(खरीद केन्द्रों को 7-8 अप्रैल तक सभी प्रबंध करने के लिए कहा, कोविड-19 को रोकने के लिए पड़ाव वार कटाई यकीनी बनाई जाए)
चंडीगढ़, 4 अप्रैल:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को गेहूँ की खरीद को निर्विघ्न ढंग से चलाने के लिए व्यापक सुरक्षा योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं और साथ ही उन्होंने खरीद केन्द्रों को भी 7-8 अप्रैल तक सभी खरीद प्रबंध मुकम्मल करने के लिए कहा।
अपने कैबिनेट के साथियों समेत इस सम्बन्धी राज्य की तैयारी की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीद प्रबंधों को पड़ाव वार इस ढंग से लागू किया जाए कि किसानों की फ़सल का एक-एक दाना खरीदा जाए।मंत्रीमंडल ने फ़ैसला लिया कि सभी खरीद केन्द्रों को कोविड रोकथाम उपायों की पूर्ति करनी चाहिए और गेहूँ की खरीद के लिए इन केन्द्रों वाले सभी लोगों के लिए भोजन, पानी, रहने के लिए जगह और डॉक्टरी ज़रूरतों का भी प्रबंध होना चाहिए। इसके अलावा सभी खरीद प्रबंध 7-8 अप्रैल 2020 तक हो जाने चाहिएं।
किसानों को समय पर अदायगी को यकीनी बनाने के लिए यह फ़ैसला लिया गया है कि आढ़तियों को 48 घंटों के अंदर-अंदर भुगतान कर दिया जाएगा और वह अगले 48 घंटों में किसानों को फसलों का भुगतान कर देंगे। काबिलेगौर है कि मुख्यमंत्री ने मौजूदा स्थिति के मद्देनजऱ कल अपने मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार को आढ़तिया के ज़रिये किसानों को अदायगी करने के लिए प्रणाली में संशोधन करने के लिए कहा था और मौजूदा स्थिति को देखते हुए सीधे बैंक ट्रांसफर समेत अदायगी की सहूलतों को फिलहाल टालने के लिए कहा था।
मंत्रीमंडल की बैठक के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कटाई की अटकलों को दूर करने के लिए कम्बायनों को प्रात:काल 6 बजे से शाम 7 बजे तक काम करने की आज्ञा दी जाएगी। इसके अलावा निर्विघ्न और तेज़ी से कार्यवाहियों को यकीनी बनाने के लिए भंडारण वाले स्थानों पर ढुलाई कार्यों के लिए अधिक से अधिक संख्या में मज़दूरों को काम करने की इजाज़त होगी।
भीड़ को रोकने की ज़रूरत के मद्देनजऱ राज्य सरकार इस साल 3000 खरीद केन्द्रों को आढ़तियों और शैलर मालिकों के साथ जोडऩे के लिए काम कर रही है। इस प्रक्रिया में शामिल किसानों और अन्यों को कूपन जारी किए जाएंगे। खरीद के लिए कुल 1820 खरीद केंद्र उपलब्ध होंगे।
मंत्रीमंडल को बताया गया कि खरीद के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए बारदाने, लकड़ी के बक्से और तरपालों के भंडारण के लिए ज़रुरी स्टॉक का प्रबंध किया जा रहा है।