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पंजाब पुलिस ने 112 हेल्पलाइन में किया विस्तार, प्राईवेट फर्म के साथ साझेदारी के द्वारा सहूलतों को और बढ़ाया जाएगा

पंजाब पुलिस ने 112 हेल्पलाइन में किया विस्तार, प्राईवेट फर्म के साथ साझेदारी के द्वारा सहूलतों को और बढ़ाया जाएगा
  • PublishedMarch 28, 2020

आज 2,23,505 फूड पैकेट बाँटे गए, सहूलतें देने के लिए झुग्गियों में रहने वाले गरीब लोगों की की जा रही है खोज-डीजीपीकल से सब्ज़ी-मंडियों में शुरू होने जा रही बिक्री के लिए पुलिस द्वारा भीड़ प्रबंधन प्रणाली और ज़रूरी पाबंदियों की की जा रही है व्यवस्था

कफ्र्यू सम्बन्धी विशेष कार्यों के दौरान तालमेल बनाने हेतु सीनियर पुलिस अधिकारियों की की नियुक्तियां

चंडीगढ़, 28 मार्च: पंजाब पुलिस ने शनीवार को कोविड-19 के संकट से निपटने के मद्देनजऱ राज्य में लगाए कफ्र्यू / लॉकडाउन के कारण पैदा हुई एमरजैंसी जैसी स्थिति से निपटने के लिए 112 हेल्पलाइन और ज़रूरी वस्तुओं की सप्लाई समेत अपने नागरिक सहायता प्रणालियों में और विस्तार किया है। कफ्र्यू के दौरान लोगों के लिए सहूलतों को और बेहतर बनाने और 112 हेल्पलाइन पर बढ़ रहे दबाव से निपटने के लिए पंजाब पुलिस ने आज 11 वर्क स्टेशनों को जोडक़र 112 कॉल सैंटर के सामथ्र्य को बढ़ाकर 53 कर दी है।

डीजीपी दिनकर गुप्ता के अनुसार तीन शिफ्टों में काम कर रहे कुल 159 कर्मचारी स्टेशनों का प्रबंधन कर रहे हैं। डीजीपी ने बताया कि पंजाब पुलिस साझ केन्द्रों और निजी बीपीओ के संचालकों को इस कार्य में शामिल किया गया है और शुक्रवार को उनके 112 वर्क फोर्स में शामिल होने का प्रशिक्षण दिया गया। जि़क्रयोग्य है कि गुरूवार को पहले ही वर्क स्टेशनों की संख्या 32 से 42 की गई थी। डीजीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब सरकार 112 की सामथ्र्य बढ़ाने के लिए पूर्ण रूप में तैयार / कार्यशील 100-ऑपरेटर स्टेशन की नियुक्ति के लिए एक प्राईवेट बीपीओ फर्म के साथ भी बातचीत कर रही है, और जल्द ही इस फर्म के कर्मचारी मौजूदा कर्मचारियों में शामिल हो जाएंगे। श्री गुप्ता के अनुसार जबकि आम समय के दौरान डायल 112 पर आईं कॉल की संख्या 4000-5000 के करीब थी परन्तु पिछले दिनों में यह संख्या 17,000 से पार हो गई है। इनमें लगभग 60 फीसद कॉल कोविड-19 सम्बन्धी मुद्दों से सम्बन्धित हैं, जिसमें ज़रूरी वस्तुओं की व्यवस्था, एमरजैंसी डॉक्टरी स्थितियों और कफ्र्यू से जुड़े मुद्दे, कफ्र्यू / लॉकडाउन, एंबुलेंस सेवा, संदिग्ध व्यक्ति आदि शामिल हैं। किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रश्र, एंबुलेंस आदि के लिए कॉल करने वालों को जि़ला कंट्रोल रूम या 104 /108 से संपर्क करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

जबकि ज़रूरत के अनुसार दवाएँ, किराना और अन्य ज़रूरी वस्तुओं की व्यवस्था के लिए डिप्टी कमिश्नर, सम्बन्धित अधिकारी या स्थानीय विक्रेताओं द्वारा स्थापित जि़ला वॉर रूम से संपर्क किया जा सकता है। इस प्रणाली को और कारगर बनाने के लिए पंजाब पुलिस के कम्युनिटी पुलिसिंग विंग ने समूह जि़ला कंट्रोल रूमों में साझे हेल्प डैस्क स्थापित किये हैं। वह सभी कॉल जो 112 हेल्पलाइन से जिलों की तरफ फॉरवर्ड की जाती हैं, इन हैल्पडैस्क द्वारा भी संभाली जाती हैं, और जब तक मसला हल नहीं होता, तब तक कॉल करने वाले से संबंध रखा जाता है। स्थानीय पीसीआर और एसएचओ के साथ संपर्क में रहते हुए यह भी यकीनी बनाया जा रहा है कि ज़रूरी चीजें और दवाएँ ज़रूरतमंदों तक समय पर पहुंचाई जाएँ।

