कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा लोगों की मुश्किलों को घटाने के लिए कफ्र्यू सम्बन्धी नए दिशा-निर्देशों का ऐलान
दूध और सब्जियाँ आदि सामान को घर-घर पहुँचाने को यकीनी बनाने के लिए डिप्टी कमिश्नरों को हिदायतें
किराना और दवाओं वाली दुकानें बारी-बारी खोलने की इजाज़त देने के लिए भी डिप्टी कमिश्नरों को दिए आदेश
कफ्र्यू और घरेलू एकांतवास का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आई.पी.सी. की धारा 188 के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की चेतावनी
94,000 एन.आर.आईज़. और विदेशियों के पंजाब लौटने का खुलासा, लगभग 30,000 को एकांतवास में रखा
चंडीगढ़, 24 मार्च: कोविड-19 के संकट से निपटने के लिए मुकम्मल कफ्र्यू के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज लोगों को आ रही समस्याएँ घटाने के लिए कई कदमों का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने स्थिति को और प्रभावी तरीके से संभालने के लिए पुलिस और सिविल प्रशासन के लिए भी कुछ ऐलान किये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कफ्र्यू को जारी रखना ज़रूरी है और इसको अच्छी स्वीकृति भी मिली है परन्तु इसके साथ ही नागरिकों को आ रही दिक्कतों को घटाने की भी ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कफ्र्यू सम्बन्धी नये दिशा-निर्देश पूरी तरह डिप्टी कमिश्नरों की निगरानी अधीन सख्ती से लागू किये जाएंगे और डिप्टी कमिश्नर ही यह यकीनी बनाऐंगे कि ज़रूरी सामान की सप्लाई और सेवाएं लोगों तक पहुँचें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरी बनाए रखना और कोरोना प्रभावित मुल्कों से वापस आने वाले सभी लोगों को ढूँढना और उनकी जांच करना लाजि़मी है। उन्होंने कहा कि हाल ही के दिनों में राज्य में 94000 एन.आर.आईज़. और विदेशी लौटे हैं और इनमें से बहुतों का पता कर लिया गया है और लगभग 30,000 को एकांत में रखा गया है। उन्होंने कहा कि बाकियों को भी ढूँढने के सख्त यत्न किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश से आने वाले किसी भी नये व्यक्ति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कफ्र्यू का उल्लंघन करने वालों के खि़लाफ़ आई.पी.सी. की धारा 188 के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि 48,000 व्यक्तियों को किसी भी सूरत में बाहर निकलने से रोकने के लिए कड़ी नजऱ रखी जा रही है। उन्होंने कहा घरेलू एकांतवास का उल्लंघन करने की सूरत में सरपंच या नंबरदार इलाका मैजिस्ट्रेट, डी.एस.पी. या एस.एच.ओ. को रिपोर्ट किया जाये या फिर 112 नंबर पर पुलिस को कॉल करके बताया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा हालात में लोगों को पेश आ रही समस्याओं को वह समझते हैं और उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को कहा है कि जहाँ तक संभव हो सके पहले से ही शिनाख्त किये गए विक्रेताओं के द्वारा किराना, दूध, फल और सब्जियों जैसी ज़रूरी वस्तुओं को घर-घर पहुँचाने को यकीनी बनाया जाये। इसी तरह कफ्र्यू प्रबंधन प्रणाली की श्रृंखला के तौर पर एस.डी.एम. या इलाका मैजिस्ट्रेट द्वारा रोज़ सुबह दूध, ब्रैड, बिस्कुट, अंडे और अन्य सम्बन्धित वस्तुएँ घरों तक पहुँचाने के लिए रेहड़ी वालों को मनोनीत किया जाये।
मुख्यमंत्री ने बताया कफ्र्यू प्रबंधन सम्बन्धी नये दिशा-निर्देशों के मुताबिक आम छूट मुकम्मल तौर पर वर्जित है और कफ्र्यू के दौरान किसी भी वाहन के चलने की इजाज़त नहीं है। सिफऱ् आपात समय के मौके पर लोग किराना, दूध, फल और सब्जियाँ और दवाएँ /कैमिस्टों के पास पैदल जा सकते हैं और डॉक्टरों के पास या नर्सिंग होम भी जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घरों में सामान पहुँचाने की इजाज़त दें और जहाँ भी ज़रूरत हो डिप्टी कमिश्नर फ़ोन नंबरों की जानकारी का प्रसार करेंगे जिसके अंतर्गत मैडीकल सहायता और अन्य ज़रूरतों आदि के लिए अस्थाई तौर पर बाहर जाने के लिए इजाज़त देंगे। आपात स्थिति की सूरत में कोई भी नागरिक या निवासी ज़रूरी सेवाएं हासिल करने के लिए पुलिस या सिविल कंट्रोल रूम पर कॉल कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस और सिविल प्रशासन को हिदायतें की हुई हैं कि यह यकीनी बनाया जाये कि नागरिकों को न तो कोई मुश्किल पेश आए और न ही इस कठिन समय में वह परेशान हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने क्रमवार सब्जियाँ और किराने को घर-घर पहुँचाने सम्बन्धी प्रणाली को अमल में लाने को यकीनी बनाने के लिए जि़ला मंडी अफसरों /मार्केट कमेटी सचिवों को हुक्म जारी कर दिए गए हैं जिससे कफ्र्यू के दौरान ढील से बड़ी संख्या में लोग दुकानों पर न जुड़ें क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति खऱाब हो सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि कुछ बड़े मॉल और कारोबारी भी घर-घर सामान पहुँचाने के काम में साथ जोड़े जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किरानो की दुकानें, दूध विक्रेताओं, फल और सब्जियों की दुकानें और कैमिस्टों को अपनी दुकानें खोलने के लिए आम इजाज़त देने की बजाय उनको बारी-बारी इजाज़त देने का फ़ैसला किया गया है। एक समय पर सम्बन्धित इलाके में कम-से-कम एक दुकान खुले। ऐसी दुकानों को कॉल करने पर घर-घर सामान पहुँचाने की भी आज्ञा होगी। इजाज़त के साथ खुलने वाली दुकानों पर बहुत बड़ी भीड़ को रोकने और अपेक्षित दूरी बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने बताया कि यह फ़ैसला किया गया है कि इसको यकीनी बनाने के लिए 1 या 2 पुलिस वालों की निगरानी अधीन काम किया जाना चाहिए।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य में आम लोगों और ख़ासकर कमज़ोर वर्गों की सभी जायज़ ज़रूरतों की पूर्ति के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने दोहराते हुए कहा कि मौजूदा हालात में कफ्र्यू लगाना ज़रूरी था और उन्होंने लोगों को अपने राज्य और मुल्क के हितों के मद्देनजऱ पूर्ण सहयोग देने की अपील की।