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कोरोना के विरुद्ध जंग में रोपड़ पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए पुलिसकर्मियों के परिवार भी मैदान में उतरे, घर में बनाए मास्क और राशन के पैकेट बाँटे

कोरोना के विरुद्ध जंग में रोपड़ पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए पुलिसकर्मियों के परिवार भी मैदान में उतरे, घर में बनाए मास्क और राशन के पैकेट बाँटे
  • PublishedApril 2, 2020

चंडीगढ़, 2 अप्रैल: कोविड-19 के गंभीर संकट से निपटने के लिए रोपड़ पुलिस कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए उनके परिवार भी मैदान में उतर पड़े हैं। यह परिवार न केवल वित्तीय सहायता दे रहे हैं बल्कि घर में तैयार किये गए मास्क और राशन के पैकेट भी ज़रूरतमंदों तक पहुँचा रहे हैं। रोपड़ के एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा ने आज यहाँ बताया कि पिछले 7 दिनों में 33,000 सूखे राशन के पैकेटों के अलावा पुलिसकर्मियों के परिवारों द्वारा अपने घरों और कम्युनिटी सैंटरों में 800 मास्क तैयार किए गए। एसएसपी ने लोगों के लिए उदाहरण बनकर उभरने के लिए इन पुलिस परिवारों की सराहना करते हुए कहा कि इन्होंने न केवल झुग्गियों वाले गरीब और प्रवासी मज़दूरों के परिवारों तक राशन पहुँचाया बल्कि मोबाइल पैट्रोलिंग के द्वारा हरेक नाके पर घर में बनाए गए मास्क भी बाँटे।

उन्होंने आगे बताया न सिर्फ हरेक परिवार ने मदद के लिए 500 रुपए का योगदान दिया है और यह अपने लोगों की मदद के लिए डटे हुए हैं। तालाबन्दी के बाद दिन में 14-16 दिन ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मचारियों के साथ उनके परिवार पूर्ण समर्थन दिखा रहे हैं। पुलिस क्वार्टरों में रहने वाले 100 परिवारों में से तकरीबन 30 परिवार सहायता के लिए आगे आए हैं। घरों में अपनी सिलाई मशीनों के द्वारा मास्क बनाना सुरक्षा और स्वास्थ्य को यकीनी बनाने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं।  उन्होंने और बताया कि पत्नी, बच्चे और यहाँ तक कि माता-पिता उत्साह के साथ ग़ैर-सरकारी संगठनों और आम लोगों द्वारा दान किए गए राशन से पैकेट बना कर पुलिस वालों पर काम के भोझ को कम करने के लिए उत्साह सहित सक्रिय हैं।

यह हमारा फर्ज बनता है कि हम इस मुश्किल समय में सहायता करें, यह कहना है ए.एस.आई. जगतार सिंह की पत्नी 48 वर्षीय सुखविन्दर कौर का। वह कहती है कि हम इस मुश्किल समय में अपने घरवालों को सुरक्षित रखने के लिए मास्क बनाने से बेहतर कुछ भी नहीं सोच सकते। ए.एस.आई. चन्द्रमोहन की 16 वर्षीय बेटी श्रुति अपनी बड़ी (21) और छोटी (9) वर्षीय बहनों की मदद से अपने ज़्यादातर समय में मास्क बनाने में लगी हुई है। ए.एस.आई. विनोद कुमार की पत्नी परवीन कौर ने भी अपने तीन बच्चों के साथ जंरूरतमंदों के लिए राशन के पैकेट बनाने में मदद की। इस कठिन समय में थोड़ी सी मदद का भी बहुत अधिक महत्तव होता है। इससे हमारे बच्चे मुश्किल समय में हरेक के साथ खड़ा होना सीखते हैं।

ए.एस.आई. जगीर सिंह की बेटी लवप्रीत कौर कहती हैं, ‘‘पुलिस वालों के परिवारों की जि़ंदगी भी उनकी जिदंगी की तरह ही अनुकरणीय है। राशन पैकेट बनाना आम जि़ंदगी में बहतु बड़ी बात नहीं परन्तु इस समय जब पुलिस मुलाजि़म बहुत ज़्यादा ड्यूटी कर रहे हैं हर छोटी मदद भी बड़ी बात है। मुझे खुशी है कि हम इस समय में अपना थोड़ा सा योगदान देकर पुलिस मुलाजि़मों के कंधों से कुछ भार हलका कर रहे हैं।

Written By
The Punjab Wire