केंद्र की तरफ से ना करने की सूरत में कोविड -19 के खि़लाफ़ जंग में जुटे पुलिस और सेनिटेशन मुलाजिमों का बीमा करने का विश्वास दिलाया
वित्त मंत्री को कोविड के मद्देनजऱ संकटकालीन योजना बनाने के लिए कहा, सेवा मुक्त हो रहे सेनिटेशन वर्करों के सेवाकाल में तीन महीने का विस्तार किया
जांच के लिए मोबाइल टेस्टिंग वैनें चलेंगी, सार्वजनिक वलंटियरों को एकांतवास बैडों के लिए प्रशिक्षण दिया जायेेगा
प्रवासी मज़दूरों, गरीबों और ज़रूरतमंदों को इस सप्ताह 10 लाख सूखे राशन के पैकेट बांटे जाएंगे
चंडीगढ़, 30 मार्च: कोविड -19 से निपटने के लिए शुरु किये संघर्ष को जंगी स्तर तक ले जाते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को राज्य की सभी सरहदें सील करने के आदेश दिए। इसके साथ ही राज्य में लगे कफ्र्यू को भी 14 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री ने कोविड के खि़लाफ़ संघर्ष में ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे पंजाब पुलिस मुलाजिमों और सेनिटेशन वर्करों को विशेष बीमा देने का विश्वास दिलाते हुये कहा कि यदि उनकी तरफ से इस माँग को केंद्र द्वारा नहीं पूरा किया जाता तो भारत सरकार की तरफ से स्वास्थ्य कामगारों के लिए ऐलानी स्कीम की तजऱ् पर पुलिस और सेनिटेशन मुलाजिमों का विशेष बीमा किया जायेगा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने वित्त मंत्री को कहा कि वह कोविड -19 संकट से निपटने के लिए संकटकालीन वित्तीय योजना लेकर आएं और यह यकीनी बनाएं कि मौजूदा समय चल रहे संघर्ष के दौरान लम्बे समय के लिए मैडीकल सेवाओं और ज़रूरी वस्तुओं की सप्लाई निर्विघ्न जारी रहे और अगर ज़रूरत पड़े तो भारत सरकार से और सहयोग माँगा जाये। एक अन्य महत्वपूर्ण फ़ैसले में मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकाय विभाग को 2000 सेनिटेशन वर्कर जो 31 मार्च को सेवा मुक्त होने वाले थे, की सेवाएं तीन महीने के लिए बढ़ाने की आज्ञा दी जिससे मौजूदा स्थिति से निपटने के मुकाबले में में कोई दिक्कत पेश न आए।
कोविड-19 संकट और कफ्र्यू की बंदिशों के चलते मौजूदा स्थिति पर विचार और निरीक्षण करने के लिए वीडियो काँफ्रेसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी सम्बन्धी विभागों को वायरस के फैलने की रोकथाम के लिए अपनी कोशिशें तेज़ करने के लिए कहा और कहा कि सभी ज़रूरी वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई निर्विघ्न जारी रहे। उन्होंने साथ ही कफ्र्यू को राज्य और ख़ास कर गाँवों में सख्ती से लागू करने के भी आदेश दिए जहाँ से अभी भी लोगों के इकठ्ठा होने की लगातार रिपोर्टें आ रही हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि कफ्र्यू की बंदिशें सख्ती से 14 अप्रैल तक जारी रहेंगी और इसके बाद राज्य सरकार अगला फ़ैसला भारत सरकार की तरफ से लिए जाने वाले अगले फ़ैसले के दृष्टिगत ही करेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने का एकमात्र उपाय लॉकडाउन ही है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य किसी भी स्थिति से निपटने लिए पूरा तैयार है और सभी सरकारी विभागों को अच्छा काम जारी रखने के लिए अपील की गई है जो वह पिछले कई दिनों से कर रहे हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन ने मीटिंग में बताया कि अब तक 1051 सैंपलों की जांच हो चुकी है जिनमें से 39 पॉजिटिव और 881 नेगेटिव पाये गए हैं जबकि 131 की अभी रिपोर्ट आनी है। इस वायरस के कारण दो व्यक्तियों की मौत हुई है और एककी रिकवरी हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि टैस्टों की संख्या बढ़ाने के लिए मोबाइल टेस्टिंग वैनों को भी चलाया जायेगा। राज्य की तैयारी के विवरण विस्तार में देते हुये उन्होंने खुलासा किया कि मौजूदा उपकरणों के साथ 65 और वैटीलैटर, 1.5 लाख पी.पी.ई. किटें, 47000 एन-95 मास्क और 13 लाख तीहरी परत वाले मास्कों का आर्डर कर दिया है। रक्षक उपकरणों को हर संभव स्रोतों से इक_ा किया जा रहा है
