मोहल्लों में एकजुट होकर बैठे रहे लोग, ताश खेलते नजर आए।
नियमों का पता न होने के चलते लोग रहे अंजान
मनन सैनी
गुरदासपुर। कर्फ्यू के दूसरे दिन मंगलवार को पुलिस ने सख्ती का इस्तेमाल किया। जिसके चलते पुलिस ने हलके का प्रयोग भी किया। लोगो को घरों में रखने के लिए पुलिस कर्मचारी बेहद मुश्क्कत करते नजर आए। पुलिस के बल प्रयोग करने के चलते शहर में सड़को पर सन्नाटा पसरा रहा परन्तु लोग गली मोहल्लों में ताश, इत्यादि खेलते रहे।
डीसी की ओर से जारी सख्त निर्देशों की सख्ती को जहां बहुत से लोगो ने सराहा वहीं कुछ लोग सख्ती के कारण जरुरत का सामान न मिलने के चलते परेशान दिखे। एसएसपी गुरदासपुर स्वर्णदीप सिंह की ओर से खुद गश्त की गई तथा पुलिस अधिकारियों की सख्त निर्देश दिए गए कि कहीं भी भीड़ एकत्र न हो। डीएसपी सिटी सुखपाल सिंह तथा थाना सिटी प्रभारी जर्बजीत सिंह की ओर से भी निरंतर सख्ती की सड़को, गलियों मोहल्लों से भीड़ को घरों में रहने के सख्त निर्देश दिए गए।
डीसी गुरदासपुर की ओर से समय समय पर कर्फ्यू में ढील दी गई जिसमें दूध की सप्लाई, दवाएं, सब्जी आदि की होम डिलिवरी, गैस सिलेंडर की होम डिलिवरी, पेट्रोल पंप, सब्जी इत्यादि शामिल था। परन्तु फिर भी लोग अपनी विभिन्न प्रकार की मांगों को लेकर शिकायत करते नजर आए।
पहले दिन थोड़ी सी दी गई ढील तथा नियमों की पूरी जानकारी न होने के चलते हनुमान चौंक पर स्थित एक मेडिकल स्टोर का शटर खोलने पर दवा लेने वालों की भीड़ लग गई । जिसका कड़ा संज्ञान लेते हुए एसएसपी स्वर्णदीप सिंह की ओर से सख्त चेतावनी दी गई कि दवाओं की केवल होम डिलीवरी होगी तथा दुकानों का शटर नही खोलेगें। जिसके लिए व्हाट्स एप भी जारी किए गए है। हालाकि इन व्हाटस एप नंबर पर सभी दवा विक्रेताओं को भारी तादात में दवा संबंधी पर्चीया भेजी गई तथा लोगो में रोष था कि उन्हे कई घंटे बीत जाने के बावजूद भी दवा की डिलिवरी नही मिली। जिसका कारण दवा विक्रेताओ की ओर से पास मिलने में देरी बताया गया।
वहीं दिहाड़ी लगाने वाले लोगो का कहना था कि उनके पास पैसे नही है, वह बेहद गरीब परिवार से संबंधित है तथा दिहाड़ी लगा कर अपना जीवन यापन करते है उन्हे खाने के लाले पड़ गए है। वहीं ड़ीसी गुरदासपुर की ओर से किसी भी जरुरतमंद को प्रशासन की ओर से दिए गए नंबर पर बात करने कर सपंर्क करने के लिए कहा गया तथा सुनिश्रचित किया गया कि सभी का बेहद ध्यान रखा जाएगा ।
वहीं गांव के किसानों का कहना है कि उनका कसूर क्या है। उनकी बीजी गई सबिजयां खराब हो रही है, उनकी फसलें खराब हो रही है, वह क्या करेंगें। इस संबंधी जंगलात विभाग के दिहाड़ीदार भी बेहद परेशान दिखे जिनका कहना था कि उन्हे दो माह से वेतन नही मिला तथा औरत मजदूरों को पिछले पांच माह से वेतन नही मिला ।