CORONA ਪੰਜਾਬ

नियम-कानूनों की उल्लंघना कर बेलगाम घूम रहे मंत्रियों और विधायकों की लगाम कसें कैप्टन अमरिन्दर सिंह -भगवंत मान

नियम-कानूनों की उल्लंघना कर बेलगाम घूम रहे मंत्रियों और विधायकों की लगाम कसें कैप्टन अमरिन्दर सिंह -भगवंत मान
  • PublishedMarch 30, 2020


क्या कानून से ऊपर हैं धर्मसोत, मजीठिया और विजैइन्दर सिंगला जैसे मंत्री -विधायक

चण्डीगढ़, 30 मार्च। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से मांग की है कि वह कफ्र्यू के दौरान नियम-कानूनों की उल्लंघना कर काफिलों के साथ घूम रहे अपने मंत्रियों समेत अकाली-कांग्रेसी विधायकों को एक स्थान पर बैठने के लिए पाबंद करे। 

पार्टी हैडक्वाटर द्वारा जारी बयान में पार्टी के राज्य प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने इस बात पर सख्त ऐतराज करते पूछा कि मंत्री और विधायकों को किस हैसियत से धारा 144 और कफ्र्यू की उल्लंघन करने की इजाजत दी गई है?

भगवंत मान ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को मुखातिब होते कहा कि विश्व-व्यापक प्रकोप कोरोना-वायरस पर विजय हासिल करने के लिए जीरो जन संपर्क ही अकेला उपाय है, क्योंकि अभी तक इस जानलेवा बीमारी पर काबू पाने के लिए कोई दवा नहीं बनी। भगवंत मान ने कहा कि अनगिणत चुनौतिओं और मुश्किलों के बावजूद आम नागरिक घरों में बैठ कर सरकारें, डाक्टरों और विश्व सेहत संगठन के दिशा-निर्देशों की पालना कर रहे हैं, परंतु सत्ताधारी कांग्रेस और लोगों की नफरत का पात्र बने अकाली दल (बादल) के नेता काफिले बना कर गलियों-मोहल्लों में घूम रहे हैं, जो कानून की शरेआम उल्लंघना है। इस लिए गरीबों और जरूरतमंदों के नाम पर बेहद हलकी और संकुचित राजनीति कर रहे इन ड्रामे बाजों पर नकेल कसें।

‘आप’ नेताओं ने कहा कि गरीबों और जरूरतमंदों की मदद राशन वाला थैला देते हुए की फोटो सोशल मीडिया पर डाले बिना घर पर बैठे-बिठाए भी ज़्यादा अच्छे ढंग के साथ की जा सकती है? चीमा ने कहा कि यह दिखावे की मदद संकुचित राजनीति चमकाने के लिए है, दूसरी तरफ ऐसा करके गरीबों की गरीबी का मजाक उड़ाया जा रहा है, जो नैतिक तौर पर बिल्कुल सही नहीं है। इस लिए साधु सिंह धर्मसोत, विजय इंद्र सिंगला, भारत भूषण आशु और बिक्रम सिंह मजीठिया समेत इस तरह की हलकी राजनीति कर रहे सभी मंत्रियों विधायकों और अन्य नेताओं को सख्ती के साथ रोका जाये, क्योंकि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। 

चीमा ने कहा कि हर नेता को अपने हलके और इलाके के गरीबों और जरूरतमंदों के बारे में लगभग जानकारी होती है और ऐसे जरूरतमन्दों के बारे में अपने स्थानीय नेताओं, पंचों, सरपंचों, नम्बरदारों या अन्य से पार्टीबाजी से ऊपर उठ कर सूची तैयार करवाई जा सकती है, जिनको प्रशासन के द्वारा राशन और अन्य जरूरी वस्तुएं मुहैया करना सभी नेताओं और जन नुमाइंदों का असली फर्ज है, जो अपने-अपने घरों से बाखूबी किया जा सकता है।

चीमा ने नाभा में मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की तरफ से राजनैतिक भेदभाव करके अंतर्गत बांटे जा रहे राशन की सख्त निंदा करते कहा कि एक मंत्री को यह शोभा नहीं देता कि वह भेदभाव के द्वारा पहले खुद राशन बांटे और फिर राजनीति से प्रेरित हो कर गरीब लोगों पर मुकदमे दर्ज करवाए। चीमा ने पार्टी के नाभा से हलका प्रधान देव मान के हवाले से कहा कि आधी दर्जन से अधिक लोगों पर धारा 144 तोडऩे समेत कई अन्य आरोपों के अंतर्गत मुकदमे दर्ज किये गए हैं। चीमा ने इस पूरे मामले की समयबद्ध न्यायिक जांच की मांग करते हुए सवाल उठाया कि यदि आम लोगों पर धारा 144 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जा सकता है तो भारी-भरकम लाम लश्कर के साथ नाभा की गलियों में घूम रहे साधु सिंह धर्मसोत पर धारा 144 के अंतर्गत मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया।
    
       

Written By
The Punjab Wire