श्रीमती महाजन ने आगे बताया कि लुधियाना की ऐवरशाईन कंपनी ने कोयम्बटूर की सैंट्रल टेस्टिंग लैब से पी.पी.ई. सैपलों की मंजूरी हासिल कर ली है जिससे किटों को पहल के आधार पर लेने का राह साफ हो गया है। फर्म के पास एक दिन में ऐसे 1000 मास्क तैयार करने का सामथ्र्य है जिसका लीड समय पाँच दिन है। ऐस्टराजैनेसा इंडिया की तरफ से पंजाब को 1000 पी.पी.ई. मास्क दान करने से राज्य में इसकी सप्लाई में विस्तार हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर ई.ओ.आई. के द्वारा 20,000 बिस्तरों के लिए सार्वजनिक वलंटियरों की पहचान की गई है। इनका प्रशिक्षण 1 अप्रैल 2020 से शुरू किया जाऐगा और स्टाफ को बैंचों में प्रशिक्षण दिया जाऐगा।
श्रीमती महाजन ने कहा कि नागरिकों को आई.एम.ए. पंजाब के अधीन डाक्टरों के साथ टेली -कनेक्ट करने के लिए एक नयी हेल्पलाइन शुरू की गई है और नागरिक 18001804104 पर काल कर सकते हैं या कोवा मोबाइल एप्लीकेशन पर इस विशेषता का प्रयोग कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग को कोविड -19 के विरुद्ध जंग में जुटे अमले को मज़बूती देने के लिए सभी कदम उठाने की हिदायत करते हुये मुख्यमंत्री ने और मैडीकल ऐमरजैंसियों से निपटने के लिए निजी अस्पतालों की ओ.पी.डीज़ खोलने का सुझाव दिया। उन्होंने विभाग को यह मामला मैडीकल कौंसिल ऑफ इंडिया के पास उठाने के लिए कहा।
वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने राज्य के जी.एस.टी. के बकाए तुरंत जारी करने के लिए केंद्र पर दबाव डालने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और साथ ही यह सुझाव दिया कि हरेक मंत्री और विधायक को अपने एक महीने का वेतन और सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी एक सप्ताह का वेतन कोविड राहत फंड में दान करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा फ़ैसला लागू नहीं किया जा सकता परन्तु सरकारी मुलाजिमों और अन्यों से हर संभव सहायता की अपील की गई है जिससे राहत कामों को आगे और बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कोविड राहत फंड में दिए सभी दान के लिए आय कर टैक्स से छूट दी जायेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता से राज्य की सरहदों को सील करने के प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया जिससे लोगों की आमद खासकर हरियाणा से लोगों की आमद को रोका जा सके।
डी.जी.पी. ने इस बात पर ज़ोर दिया कि क्योंकि हरियाणा और जम्मू और कश्मीर दोनों ने अपनी सरहदों को सील कर दिया है, इसलिए इन राज्यों के लोग और अन्य स्थानों पर फंसे लोग पंजाब में दाखि़ल हो रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से सरहदों को सील करने की इजाज़त माँगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस मुलाजिमों के लिए विशेष एकांतवास सुविधा का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस मुलाजिमों को मास्क और सैनीटाईजऱ मुहैया करवाने के आदेश दिए और डी.जी.पी. को हिदायत की कि वह बारी बारी कर्मचारियों को तैनात करें। उन्होंने ज़रूरत पडऩे पर होम गार्ड और सिवल डिफेंस वलंटियरों को भी इस कार्य में लगाने के लिए उनको तैयार रखने के निर्देश दिए। डी.जी.पी. ने प्रवासी मज़दूरों की रिहायश के लिए डेरा और निजी संस्थाओं के साथ बातचीत करने का सुझाव दिया, जिनमें से 80 प्रतिशत कोविड -19 के फैलाव से पहले उद्योगों में काम करते थे।