डीजीपी ने कहा कि ज़रूरत पडऩे पर स्वास्थ्य एवं खाद्य सप्लाई जैसे अन्य विभागों के साथ भी संपर्क किया जाता है। डी.जी.पी. ने कहा कि इस प्रणाली के द्वारा शुक्रवार को सूखा राशन मुहैया करवा कर बिहार से आए प्रवासी मज़दूरों के 55 परिवारों को मदद दी गई, जो कि अब लुधियाना में रह रहे हैं। राजा सांसी (अमृतसर) में स्थानीय गुरूद्वारे के सहयोग से एस.एच.ओ. द्वारा 30-35 परिवारों को राशन की सुविधा दी गई, जबकि अमृतसर (ग्रामीण) के मुच्छल गाँव में एक महिला जिसने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया था, को अस्पताल ले जाया गया। मोहाली पुलिस द्वारा भी शुक्रवार को 500 परिवारों को सूखा राशन और तुरंत खाने के लिए एक पकाए जाने वाला खाना मुहैया करवाया गया। पंजाब पुलिस अपने राहत कार्यों में भी तेज़ी लाई है और आज शुक्रवार से 19 फीसद वृद्धि के साथ 2,23,605 पैकेट सप्लाई किये गए हैं। पिछले तीन दिनों में 27 जिलों में कुल 5,42,000 यूनिट खाना बाँटा गया है।

एक और पहल करते हुए एडीजीपी इंटेलिजेंस ने इस मुश्किल समय में झुग्गी-झोंपड़ी वालों की देखभाल के लिए राज्य की झुग्गी-झौंपडिय़ों की एक विस्तृत सूची तैयार की है। इस दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद पंजाब पुलिस ने मंडियों में पहुँच रही भीड़ को संभालने के लिए भी कई उपाय किये हैं जिससे बाग़बानी उत्पादों की कटाई और मंडीकरण को नियंत्रित ढंग से करने की आज्ञा दी जा सके। बैरीगेट स्थापित करने और साझी दीवारों के अंतर को बंद करने के अलावा, टमाटर, मटर और गोभी के साथ-साथ प्याज़ और आलू अलग जगह पर बेचने के लिए अलग क्षेत्र निर्धारित किये गए हैं।

मंडियों को सैक्टरों में बाँटा गया है और हरेक सैक्टर के लिए एक व्यक्ति को निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, पुलिस द्वारा निर्धारित की गई प्रणाली के अनुसार बाज़ार में दाखि़ल होने वाली रेहडिय़ों को सिफऱ् एक घंटे का समय मिलेगा जबकि बिक्री के लिए मंडियां रविवार और सोमवार को प्रात:काल 5 बजे खुलेंगी, मंगलवार से मंडियां प्रात:काल 8 बजे बिक्री शुरू करेंगी। श्री गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दिशा-निर्देशों पर उन्होंने राज्य में कफ्र्यू से जुड़े विभिन्न कामों के तालमेल के लिए आईजी, डीआईजी और एआईजी रैंक के अधिकारियों को राज्य स्तरीय पुलिस से तालमेल के लिए और ए.डी.जी.पी. को राज्य स्तरीय पुलिस सुपरवाइजऱी अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया है।

इनमें यह काम शामिल हैं – (1) अंतर-राज्यीय सरहदों (शंभू बैरियर) पर साजो-सामान के यातायात को सुचारू रूप से चलाने के प्रबंध (2) राज्य के अंदर वस्तुओं की ढुलाई और ज़रूरी वस्तुओं को लोगों तक पहुंचाना (3) टेलीकॉम और इन्टरनेट सेवाएं (3) रसोई गैस, डीज़ल-पेट्रोल समेत खाद्य पदार्थों और ज़रूरी वस्तुओं का वितरण, (4) मीडिया समेत टीवी चैनलों और केबल नैटवर्क (5) उद्योग, बैंक, ए.टी.एम., बीमा, (6) कफ्र्यू ई-पास (7) स्वास्थ्य और मैडीकल सेवाएं (8) कानून व्यवस्था (9) विद्यार्थी और प्रवासियों की भलाई। उन्होंने कहा कि यह अधिकारी अन्य राज्यों के अधिकारियों और राज्य के विभिन्न जि़लों में काम करने वाले सिविल और पुलिस अधिकारियों के साथ तालमेल यकीनी बनाऐंगे।————-

Written By
The Punjab Wire