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पंजाब पुलिस ने डेरा बाबा जगतार सिंह लूट केस का मामला कुछ ही दिनों में सुलझाया, सभी 6 संदिग्ध गिरफ़्तार और चोरी हुआ पैसा किया बरामद

पंजाब पुलिस ने डेरा बाबा जगतार सिंह लूट केस का मामला कुछ ही दिनों में सुलझाया, सभी 6 संदिग्ध गिरफ़्तार और चोरी हुआ पैसा किया बरामद
  • PublishedMarch 6, 2020

चंडीगढ़, 6 मार्च:पंजाब पुलिस द्वारा डेरा बाबा जगतार सिंह लूट केस को कुछ दिनों में सुलझाते हुए एक बड़ी सफलता दर्ज की गई है। इस सम्बन्ध में सभी 6 संदिग्धों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और चोरी हुए 1.66 करोड़ रुपए की नकदी भी बरामद की गई है।इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि 1.13 करोड़ रुपए की नकदी तरन तारन पुलिस द्वारा बरामद की गई जबकि अमृतसर पुलिस ने 53 लाख रुपए बरामद किये।

डीजीपी ने एसएसपी तरन तारन ध्रुव दाहीया और उनकी टीम समेत पुलिस कमिश्नरेट (अमृतसर) को इतने कम समय में केस सुलझाने सम्बन्धी मुस्तैदी दिखाने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने बताया कि व्यापक खोज, गुप्त सूचना और तकनीकी अध्ययन के निष्कर्ष के तौर पर ही पुलिस द्वारा यह केस हल किया गया है।इस मामले सम्बन्धी दोषियों की पहचान सुखविन्दर सिंह उर्फ बाबा भूंडी, तरसेम सिंह उर्फ ग्रोटा, बलविन्दर सिंह उर्फ बिल्ला पुत्र तरसेम सिंह, सुखचैन सिंह उर्फ चैना पुत्र प्रेम सिंह (सभी निवासी गाँव खुरमणीयां, जि़ला अमृतसर) और सतनाम सिंह उर्फ सत्ता और रवि पुत्र इकबाल सिंह (दोनों निवासी गाँव संघा) थाना सदर तरन तारन के तौर पर हुई है।24 फरवरी की रात को हुई लूट के बाद बाबा महेन्दर सिंह के बयानों के आधार पर अंजान व्यक्तियों के खि़लाफ़ पुलिस ने एफ.आई.आर. नं. 66, धारा 379 बी, 342, 459, 506, 34 आइपीसी के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।

जि़क्रयोग्य है कि 1 मार्च, 2020 को एफ.आई.आर में आईपीसी की एक अन्य धारा 395 शामिल की गई थी।सी.सी.टी.वी. फुटेज के विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने मुलजि़म की सही पहचान की, जो कि अमृतसर की तरफ भाग गए थे। जब कि सुखचैन सिंह को 28 फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था, अगले दिन सतनाम सिंह को काबू कर लिया गया था।अब तक हुई जाँच से यह पता लगा है कि गुरू नानक मल्टीस्पैशियैलिटी अस्पताल के नज़दीक स्थित बाबा जगतार सिंह के डेरे में ड्राइवर के तौर पर काम करते हुए सतनाम सिंह ने ही सारी लूट की योजना बनाई थी और वही इस वारदात का मुख्य साजि़शकर्ता था। क्योंकि सतनाम को नकदी की जगह के साथ-साथ रात के समय डेरे में अलग-अलग परसोनलों के ठिकानों संबंधी पूरी जानकारी थी।सतनाम ने लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए योजना बनाने और टीम बनाने के लिए सुखचैन सिंह के साथ संपर्क किया क्योंकि वह जानता था कि सुखचैन सिंह मज़बूत आपराधिक पृष्ठभूमि वाला है।

डी.जी.पी. ने बताया कि सुखचैन सिंह, जो हाल ही में अमृतसर जेल से बाहर आया था, और फिर अन्य मुलजि़मों समेत गिरफ़्तार कर लिया गया था। सुखचैन सिंह को छोडक़र बाकी सभी पाँच मुलजि़म लूट की रात को एक स्विफ्ट कार में डेरे आए थे। उनमें से दो कार में रुके थे।अगली जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए कोई हथियार नहीं इस्तेमाल किया गया था। डकैती के दौरान इस्तेमाल की गई स्विफ्ट बलविन्दर सिंह के पास से बरामद की गई।डी.जी.पी. के अनुसार तरन तारन पुलिस ने एक लाख रुपए बरामद किये। सुखचैन सिंह के घर से चोरी की गई नकदी के 12 लाख रुपए और सतनाम सिंह के घर से करीब 5.65 लाख रुपए बरामद किये गए।

सुखचैन सिंह से पूछताछ के आधार पर 5 मार्च को डीएसपी/क्राइम अगेंस्ट प्रॉपर्टी के नेतृत्व वाली टीम, तरन तारन के विरुद्ध 95.5 लाख रुपए की नकदी बरामद की गई थी।दोषी सुखचैन सिंह ने स्वीकार किया था कि उसने रेलवे स्टेशन, अमृतसर के नज़दीक सेठी मनी ऐक्सचेंजर नाम की दुकान से चोरी की गई नकदी को अमरीकी डॉलर में तबदील करवा लिया था। फिर उसने पंजाब और सिंध बैंक, तरन तारन रोड, अमृतसर में एक लॉकर में बदले हुए 1.30 लाख अमरीकी डॉलर और चोरी की गई नकदी के बाकी साढ़े चार लाख रुपए रखे। इसके बाद 5 मार्च को बैंक से कुल रकम वसूल की गई।डी.जी.पी. ने बताया कि मामले की अगली जांच की जा रही है।

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The Punjab Wire