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर सहमति जताते हुये कहा कि सरकार पहले ही राधा स्वामी सतसंग के साथ प्रवासी मज़दूरों को पनाह देने और भोजन मुहैया करवाने में उनकी मदद लेने के लिए बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रवासी को सडक़ोंं पर रहने की आज्ञा नहीं दी जायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रवासी मज़दूरों के स्कूलों और अन्य इमारतों में रहने के प्रबंध किये जा रहे हैं। कैप्टन अमरिन्दर ने स्पष्ट किया कि हालाँकि उद्योगों और ईंटों के भट्टों को फिर से शुरू करने सम्बन्धी कोई आम ढील नहीं दी गई थी, परन्तु उनको कहा गया था कि कोविड -19 से सम्बन्धित सुरक्षा प्रोटोकोलों की सख्ती से पालना करते हुए वह प्रवासी मज़दूरों की सेवाएं ले सकते हैं अगर वह उनको भोजन और रहने के लिए जगह मुहैया करवा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस कठिन समय में पुलिस की कारगुज़ारी के लिए पंजाब पुलिस की प्रशंसा की, डीजीपी ने मीटिंग को बताया कि ग़ैर-सरकारी संगठनों और सामाजिक/धार्मिक संगठनों के सहयोग से पुलिस फोर्स ने राज्य में कफ्र्यू के दौरान पिछले पाँच दिनों में 1.28 करोड़ से अधिक लोगों को खाना मुहैया करवाया है। इसके अलावा क्षेत्र में तैनात पुलिस मुलाजिमों ने 5 लाख से अधिक सूखे राशन के पैकेटों (कम से कम 3-4 दिनों के लिए 4 व्यक्तियों के परिवार के लिए काफ़ी हैं) की स्पलाई की और राज्य भर में 8.22 लाख लोगों को पका हुआ खाना मुहैया करवाया। खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजऱ विभाग के अधिकारियों द्वारा लोगों को घर-घर निरंतर ज़रूरी वस्तुएँ और सेवाओं की नियमत सप्लाई को यकीनी बनाने के लिए सभी यत्न किये जा रहे हैं। विभाग पंजाब से रोज़ाना की 60,000 मीट्रिक टन अनाज भेज कर देश के बाकी हिस्सों की अनाज सुरक्षा की संभाल कर रहा है।
इसी दौरान खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग के प्रमुख सचिव ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह को बताया कि एन.एफ.एस.ए. लाभपात्रियों को 31 मार्च तक उनका पूरा हक मिल जाएगा और प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना के अंतर्गत अगले तीन महीनों के लिए गेहूँ और दाल का अतिरिक्त वितरण भी 1 अप्रैल 2020 से शुरू होगा। मीटिंग में यह भी बताया गया कि राज्य में एन.एफ.एस.ए. और प्रवासी मज़दूरों के क्षेत्र से बाहर के लोगों को कवर करने के लिए पंजाब सरकार ने 10 किलो आटा, 2 किलो दाल और 2 किलो चीनी वाले 10 लाख पैकेट तैयार करने के आदेश दिए हैं। इन पैकेटों को इस सप्ताह बाँटा जाएगा। बढ़ रही कीमतों के मुद्दे पर खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि सरकार असामाजिक तत्वों द्वारा पैदा की गई नकली कमी के कारण कुछ पदार्थों की बढ़ रही कीमतों के मामलों से पूरी तरह अवगत है और इनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री को कॉन्फ््रेंस के दौरान यह भी बताया गया कि गेहूँ की खरीद के लिए सभी उचित प्रबंध किये जा चुके हैं जो कि कुछ देरी के बाद अब अप्रैल के मध्य में शुरू हो जाएगी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, खाद्य एवं सिविल सप्लाईज़ मंत्री भारत भूषण आशु, ग्रामीण विकास एवं पंचायतों संबंधी मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, स्थानीय निकाय संबंधी मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा, राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने वीडियो कॉन्फ््रेंंस में हिस्सा लिया। कॉन्फ््रेंस में भाग लेने वाले अन्यों में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विसवाजीत खन्ना, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रशासनिक सुधार विनी महाजन, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश चंद्रा, डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग अग्रवाल, खाद्य एवं सिविल सप्लाईज़ विभाग के प्रमुख सचिव के.ए.पी. सिन्हा, बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज़ के उप कुलपति डॉ. राज बहादुर शामिल थे।