावा गैर जरूरी सेवाओं जैसे कि मीटर रीडिंग और बिलों के लिए उपभोक्ताओं के स्थानों का दौरा करना, नये कुनैक्शन जारी करना आदि के काम को लॉकडाउन के दौरान बंद कर देना चाहिए।

Written By
The Punjab Wire